data center

आईटी सेक्टर में 7 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव पारित

351 0

लखनऊ। उत्तर प्रदेश जल्द ही डेटा सेंटर (Data Center) का हब बनने जा रहा है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा में खुले उत्तर भारत के पहले डेटा सेंटर (Data Center) के बाद अब योगी सरकार ने सूबे में 7 और डेटा सेंटर खोलने का फैसला किया है। इस तरह ग्रेटर नोएडा के डेटा सेंटर को मिलाकर कुल 8 डेटा सेंटर हो जाएंगे। इसके लिए डेटा सेंटर 2021 नीति में संशोधनों के प्रस्ताव को प्रदेश मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिल गई है। अब नोएडा व ग्रेटर नोएडा के अलावा अन्य जनपदों में भी डेटा सेंटर खुल सकेंगे। ये डेटा सेंटर ग्रेटर नोएडा में खुले नए डेटा सेंटर की क्षमता से कम होंगे। सरकार इन सभी डेटा सेंटर के लिए भूमि अनुदान की व्यवस्था करेगी। साथ ही डुएल फीडर की सप्लाई में एक फीडर की सप्लाई का खर्च वहन करेगी। गौरतलब है कि मंत्रिपरिषद ने गुरुवार को आईटी विभाग से संबंधित दो प्रस्तावों पर मुहर लगाई है। ग्लोबल इनवेस्टर समिट से पहले सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि विभाग अपनी नीतियों में लक्ष्य के अनुरूप बदलाव करें, ताकि न सिर्फ वो अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर हों बल्कि निवेशकों के अनुरूप भी हों। इसी के तहत यह फैसला लिया गया है।

900 मेगावॉट तक डेटा सेंटर होंगे लाभान्वित

अतिरिक्त मुख्य सचिव (आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स) अरविंद कुमार ने बताया कि डेटा सेंटर पॉलिसी में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। वन ट्रिलियन इकॉनमी के दृष्टिगत जो दिक्कतें इसमें आ रही हैं, उन्हें संशोधनों के जरिए दूर किया गया है। डेटा सेंटर पॉलिसी के तहत जो लक्ष्य तय किए गए थे, वो हमने समय से पहले ही हासिल कर लिए हैं, इसलिए उन लक्ष्यों को बढ़ाया जा रहा है। जैसे एक लक्ष्य तय किया गया था कि डेटा सेंटर में हम 250 मेगावॉट की कैपेसिटी लेकर आएंगे, लेकिन 636 मेगावॉट की कैपेसिटी के डेटा सेंटर के प्रस्ताव आ गए हैं। ऐसे में हमने लक्ष्य को बढ़ाकर 900 मेगावॉट के डेटा सेंटर को लाभ प्रदान करेंगे। इसके अलावा छोटे डेटा सेंटर की भी नीति बनाई गई है ताकि डेटा सेंटर का प्रसार बाकी जनपदों में भी हो सके। भले ही वो डेटा सेंटर नोएडा के स्केल के ना भी हों तब भी उन्हें मंजूरी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा डेटा सेंटर के लिए एफएआर की परिभाषा में भी बदलाव किया है, ताकि नक्शे जल्दी पास हो सकें। पार्शियल कंप्लीशन की व्यवस्था दी गई है, जबकि बिजली कनेक्शन को लेकर भी सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। इसके अलावा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस डेटा सेंटर की फील्ड में भी दस करोड़ रुपए तक की फंडिंग की जाएगी। इन बदलावों से न सिर्फ निवेश बढ़ेगा बल्कि तेजी से आएगा। ये पॉलिसी 5 साल तक के लिए मान्य होगी।

5 नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खुलेंगे

इसके अलावा, मंत्रिपरिषद ने स्टार्ट-अप नीति के संशोधन के प्रस्तावों को भी मंजूरी प्रदान की। इसके तहत प्रदेश में 5 नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोले जाएंगे। नीति में लक्षित 3 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पहले ही खोले जा चुके हैं। सरकार की ओर से इन्हें 10 करोड़ रुपए तक की फंडिंग की जाती है। ये 5 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस नए-नए क्षेत्रों में खोले जाएंगे। इन क्षेत्रों में क्वांटम कंप्यूटिंग, 3डी प्रिंटिंग, 5जी, वर्चुअल रिएलिटी, स्पेसटेक जैसी नई और उभरती फील्ड को इसमें शामिल किया है। इसके तहत ये भी व्यवस्था की गई है कि स्कूल स्तर पर ही इनोवेटिव कल्चर को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए अवेयरनेस कैंप चलाए जाएंगे, बूथ कैंप्स लगाए जाएंगे, ताकि स्कूलों में इनोवेशन को बढ़ावा मिल सके और बच्चों में इसके प्रति रुचि जाग सके। इसके एक्सीलरेटेड प्रोग्राम की व्यवस्था की गई है। सस्टेनेंस अलाउंस को 15 हजार से बढ़ाकर 17.5 हजार किया गया है। प्रोटोटाइप बनाने के लिए भी अब 5 लाख रुपए का अनुदान मिल सकेगा। पहले यह व्यवस्था नहीं थी। ग्रामीण परिवेश को प्रभावित करने वाले, कूड़े को रिसाइकिल करने वाले, पर्यावरण संरक्षण, रिन्यूएबल एनर्जी जैसे सेक्टर में स्टार्ट-अप शुरू करने वालों को 50 प्रतिशत अधिक इंसेंटिव प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा महिलाओं की भागीदारी वाले स्टार्ट-अप की भी परिभाषा तय की गई है। इसके तहत स्टार्ट-अप में 26 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी होना जरूरी है।

7 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों को भी मंजूरी

इसके अलावा आईटी से संबंधित दो और प्रस्ताव भी पारित किए गए हैं। इनमें आईटी पॉलिसी 2017 में तीन निवेश के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इनमें एक माइक्रोसॉफ्ट है, जबकि दूसरी एमएक्यू और तीसरी पेटीएम है। ये तीनों कंपनियां नोएडा में निवेश करेंगी। माइक्रोसॉफ्ट 2186 करोड़ का, एमएक्यू 483 करोड़ और पेटीएम 638 करोड़ का निवेश करेगा। इनकी कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज शुरू हो चुकी हैं। इस निवेश के जरिए 14185 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, डेटा सेंटर के लिए भी दो निवेश प्रस्तावों को मंजूरी मिली। सिंगापुर की कंपनी एसटीपी नोएडा में डेटा सेंटर के लिए 1130 करोड़ रुपए का निवेश करेगी, जबकि एक अन्य कंपनी एसकेबीआर 2692 करोड़ का निवेश करेगी। दोनों परियोजनाओं के जरिए 4 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

तीन विश्वविद्यालयों को मिली मंजूरी

उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने राज्य में तीन नए विश्वविद्यालयों को मंजूरी दे दी है। इसमें कर्नाटक का विख्यात जेएसएस विश्वविद्यालय नोएडा में, एसडी सिंह विश्वविद्यालय फतेहगढ़-फर्रूखाबाद में और एसडीजीआई ग्लोबल विश्वविद्यालय गाजियाबाद में खोला जाएगा। इन तीनों विश्वविद्यालयों को आशय पत्र जारी कर दिए गए हैं। यानी प्रदेश में तीन नए विश्वविद्यालयों के खुलने का रास्ता साफ हो गया है। जल्द ही कई अन्य विश्वविद्यालयों को भी मंजूरी दी जा सकेगी। इन तीन विश्वविद्यालयों के आने से प्रदेश में शिक्षा का स्तर बढ़ेगा, प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी तो छात्रों को नए अवसर मिलेंगे। साथ ही, रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे, जबकि वन ट्रिलियन इकॉनमी के दृष्टिगत निवेशकों का लक्ष्य भी पूरा होगा।

Related Post

Governor Anandiben Patel hoisted the tricolor

गवर्नर ने विधानभवन परेड ग्राउंड पर फहराया तिरंगा, सीएम ने बच्चों को बांटी टॉफी

Posted by - January 26, 2025 0
लखनऊ: गवर्नर आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) ने 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर विधानभवन के परेड ग्राउंड पर तिरंगा फहराया।…
kalptaru buildtech

कल्पतरु बिल्डटेक के खिलाफ ED ने दर्ज किया मनी लांड्रिंग का केस

Posted by - March 16, 2021 0
लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आगरा में निवेशकों की गाढ़ी कमाई हड़पने वाले बिल्डर के विरुद्ध मनी लांड्रिंग का केस…
AK Sharma

नगरीय निकायों में नागरिकों के जीवन स्तर एवं सुख-सुविधाओं को बढ़ाना उद्देश्य: एके शर्मा

Posted by - February 28, 2024 0
लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा (AK Sharma) ने मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के अंतर्गत तथा…