वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता, खोजा ऐसा वायरस जो हर तरह के कैंसर का करेगा खात्मा

1476 0

नई दिल्ली। कैंसर के इलाज के मामले में वैज्ञानिकों को एक बड़ी सफलता मिली है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा वायरस खोजा है, जो हर तरह के कैंसर का खात्मा करने में सक्षम है। इसे मेडिकल के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।

वायरस वैक्सीनिया CF33 से जल्द ही कैंसर को जड़ से खत्म किया जा सकेगा

इस वायरस को वैक्सीनिया CF33 नाम दिया गया है। कैंसर इस दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है, जिसके कारण हर साल करोड़ों लोगों की मौत होती है। पिछले दो-तीन दशकों में कैंसर महामारी की तरह फैल चुका है। इस समय दुनियाभर में 100 से भी ज्यादा प्रकार के कैंसर पाए जाते हैं। किसी भी तरह के कैंसर का पता तीसरे या चौथे स्टेज में चलने पर इलाज की संभावना बहुत कम हो जाती है। मगर वैज्ञानिकों की इस सफलता के बाद उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही कैंसर को जड़ से खत्म किया जा सकेगा।

टेस्ट के दौरान दिखा हैरान करने वाला परिणाम

रिपोर्ट के अनुसार ये एक ऐसा वायरस है, जो शरीर में कॉमन कोल्ड (सर्दी-जुकाम) का कारण बनता है। मगर इसे कैंसर सेल्स के साथ इन्फ्यूज कराने के बाद वैज्ञानिक हैरान थे। टेस्ट के दौरान इस वायरस ने पेट्री डिश में सभी प्रकार के कैंसर को खत्म कर दिया। इसके बाद चूहों पर टेस्ट करने पर भी वैज्ञानिकों ने पाया कि इस वायरस ने ट्यूमर को सिकोड़ कर काफी छोटा कर दिया। इस वायरस को ऑस्ट्रेलियन बायोटेक कंपनी इम्यूजीन ने बनाया है, और इसे बनाने का श्रेय यूएस कै वैज्ञानिक और कैंसर स्पेशलिस्ट प्रोफेसर युमान फॉन्ग को जाता है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले साल ही इसे दवा के तौर पर ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों पर टेस्ट किया जाएगा।

19वीं सदी से खोजा जा रहा था इलाज

19वी सदीं शुरुआत में ही जब मरीजों को रेबीज का टीका देने के बाद उनके कैंसर में कमी देखी गई, तभी इस बात के परिणाम मिल गए थे कि ये वायरस कैंसर को खत्म करने का दम रखता है। मगर समस्या ये थी कि अगर इस वायरस को और अधिक पावरफुल बना दिया जाए, तो ये वायरस कैंसर के साथ-साथ व्यक्ति को भी मार सकता था। इसी समस्या का हल निकालने में प्रोफेसर फॉन्ग को सफलता मिली है।

दरअसल काउपॉक्स नाम का एक वायरस होता है, जो पिछले 200 सालों से छोटी माता को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और इसका इंसानों के शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है। प्रोफेसर फॉन्ग ने काउपाक्स नाम के इसी वायरस को कुछ अन्य वायरसों के साथ मिलाकर चूहों के ट्यूमर पर इसका ट्रायल किया है। ट्रायल में देखा गया कि चूहों के शरीर में मौजूद कैंसर सेल्स सिकुड़कर काफी छोटी हो गईं और उनका बढ़ना भी बंद हो गया।

ट्रिपल निगेटिव कैंसर के मरीजों पर होगा ट्रायल

फिलहाल प्रोफेसर फॉन्ग ऑस्ट्रेलिया में ही इस वायरस के क्लीनिकल ट्रायल की तैयारी कर रहे हैं। बाद में इसे अन्य देशों में भी टेस्ट किया जाएगा। इस ट्रायल के दौरान ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर, मेलानोमा, फेफड़ों के कैंसर, ब्लैडर कैंसर, पेट के कैंसर के मरीजों पर टेस्ट किया जाएगा।

हालांकि चूहों पर हुए इस शोध की सफलता इस बात को पूरी तरह आश्वस्त नहीं करती है कि इंसानों में भी इसके परिणाम वैसे ही देखने को मिलेंगे। अभी इंसानों पर इस वायरस का टेस्ट होना बाकी है, जिसके दौरान इसके दुष्प्रभावों की भी जांच करनी पड़ेगी। फिर भी प्रोफेसर फॉन्ग और मेडिकल साइंस से जुड़े सभी वैज्ञानिक इस शोध को लेकर काफी उत्साहित हैं और इसे बड़ी सफलता के रूप में देख रहे हैं।

Related Post

अर्जुन गौड़

जीवन ईश्वर का अनोखा उपहार, इसको नुकसान पहुंचाने का अधिकार हमारे पास नहीं : अर्जुन गौड़

Posted by - June 23, 2020 0
  लखनऊ। कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन की वजह से मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत रखना हमारे जीवन का एक अहम…
संजय मांजरेकर कमेंटरी पैनल से आउट

पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर को कमेंटरी पैनल से आउट, नाखुश थी BCCI

Posted by - March 14, 2020 0
नई दिल्ली। कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए बीसीसीआई ने आईपीएल को स्थगित व भारत-दक्षिण अफ्रीका वनडे सीरीज को…