राज्यसभा में बोली सरकार, पेगासस बेचने वाले एनएसओ ग्रुप से हमारा कोई संबंध नहीं

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कोरोना संकट के बीच पेगासस जासूसी विवाद को लेकर मची सियासी रस्साकसी कम होने का नाम नहीं ले रही है, लोकसभा-राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि पेगासस स्पाईपेयर बेचने वाले एनएसओ ग्रुप टैक्नॉलोजीस से उसका कोई रिश्ता नहीं। आईटी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी लोगों की जासूसी के दावे को खारिज कर दिया, कहा- मीडिया ने इस मुद्दे को बड़ा किया है।

वहीं विपक्ष इस बात को मानने को तैयार नहीं, उसका सवाल अभी भी ये है कि क्या इजरायल से मोदी सरकार ने पेगासस खरीदा, दूसरा सवाल है – अगर पेगासस खरीदा तो किसकी किसकी जासूसी की, क्योंकि अभी तक जो रिपोर्ट सामने आई सरकार ने उसे भी खारिज नहीं किया।

भट्ट ने इसके जवाब में कहा, ‘रक्षा मंत्रालय ने एनएसओ ग्रुप टेक्नॉलोजीज के साथ कोई लेन-देन नहीं किया है।’ सरकार का जवाब एसे समय में आया है जब विपक्ष पेगागस समेत अन्य मुद्दों को लेकर पर संसद के मॉनसून सत्र में लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है। कांग्रेस, आप, आरजेडी, डीएमके जैसे पार्टियां लगातार पेगासस जासूसी कांड  को लेकर सदन में चर्चा कराने की मांग कर रही हैं।

सिब्बल के घर पर विपक्ष की सियासी दावत

पूरा मामला सामने आने के बाद से ही कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल सरकार से सवाल कर रहे हैं क्या इस जासूसी कांड में केंद्र की कोई भूमिका है? क्या भारत सरकार का पेगासस सॉफ्टवेयर बनाने वाली इजरायली कंपनी एनएसओ से कुछ लेना-देना है? इस प्रकरण में विपक्ष इसलिए भी ज्यादा हमलावर है क्योंकि एनएसओ कंपनी का कहना है कि वह केवल सरकारों से के साथ डील करती है। वह किसी निजी पार्टी के साथ किसी भी तरह का लेन-देन नहीं करता है।

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Posted by - January 23, 2020 0
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