नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के बच्चे राष्ट्रवादी हैं, लेकिन कभी-कभी वह गलत दिशा में चले जाते हैं। बता दे कि कुछ दिन पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि कश्मीर में 10 से 12 साल के लड़के-लड़कियों को कट्टरपंथी बनाया जा रहा है जो चिंता का विषय है।
जम्मू-कश्मीर के बच्चे राष्ट्रवादी हैं, उन्हें किसी और तरीके से नहीं देखा जाना चाहिए
दिल्ली में गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एनसीसी के शिविर में रक्षा मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बच्चे राष्ट्रवादी हैं, उन्हें किसी और तरीके से नहीं देखा जाना चाहिए। हां कभी-कभी वे गलत दिशा में चले जाते हैं।
रक्षा मंत्री से नेशनल कैडेट कोर में शामिल होने के लिए राज्य के बच्चों को प्रेरित किए जाने के बारे में राय पूछी गई थी जिसके जवाब में सिंह ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि बच्चे तो बच्चे ही होते हैं। उन्हें जिस तरह से प्रेरित किया जाना चाहिए, कभी-कभार लोग उन्हें उस तरीके से प्रेरित नहीं करते, बल्कि उन्हें तो गलत दिशा में भेज दिया जाता है। सिंह ने कहा कि इसलिए बच्चों को इसका दोष नहीं दिया जाना चाहिए। जो लोग उन्हें गलत दिशा में बढ़ावा दे रहे हैं, दोष उन्हें दिया जाना चाहिए। उन्हें गलत दिशा में मोड़ रहे लोग दोषी हैं।
जानें क्या कहा था बिपिन रावत ने ?
बता दें कि कुछ दिन पहले जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि पाकिस्तान के खिलाफ फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ब्लैकलिस्टिंग जैसे कदम अहम है, लेकिन यदि वह प्रभावी साबित नहीं होते तो भारत अधिक कड़े कदम उठाने के हक में है।
जनरल रावत ने कहा कि एक तरफ आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में शामिल मुल्कों को आतंकियों की पनाहदारी की इजाजत नहीं दे जा सकती है। जनरल रावत के मुताबिक एफएटीएफ की तरफ से पाकिस्तान की ब्लैकलिस्टिंग के प्रयास मत्वपूर्ण सन्देश है। इसके साथ ही कूटनीतिक तौर पर अलग-थलग करने का प्रयास भी अहम है।
जनरल रावत ने चरमपंथ और कट्टरवाद की चिंताओं पर भी जोर दिया। उनका कहना था कि कट्टरपंथ के स्रोत पर कार्रवाई करने की ज़रूरत है। खासकर ऐसे में जबकि 10-12 साल के बच्चों को भी चरमपंथी बनाने के प्रयास हो रहा है। इस समस्या का मुकाबला किया जा सकता है, लेकिन स्कूल, कॉलेज, धार्मिक संस्थाओं समेत कई स्तर पर कार्रवाई करनी होगी।