Anandiben Patel

राष्ट्र की संस्कृति और अस्मिता की पहचान उसकी भाषा से होती है : आनंदीबेन पटेल

1704 0

लखनऊ। यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel ) ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की भाषा उसका गौरव होती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की संस्कृति और अस्मिता की पहचान उसकी भाषा से होती है। विश्व में वही देश और समाज प्रतिष्ठा का पात्र होता है, जो अपनी भाषा और अपने संस्कारों का अभिमानी होता है।

ये विचार श्रीमती पटेल ने रविवार को ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्ववि़द्यालय में स्टडी सेन्टर व स्टूडेन्ट फैसिलिटी सेन्टर के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किये। राज्यपाल ने कहा कि भारतीय भाषाओं का समन्वय ही देश के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा और यही विश्व को जोड़ने वाला सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे गणतंत्र में एकता और स्थायित्व बनाने के लिये भाषा का महत्वपूर्ण योगदान है।

उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि इस विश्वविद्यालय ने अपने नाम में परिवर्तन कर कुछ भाषाओं की जगह सभी भाषाओं को बढ़ावा देने का प्रावधान किया है। विश्वविद्यालय द्वारा अब हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, अरबी तथा फारसी के साथ-साथ संस्कृृत भाषा के भी पाठ्यक्रम चलाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि विश्वविद्यालय में टर्किस, पाली, प्राकृत एवं अन्य भाषाओं के लिये भी एक विस्तृत कमेटी बना दी गयी है। जिसमें विभिन्न प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों के भाषा विशेषज्ञों को शामिल किया गया है।

राम मंदिर निर्माण के लिए ईसाई समुदाय ने एक करोड़ दिया दान

श्रीमती पटेल ने इस अवसर पर दो भवनों का भी लोकार्पण किया। इनमें से एक रूसा के अनुदान से तैयार किया गया अध्ययन केन्द्र है तथा दूसरा छात्र सुविधा केन्द्र है, जिसमें विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की सुविधा के लिये बैंक, कैन्टीन, स्टेशनरी व फोटोकापी जैसी सुविधायें हैं। इसके साथ ही इस सेन्टर से एनसीसी तथा एनसएस की विभिन्न गतिविधियों को संचालित करने की व्यवस्था है। इस अवसर पर राज्यपाल ने इस वर्ष विश्वविद्यालय की ओर से गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने वाले दो एनसीसी कैडेट्स को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अध्ययन केन्द्र और छात्र सुविधा केन्द्रों का फायदा हमारे विद्यार्थिंयों को अवश्य प्राप्त होगा।

राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त की कि विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई ने पांच गांव गोद लिये हैं।  वहां पर जागरूकता एवं शैक्षिक गतिविधियां चलायी जा रही हैं। इसके साथ ही टीबी ग्रसित जो बच्चे गोद लिये थे, उनकी शिक्षा एवं स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जो प्रयास किये जा रहे हैं, मैं उनकी सराहना करती हूँ। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने जो आंगनबाड़ी केन्द्र गोद लिये  हैं, उनमे पंजीकृृत बच्चों के उत्थान व उनके कुपोषण की दिशा में भी समुचित कार्य किये जायेंगे।

उन्होंने कहा कि कुपोषण दूर करने के लिये यह आवश्यक है कि हमें गर्भवती महिलाओं बच्चों और किशोरियों को स्वस्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक करना होगा। हम सभी को आने वाली पीढ़ी के लिये स्वास्थ्य, पोषण, पीने का शुद्ध पानी, स्वच्छता तथा अच्छी शिक्षा आदि पर भी विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने अपील की कि सभी विश्वविद्यालय महिलाओं एवं कुपोषित बच्चों के उत्थान में इसी प्रकार सहयोग करें ताकि हमारा उत्तर प्रदेश राज्य शीघ्र ही कुपोषण मुक्त हो सके। इस अवसर पर राज्यपाल ने आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को फल, बैग तथा अन्य उपहार भेंट किये।

इस मौके पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा ने कहा कि पठन-पाठन में गुुणवत्ता सुधार होना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भवन भले अच्छा न हो लेकिन शिक्षक और शिक्षार्थी बहुत अच्छे होने चाहिए, यह तभी संभव है जब शिक्षक तथा विद्यार्थियों में सुन्दर समन्वय हो। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि ज्ञान-विज्ञान व संचयन भाषा के बिना संभव नही है। अतः भाषाओं पर शोध नितांत जरूरी है जिसके लिये विश्वविद्यालय में प्रयास किये जा रहे हैं।

Related Post

नौ अपीलीय ट्रिब्यूनल खत्म करने वाला विधेयक पारित, दोनों सदनों में हुआ हंगामा

Posted by - August 9, 2021 0
सोमवार को संसद ने पेगासस मुद्दे पर हंगामे के बीच ही न्यायाधिकरण सुधार विधेयक को मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने…
ANIL DESHMUKH

भ्रष्टाचार मामला : CBI ने देशमुख के निजी सहायकों से पूछताछ की

Posted by - April 11, 2021 0
मुंबई । केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह(Parambir Singh)  द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के…
Mayur Dixit

जिलाधिकारी ने छात्र छात्राओं के संग बैठकर किया मध्याह्न भोजन, मिड डे मिल की गुणवत्ता को परखा

Posted by - September 11, 2025 0
हरिद्वार। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित (Mayur Dixit ने आज राजकीय इंटर कॉलेज सलेमपुर महदूद का औचक निरीक्षण कर शिक्षा व्यवस्था की…