Stubble

यूपी में पराली जलाने की घटनाओं में आई कमी, 4 हजार से अधिक मामलों में दर्ज की गई गिरावट

58 0

लखनऊ: योगी सरकार ने कृषि और पर्यावरण प्रबंधन के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। योगी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि प्रदेश में पिछले सात वर्षों में लगातार पराली (Stubble) जलाने की घटनाओं में तेजी से गिरावट हो रही है। प्रदेश में वर्ष 2017 में जहां पराली जलाने के 8,784 मामले दर्ज किये गये थे, वहीं वर्ष 2023 में 3,996 ही मामले सामने आए हैं। अगर पिछले सात वर्षों में नजर डालें तो पराली जलाने के 4,788 मामलों में कमी दर्ज की गयी है। योगी सरकार की नीतियों के जरिये प्रदेश के अन्नदाता पराली को जलाने की जगह उससे अपनी आय बढ़ा रहे हैं। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि हो रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी सुधार हुआ है।

हर वर्ष लगभग 2.096 करोड़ मीट्रिक टन पराली (Stubble) का हो रहा उत्पादन, शत-प्रतिशत किया जा रहा निस्तारण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हाल ही में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने पराली प्रबंधन को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में हर वर्ष लगभग 2.096 करोड़ मीट्रिक टन पराली का उत्पादन होता है। इसमें से 34.44 लाख मीट्रिक टन चारा व 16.78 लाख मीट्रिक टन अन्य उपयोग में लाया जा रहा है। इसी तरह 1.58 करोड़ मीट्रिक टन पराली इन-सीटू एवं एक्स-सीटू मैनेजमेंट के जरिये निस्तारित किया जा रहा है।

यही वजह है कि योगी सरकार द्वारा उठाए गए सटीक प्रबंधन की वजह से पराली जलाने की घटनाओं में बड़ी गिरावट आई है। इससे प्रदेश में प्रदूषण में भी कमी आई है। इससे न केवल पर्यावरण को लाभ पहुंच रहा है बल्कि किसानों को उनके अवशेषों के औद्योगिक और घरेलू उपयोग के माध्यम से आय के नए स्रोत उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

सबसे कम फतेहपुर में पराली (Stubble) जलाने के 111 मामले आए सामने

योगी सरकार द्वारा पराली (Stubble) के औद्योगिक उपयोगी की पहल से धान के भूसे को औद्योगिक और घरेलू उत्पादों में उपयोग करने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के कई अवसर सृजित हुए है। इसके अलावा जैविक खेती और एलसीवी (लीफ कम पोस्ट वेस्ट) के उपयोग को बढ़ावा देकर मिट्टी की उर्वरता में सुधार किया गया। इससे किसानों की आय में वृद्धि हुई और उन्हें नए बाजारों में प्रवेश करने का मौका मिला। वहीं पराली जलाने की घटनाओं को नियंत्रित करने में कई जिलों ने अहम भूमिका निभायी है।

इनमें सबसे कम घटनाएं महाराजगंज में 468, झांसी में 151, कुशीनगर में 118 और फतेहपुर में 111 में दर्ज की गईं। इन जिलों ने बेहतर प्रबंधन और जागरूकता अभियानों के माध्यम से शानदार प्रदर्शन किया है।

बता दें कि प्रदेश में साढ़े सात वर्ष पहले पराली (Stubble) जलाने की समस्या जो लंबे समय से पर्यावरण प्रदूषण का कारण बनी हुई थी, आज पूरी तरह से नियंत्रण में है। मुख्यमंत्री योगी सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन को बढ़ावा देने के प्रयासों से प्रदूषण के स्तर में कमी आई है।

Related Post

Mission Shakti

‘मिशन शक्ति मेला आयोजित कर बालिका सशक्तिकरण को बल देगी योगी सरकार’

Posted by - March 5, 2025 0
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण और बालिका शिक्षा को नए आयाम…
स्मृति इरानी

पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का सपना सिर्फ मोदी का नहीं यह पूरे देश का है : स्मृति ईरानी

Posted by - February 22, 2020 0
लखनऊ। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि देश में आर्थिक स्तर पर बहुत सारी चुनौतियां हैं, लेकिन वित्त मंत्री…