25 साल बाद उत्तर प्रदेश में स्थापित किया कानून का राज : अमित शाह

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गोरखपुर। केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की सराहना करते हुए कहा कि यह मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की बड़ी सफलता है कि 25 वर्ष बाद उन्होंने राज्य में कानून का राज स्थापित किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया। योगी के नामांकन के समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मौजूद थे।

गोरखपुर के महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज में शुक्रवार को आयोजित जनसभा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया।

गोरखपुर से पांच बार सांसद (1998-2017) रह चुके गोरक्षपीठ के महंत एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नामांकन दाखिल करने से पहले गोरखनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। रुद्राभिषेक के बाद योगी ने अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

विधानसभा चुनाव में योगी के गोरखपुर से नामांकन दाखिल करने से पहले यहां आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने जनता से तेज आवाज में नारे लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि   योगी जी को आज नामांकन दाखिल करना है, यहां से सहारनपुर तक आवाज जानी चाहिए कि भाजपा 300 का आंकड़ा पार कर रही है।   उन्होंने कहा कि विपक्षी महागठबंधन पहले भी उत्तर प्रदेश में भाजपा से हार चुका है और आगे भी हारेगा।

शाह ने कहा कि गोरखपुर को एक जमाने में उत्तर प्रदेश-बिहार के माफियाओं के छिपने का स्थान माना जाता था लेकिन आज गोरखपुर का मतलब बदल गया है। इसे उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि  जी  से गंगा एक्सप्रेस,  ओ  से आॅर्गेनिक खेती,  आर  से रोड,  ए  से एम्स,  केएच  से खाद का कारखाना,  पीयू  से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, और  आर  से रीजनल रिसर्च सेंटर बनाने का काम योगी आदित्यनाथ ने किया है।

उन्होंने कहा कि मैं गृह मंत्री होने के नाते गर्व से कहता हूं कि योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को माफियाओं से मुक्त कराने का कार्य किया है। अब राज्य में माफिया सिर्फ तीन जगह दिखाई देता है, या तो वह जेल में है, या तो वह प्रदेश से बाहर चला गया है और या तो वह सपा की विधानसभा सदस्यों की सूची में दिखाई देता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि कोरोना काल में मोदी ने हर गरीब के घर में प्रतिमाह पांच किलो अनाज, दो साल तक भेजने का निर्णय किया और योगी ने इसमें दलहन जोड़ दिया, तेल और नमक भी जोड़ा और ये सारी योजना दो साल तक 15 करोड़ घरों में पहुंचाने का कार्य मोदी और योगी ने किया है।

शाह ने कहा कि  आज विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, उनको तो लगता है कि कोरोना के कारण सभाएं सीमित हो गई हैं, लोगों के बीच जाना नहीं पड़ रहा है। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि भैया जो प्रचार करना है, कर लो, उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा के साथ है। भाजपा को फिर से 300 के पार सीटें मिलने वाली हैं।

विपक्षी दलों सपा और बसपा पर तंज के साथ माफिया पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा आज उप्र की जनता को कहने आया हूं कि आजम खान, अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी सारे योगी के शासन में सलाखों के पीछे हैं और अखिलेश बाबू अब कोई संभावना नहीं है। प्रदेश की जनता कई वर्षों बाद इनके आतंक से बाहर आई है। आज योगी के नामांकन पत्र दाखिल होने के साथ ही भाजपा 300 पार के संकल्प के साथ पूरे प्रदेश में आगे बढ़ रही है। आज मैं यहां आया हूं तो मुझे 2013 भी याद आता है। जब मुझे भाजपा का प्रभारी बनाया गया था तो विशेष कर दिल्ली के पत्रकार कहते थे कि आपको किस जगह भेज रहे हैं, जहां भाजपा दहाई में भी पहुंच नहीं पाएगी। खैर, मोदी के नेतृत्व का चमत्कार और ईश्वर की कृपा देखिए कि प्रदेश में भाजपा सहयोगियों संग 73 सीटें जीती।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारों के बीच अपने संबोधन में कहा कि राज्य में पांच वर्षों के दौरान भाजपा की डबल इंजन की सरकार ने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और नेतृत्व में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जन आकांक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास किया और हर गरीब, किसान, नौजवान तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाने के साथ ही विकास का कार्य किया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व और सरकारों के बारे में आज कोई भी व्यक्ति नकारात्मक टिप्पणी नहीं कर सकता है।

सभा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और नगर विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल के अलावा सहयोगी अपना दल एस के कार्यवाहक अध्यक्ष आशीष सिंह पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी विधान परिषद के सदस्य चुने गये थे और वह पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।

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