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शेयर बाजार: काफी घटनाक्रमों वाला रहा वित्त वर्ष 2020-21, बाजार में जारी रही उथल-पुथल

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नई दिल्ली। एक अप्रैल 2021 से नए वित्त वर्ष (2021-22) की शुरुआत होगी। शेयर बाजारों के लिए यह साल काफी घटनाक्रमों वाला रहा। मार्च 2020 में भारत में कोरोना वायरस महामारी ने दस्तक दी थी। कोरोना वायरस से शेयर बाजार भी अछूता नहीं रहा। इसके कारण पूरे वित्त वर्ष में घरेलू बाजार में उतार-चढ़ाव रहा। महामारी और लॉकडाउन के बीच घरेलू शेयर बाजार के लिए वित्त वर्ष 2020-21 का पहला महीना अप्रैल शानदार रहा था। 18 सालों में अप्रैल सीरीज बाजार के लिए सबसे बेहतरीन रही थी।

  • शेयर बाजारों के लिए वित्त वर्ष 2020-21 काफी घटनाक्रमों वाला रहा। 
  • महामारी और लॉकडाउन के बीच घरेलू शेयर बाजार के लिए वित्त वर्ष 2020-21 का पहला महीना अप्रैल शानदार रहा था। 
  • देश में जैस-जैसे प्रतिबंध हटते गए, निवेशकों की धारणा मजबूत हुई। 
  • 21 जनवरी को सेंसेक्स पहली बार 50 हजार के ऊपर खुला थ। इस दौरान निफ्टी रिकॉर्ड 14,707.70 के स्तर पर था। 
बाजार के लिए शानदार रहा वित्त वर्ष 2020-21 का पहला महीना
अप्रैल 2020 में निफ्टी 19 फीसदी चढ़ा था। सेंसेक्स (Sensex)  की बात करें, तो दो बड़े मौके आए जब बजार ने ऊंची छलांग लगाई। सात अप्रैल को शेयर बाजार ने इतिहास रचते हुए बड़ी छलांग लगाई। एक दिन में सेंसेक्स (Sensex)  ने 2476.26 अंकों की बढ़त हासिल की थी। सात अप्रैल को सेंसेक्स (Sensex)  इस ऐतिहासिक बढ़त के बाद 30,067.21 के स्तर पर बंद हुआ था। इससे पहले 20 सितंबर 2019 को सेंसेक्स ने 2280 अंकों की छलांग लगाई थी। इसके बाद महीने के आखिरी दिन, 30 अप्रैल को सेंसेक्स 997 अंकों की बढ़त के साथ बंद हुआ था।
निफ्टी भी 8,800 के करीब पहुंच गया था। देश में जैस-जैसे प्रतिबंध हटते गए और स्थिति सामान्य होती गई, निवेशकों की धारणा मजबूत हुई और बाजार में उछाल देखा गया। अक्तूबर 2020 को सेंसेक्स 40 हजार के पार पहुंचा। मार्च 2021 में बाजार में कई दिनों तक गिरावट रही। आज वित्त वर्ष 2020-21 के आखिरी दिन घरेलू बाजार लाल निशान पर बंद हुआ।

अप्रैल में निवेशकों को हुआ 19.06 लाख करोड़ का फायदा

पूरे अप्रैल में निवेशकों की कमाई की बात करें तो लगातार उतार-चढ़ाव के बाद भी नए वित्त वर्ष के पहले महीने में निवेशकों को कुल 19.06 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ था। लॉकडाउन के बीच एक अप्रैल को बीएसई का बाजार पूंजीकरण 1,10,28,123.54 करोड़ रुपये था, जो एक महीने में बढ़कर 1,29,34,402.91 रुपये हो गया था।

40 हजार से 52 हजार तक का सफर…

  • आठ अक्तूबर को सेंसेक्स 40 हजार के पार 40182 पर पहुंच गया था।
  • इसके बाद पांच नवंबर को सेंसेक्स (Sensex)  41,340 पर बंद हुआ।
  • 10 नवंबर को इंट्राडे में इंडेक्स का स्तर 43,227 पर पहुंचा।
  • 18 नवंबर को 44180 के स्तर पर पहुंचा।
  • चार दिसंबर को इसने 45000 का आंकड़ा पार किया और 45079 पर बंद हुआ।
  • 11 दिसंबर को सेंसेक्स(Sensex) 46 हजार के ऊपर 46099 के स्तर पर बंद हुआ।
  • 28 दिसंबर को सेंसेक्स (Sensex)  उछलकर 47353 पर बंद हुआ था।
  • चार जनवरी को सेंसेक्स (Sensex) ने नया रिकॉर्ड बनाया और यह पहली बार 48000 के ऊपर 48176.80 पर बंद हुआ।
  • 11 जनवरी को बीएसई का सेंसेक्स (Sensex)  49269.32 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुआ था।
  • 21 जनवरी को घरेलू शेयर बाजार उच्चतम स्तर पर खुला था। सेंसेक्स 223.17 अंकों की बढ़त के साथ पहली बार 50 हजार के ऊपर 50,015.29 के स्तर पर खुला। इस दौरान निफ्टी रिकॉर्ड 14,707.70 के स्तर पर था।
  • पांच फरवरी को कारोबार के दौरान सेंसेक्स (Sensex) पहली बार 51 हजार के पार और निफ्टी पहली बार 15 हजार के ऊपर पहुंचा था। यह सेंसेक्स-निफ्टी का इंट्राडे स्तर है। अंत में यह क्रमश: 50731.63 और 14,924.25 पर बंद हुआ।
  • 15 फरवरी को सेंसेक्स(Sensex)  पहली बार 52 हजार के पार 52154.13 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 151.40 अंकों की तेजी के साथ 15314.70 के स्तर पर बंद हुआ।

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