विजयलक्ष्मी पंडित भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की बहन थीं। वो सोवियत संघ में भारत की पहली राजदूत बनीं। फिर अमेरिका में उन्हें राजदूत बनाया गया। वो संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की पहली राजदूत बनीं। उनका जन्म 18 अगस्त 1900 को इलाहाबाद में हुआ था।
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विजयलक्ष्मी पंडित ने भी जोर शोर से आजादी की लड़ाई में शिरकत की थी। वो कई बार जेल गईं। उनके पति को भी आजादी की लड़ाई में शिरकत करने के लिए जेल में डाल दिया गया। जहां उनका निधन हो गया।
विजयलक्ष्मी पंडित जब 19 साल की थीं, तो उन्हें एक मुस्लिम युवक से प्यार हो गया। वो उससे शादी करना चाहती थीं, लेकिन नेहरू परिवार राजी नहीं था। ये मुस्लिम युवक कोई साधारण शख्स नहीं था, बल्कि बेहद प्रतिभाशाली और पढ़ा-लिखे सैयद हुसैन थे। जिनके संबंध बाद तक नेहरू से अच्छे बने रहे। यहां तक गांधीजी भी उनसे स्नेह करते थे।
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इलाहाबाद में मोतीलाल नेहरू का परिवार अपने आधुनिक ख्यालात और जीवनशैली के लिए जाना जाता था। विजयलक्ष्मी के घर वाले दूसरे धर्म में शादी की इजाजत नही दे रहे थे। नेहरू जी इस रिश्ते के खिलाफ थे। बाद में विजयलक्ष्मी ने घर वालों की मर्जी से शादी कर ली थी।
 
                         
                 
                                 
                     
                     
                     
                     
                    
