पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के ‘राजद में जदयू के विलय’ के बयान पर शनिवार को प्रशांत किशोर ने पलटवार किया है।
सार्वजनिक रूप से पद का दुरुपयोग कर धन अर्जित करने के दोषी पाए जाने वाले आज सच्चाई के संरक्षक बने
बता दें कि राबड़ी देवी ने शुक्रवार को दावा किया था कि जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर राजद में जदयू के विलय सहित विभिन्न प्रस्तावों को लेकर उनके पति और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से कई बार मिल चुके हैं। जिसके बाद प्रशांत किशोर ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि सार्वजनिक रूप से पद का दुरुपयोग कर धन अर्जित करने के दोषी पाए जाने वाले आज सच्चाई का संरक्षक बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद जी जब चाहें, मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाएं, सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या बात हुई और किसने किसको क्या ऑफर दिया?
ये भी पढ़ें :-जम्मू एवं कश्मीर : शोपियां जिले में मुठभेड़ में दो आतंकवादी ढेर
प्रशांत किशोर राजद अध्यक्ष से नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद के रूप में घोषित कराना चाहते थे उम्मीदवार
बता दें कि बिहार विधान परिषद में विपक्ष की नेता राबड़ी देवी ने शुक्रवार को कहा था कि प्रशांत किशोर राजद अध्यक्ष से नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित कराना चाहते थे। राबड़ी ने कहा कि हमारे सभी सुरक्षाकर्मी और कर्मचारी गवाह हैं।
ये भी पढ़ें :–अली-बजरंग बली विवाद पर सीएम ने दिया जवाब, बिना नाम लिए मायावती ने कसा तंज
नीतीश ने महागठबंधन में वापसी के लिए कई बार अपने विश्वासपात्र प्रशांत किशोर को उनके पास दूत बनाकर भेजा
प्रशांत किशोर पांच बार 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास पर पहुंचे थे। इसके अलावा, तेजस्वी के पूर्व सरकारी आवास पर भी आए थे। उल्लेखनीय है कि लालू ने अपनी आत्मकथा ‘गोपालगंज टू रायसीना माई पॉलटिकल जर्नी’ में भी दावा किया है कि नीतीश ने महागठबंधन में वापसी के लिए कई बार अपने विश्वासपात्र प्रशांत किशोर को उनके पास दूत बनाकर भेजा था। हालांकि प्रशांत किशोर ऐसे किसी भेंट से पहले भी इंकार करते रहे हैं।