Swachch Dhabas

यूपी के स्वच्छ ढाबों को मिलेगी स्टार रैंकिंग

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश को स्वच्छ प्रदेश (Swachch Pradesh) बनाने जुटी योगी सरकार (Yogi Government) ने स्वच्छ भारत मिशन-नगरीय के अंतर्गत पूरे प्रदेश के 750 निकायों में ‘स्वच्छ ढाबा’ (Swachch Dhabas) अभियान शुरू किया है। इस अभियान के माध्यम से सबसे स्वच्छ ढाबों को चिन्हित किया जाएगा और फिर उन्हें स्टार रैंकिंग प्रदान की जाएगी। स्वच्छता के आधार पर यह रैंकिंग निर्धारित होगी। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने 5 जनवरी से 12 जनवरी के बीच सभी 750 निकायों में रोड साइड स्थित ढाबों पर एक उद्देश्यपूर्ण कार्यवाही की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य सोर्स सेग्रीगेशन और वेस्ट टू वेल्थ विजन को प्रोत्साहित करना है। साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को बंद करके प्लास्टिक फ्री जोन (Plastic Free Zone) बनाना है। इस अभियान के तहत मॉस मोबिलाइजेशन और जन जागरूकता का भी प्रसार किया जाएगा। साथ ही ढाबों में स्वच्छ शौचालय बनाए रखने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।

सबसे स्वच्छ ढाबों (Swachch Dhabas) को मिलेगा पुरस्कार

राज्य मिशन निदेशक नेहा शर्मा (Neha Sharma) की ओर से इस संबंध में समस्त नगर आयुक्तों को एक एसओपी जारी की गई है। इसके अनुसार नगरीय निकायों से अपेक्षा की जाती है कि वो अपने निकाय के अंतर्गत आने वाले रोड साइड ढाबों को चिन्हित करते हुए 12 जनवरी 2023 तक संचालित इस अभियान में ढाबों के आसपास के जनमानस को जागरूक करेंगे। इसके अलावा 13 जनवरी से 30 मार्च तक चिन्हित ढाबों की स्थिरता, रखरखाव बनाए रखने के लिए मॉनीटरिंग की जाएगी। 20 मार्च से 31 मार्च तक रैंकिंग के आधार पर सबसे स्वच्छ ढाबों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। ढाबों पर स्पिनिंग व्हील भी लगाया जाएगा, जो व्यक्ति पहिया घुमाएगा और सही जवाब देगा उसे जूट या अन्य रिसाइकिल से बने हैंडबैग देकर सम्मानित किया जाएगा।

ढाबों को ऐसे मिलेगी स्टार रैंकिंग

मार्च के अंत में अभियान में प्रतिभाग करने वाले ढाबों की रैंकिंग का कार्य किया जाएगा। रैंकिंग का आधार निम्नवत होगा।

एक स्टार

– सिंगल यूज प्लास्टिक और प्लास्टिक कटलरी का प्रयोग ढाबे में नहीं किया जाना चाहिए। सार्वजनिक उपयोग के लिए 2 डिब्बे (हरे और नीले) ढाबे में लगे होने चाहिए।

-ढाबे द्वारा गीले और सूखे कचरे में अलग-अलग करना चाहिए और अलग-अलग निपटान भी करना चाहिए।

-ढाबे में लोगों के लिए शौचालय साफ एवं उपलब्ध होना चाहिए।

-ढाबे द्वारा ओडीएफ श्रेणी की सभी शर्तों को पूरा करना चाहिए। गूगल मैप या टॉयलेट लोकेटर पर ढाबे के शौचालय की लोकेशन अपलोड होनी चाहिए।

-ढ़ाबों के आसपास कुड़े का ढेर नहीं होना चाहिए। ढाबों पर चित्रों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश होना चाहिए।

तीन स्टार

-ढाबे द्वारा 1 स्टार की सभी शर्तों को पूरा करना होगा।

-ढाबे में गीले अपशिष्ट (कम्पोस्टिंग या कॉम्पैक्ट बायोगॅस) की उपलब्धता होनी चाहिए।

-ढाबे में साफ पार्किंग, ब्यूटीफिकेशन होना चाहिए।

पांच स्टार

-ढाबे द्वारा 1 और 3 स्टार की सभी शर्तों को पूरा करना होगा।

-ढाबे द्वारा गीला और सूखा दोनों प्रकार के कचरे का पुनः उपयोग स्वयं के स्तर पर करना होगा।

-ढाबा जीरो वेस्ट और 3 आर (रिड्यूस, री-यूज और रिसाइकिल) को फॉलो करना होगा।

-ढाबे पर वेस्ट टू वंडर (आइटम) / सेल्फी पॉइंट (कचरे से) बना बना होना चाहिए।

-ढाबे पर बेकार सामग्री से बने सामान को बेचने के लिए छोटा स्टॉल लगाना होगा, जिससे ढाबे पर आने वाले लोग उसको देखें और प्रोत्साहित हो।

स्टेकहोल्डर की भूमिका और जिम्मेदारियां

एनजीओ के लिए:

-स्वच्छ भारत मिशन के अनुसार ODF + और ODF++ प्रोटोकॉल और स्वच्छता को समझने के लिए ढाबा कर्मचारियों की सहायता करना।

-सामुदायिक भागीदारी और जुड़ाव में कर्मचारियों की सहायता करना।

-आईईसी गतिविधियों के निष्पादन में ढाबा का सहयोग करना।

-उच्च स्टार रंकिंग श्रेणी हेतु आवेदन करने के लिए ढाबों को प्रेरित करना।

-मूल्यांकन के दौरान ढाबे को प्रदर्शन की उच्च श्रेणी में रखने में मदद करना।

-ढाबा को कंपोस्टिंग (तकनीकों के प्रकार, विधियां आदि) के लिए प्रेरित करना।

पेट्रोल पंपों के लिए:

-होर्डिंग्स के माध्यम से स्वच्छ ढाबा अभियान को बढ़ावा देना।

-गूगल मैप या टॉयलेट लोकेटर पर अपने शौचालय की लोकेशन अपलोड करना।

-शौचालय समुदाय के लोगों के लिए हर समय खुला होना चाहिए और उसे साफ और स्वच्छ रखना।

मार्केट एसेसिएशन के लिएः

-ढाबा को सिंगल यूज प्लास्टिक प्रयोग ना करने के लिए प्रोत्साहित करना। जूट या पुनः प्रयोज्य पैकेजिंग में सामान की आपूर्ति कराने और पैकेजिंग को कम से कम करने में सहायता प्रदान करना।

-ढाबे द्वारा तैयार खाद बेचने में ढाबे का सहयोग करना।

-स्वच्छ ढाबा अभियान का ज्यादा से ज्यादा प्रचार करना।

-लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक के स्थान पर कपड़े का झोला प्रयोग करने हेतु प्रेरित करना।

-अभियान का समर्थन करने के लिए धन के माध्यम से निकायों की सहायता करना। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने में निकायों की सहायता करना।

एनसीसी / एनएसएस कैडेट के लिए:

-ढाबा के साथ प्रचार करना और स्वच्छता से लोगो को जोड़ने हेतु गतिविधियों का आयोजन करना।

-आगंतुकों को 3 आर (रिड्यूस, री-यूज और रिसाइकिल) सिद्धांत का पालन करने और कचरे को अलग-अलग करने के लिए प्रेरित करना।

-निदेशालय और निकाय के सोशल मीडिया चैनलों को फॉलो करने के लिए लोगों को प्रेरित करना।

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