रणदीप सुरजेवाला

राफेल सौदे का सच, भारत ने एक स्वर में कहा ‘चौकीदार चोर है’ : कांग्रेस

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नई दिल्ली। कांग्रेस ने राफेल सौदे को लेकर एक वीडियो ट्वीट किया है। इसको लेकर कहा है कि राफेल सौदे का सच सामने आते ही पूरा भारत एक स्वर में कह रहा है कि ‘चौकीदार चोर है’।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस राफेल घोटाले में पांच चीजें बहुत महत्वपूर्ण

राफेल डील पर पत्रकार वार्ता कर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस राफेल घोटाले में पांच चीजें बहुत महत्वपूर्ण है। 23 मार्च 2015 को मोदी जी के मित्र ‘एए’ पेरिस जाकर रक्षा मंत्री के सलाहकार और दूसरे अधिकारियों से मिलते हैं। तब तक 128 राफेल बनाने का कॉन्ट्रैक्ट देश की सरकारी कंपनी एचएएल के पास था। आठ अप्रैल 2015 को मोदीजी के फ्रांस जाने से 48 घण्टे पहले विदेश सचिव बताते हैं कि मोदीजी जहाज की चर्चा नहीं करने वाले, एचएएल ही ये जहाज बनाएगी। 10 अप्रैल 2015 को मोदीजी अकेले फ्रांस जाते हैं और 128 जहाजों की सस्ती डील को कूड़ेदान में डाल देते हैं। मोदी जी 128 जहाज के स्थान पर 28 राफेल विमान और मेक इन इंडिया की जगह मेक इन फ्रांस की घोषणा कर आते हैं। यह लगभग 7.8 बिलियन यूरो की डील है।

एक और बात सामने आई है कि 2017-18 में एए की ‘जीरो सम कंपनी’ में दसॉल्ट एविएशन  डाल देती है 284 करोड़

रणदीप सुरजेवाला ने आगे कहा कि 21 सितंबर 2018 को फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद कहते हैं कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं था। मोदी जी ने कहा था कि यह 30,000 करोड़ का सौदा एचएएल से लेकर अनिल अंबानी को देना है। मोदी जी 128 जहाज के स्थान पर 36 राफेल विमान और मेक इन इंडिया की जगह मेक इन फ्रांस की घोषणा कर आते हैं। यह लगभग 7.8 बिलियन यूरो की डील है। सुरजेवाला ने आगे कहा कि एक और बात सामने आई है कि 2017-18 में एए की ‘जीरो सम कंपनी’ में दसॉल्ट एविएशन 284 करोड़ डाल देती है। इस कम्पनी का नाम था रिलायंस एयरपोर्ट डवलपर लिमिटेड। यह तब हो रहा था जब मोदी सरकार दसॉल्ट एविएशन को एडवांस पेमेंट कर रही थी।

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फ्रांस सरकार ने अनिल अंबानी को 1437 मिलियन यूरो की माफी दे दी

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि उस समय मोदी सरकार द्वारा राफेल खरीदने के ऐलान के 6 माह के बाद फ्रांस के टैक्स अधिकारियों ने रिलायंस के साथ सिर्फ 7.3 मिलियन यूरो (करीब 57 करोड़ रुपए) लेकर मामला रफा-दफा कर दिया। जबकि फ्रांस सरकार को रिलायंस से 151 मिलियन यूरो वसूलने थे। इतना ही नहीं फ्रांस सरकार और दसॉल्ट भारत के साथ राफेल सौदे को अंतिम रूप देने के लिए मोलभाव कर रही थी, उसी दौरान फ्रांस सरकार ने अनिल अंबानी को 1437 मिलियन यूरो की माफी दे दी।

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