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10 लाख करोड़ के निवेश लक्ष्य हासिल करने के लिए नयी औद्योगिक नीति लाने की तैयारी

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की लगातार दूसरी बार सत्ता संभालने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath)इस बार बेहद जुदा रूप में हैं। इस बार मुख्यमंत्री का लक्ष्य यूपी (UP) को देश का नंबर एक राज्य बनाने का है। इसी पूर्ति के लिए राज्य की सत्ता संभालने के अगले ही दिन मुख्यमंत्री ने शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी विभागों के अधिकारियों को सौ दिन, छह महीने तथा साल भर का रोडमैप तैयार करने का जो निर्देश दिया था उसके पीछे यही मंशा रही है। इसी के बाद से यूपी की अर्थव्यवस्था और औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने की कवायद ने जोर पकड़ लिया है। जिसके तहत राज्य में दस लाख करोड़ रुपए का निवेश लाने, प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने और ईज आफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारी एक टीम के रुप में कार्य करते हुए रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं।

राज्य में यह पहला मौका है जब सभी विभागों के आला अफसर उत्तर प्रदेश के समग्र विकास का एजेंडा तैयार करने में जुटे हैं। कोई अधिकारी यूपी की प्रति व्यक्ति आय को दुगना करने की योजना तैयार कर रहा है तो कोई अधिकारी ईज आफ डूइंग बिजनेस की रैंकिग में उत्तर प्रदेश को नंबर एक पर लाने के लिए क्या कदम उठाये जाएं यह तैयार करने में जुटा है। इसी क्रम में औद्योगिक विकास विभाग के आला अफसर राज्य में दस लाख करोड़ रुपए का निवेश लाने की रणनीति तैयार कर रहे हैं।

राज्य में दस लाख करोड़ रुपए का निवेश लाने के लिए लखनऊ में एक भव्य ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन करने और राज्य की एक नई औद्योगिक नीति तैयार करने का फैसला किया गया है। औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई औद्योगिक नीति तैयार करना जरूरी है क्योंकि वर्तमान औद्योगिक नीति में दी गई रियायतों की अवधि जुलाई में खत्म होने को है। इसलिए नई औद्योगिक नीति तैयार करनी ही होगी। लखनऊ में होने वाली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में भी इस नीति का प्रभाव दिखेगा। उद्योग जगत के सभी प्रमुख औद्योगिक घरानों के मुखिया मौजूद रहेंगे। इस आयोजन के जरिए 10 लाख करोड़ रुपए के औद्योगिक निवेश को यूपी में लाने की कवायद शुरू होगी।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश के जरिए रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। यूपी में सबने देखा है कि मार्च, 2017 में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार आई थी, तब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी युवाओं को रोजगार देना। इसका संज्ञान लेते हुए ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ में भव्य इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कराया था।

इस इन्वेस्टर्स समिट के जरिए मुख्यमंत्री ने लखनऊ के साथ-साथ यूपी की तस्वीर देश में बदलने की कोशिश की। जिसमें काफी हद तक सरकार सफल भी रही। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में यह पहला मौका था जब इतने बड़े पैमाने पर देश के जाने-माने उद्योगपतियों ने समिट में हिस्सा लिया था। समिट के दौरान 4.65 लाख करोड़ रुपये के 1065 एमओयू साइन हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुए इस आयोजन में पहली बार राज्य में बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एमओयू इस समिट में साइन हुए थे। इस समिट के दौरान यूपी में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी के जरिए सरकार ने पूरा रोडमैप तैयार किया था।

अब फिर उसी तर्ज पर पहले से भी भव्य तरीके से राज्य में दस लाख करोड़ रुपए का निवेश लाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए तमाम लक्ष्य तय किए गए है। तय हुआ हुआ है कि अटल इण्डस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन शुरू कर सभी मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर का नवीनीकरण किया जाएगा, ओडीओपी योजना के हर जिले के एक उत्पाद को पहचान देते हुए 25 लाख रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जायंगे, पांच वर्षों में निर्यात एवं रोजगार अथवा स्वरोजगार के अवसरों को दुगना किया जाएगा।

राज्य में पांच विश्व स्तरीय एक्जीबिशन और आधुनिक कन्वेशन सेंटर स्थापित किए जायंगे, सभी एक्सप्रेस वे के निकट इंडस्ट्रियल कारिडोर स्थापित किए जाएंगे, हर जिले में लैंड बैंक बनेगा, राज्य में तीन डाटा सेंटर पार्क स्थापित किए जाएंगे, आत्मनिर्भर युवा स्टार्टअप मिशन बनाकर दस लाख रोजगार के अवसर प्रदान करते हुए स्टार्टअप रैंकिंग में यूपी को नंबर एक बनाया जाएगा, अगले पांच वर्षों में यूपी को ग्लोबल टेक्सटाइल हब बनाकर पांच लाख रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे और हर मंडल में आईटी पार्क की स्थापना की जाएगी. इन सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए तैयार की जा रही रणनीति के सहारे ही यूपी को देश का नंबर के राज्य बनाया जा सकेगा।

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इस लक्ष्य को हासिल करने में लखनऊ में होने वाली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी अहम भूमिका निभाएगी। इसके जरिए प्रदेश में करीब 10 लाख करोड़ के निवेश को आकर्षित करने की शुरुआत होगी। इस ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन भव्य तरीके से आयोजित करने के लिए उच्च स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई है। उद्योग जगत के नामी लोगों को इस आयोजन में आमंत्रित कर यूपी में बने औद्योगिक निवेश के माहौल को और बेहतर किया जाएगा।

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