भारत को लेकर इमरान खान ने पलटा बड़ा फैसला, पाकिस्तानी हुए नाराज

660 0

विपक्षी दलों के विरोध के बाद पाकिस्तान की इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) सरकार ने भारत से चीनी और कपास के आयात के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) सरकार की कैबिनेट ने गुरुवार को इकोनॉमिक कॉर्डिनेशन कमेटी के भारत से फिर से कारोबारी रिश्ते शुरू करने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। पाकिस्तान सरकार का कहना था कि जब तक भारत जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं करता है तब तक उसके साथ रिश्ते को सामान्य बनाना मुश्किल है। विपक्षी दलों के दबाव में भले ही इमरान खान की कैबिनेट ये फैसला लिया हो, लेकिन अब उन्हें पाकिस्तान के उद्योगपतियों और महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ा रहा है।

कपड़ा कारोबारियों के संगठन ‘पाकिस्तान अपैरल फोरम’ के चेयरमैन जावेद बिलवानी ने कहा है कि संघीय कैबिनेट के फैसले ने कपड़ा निर्यात उद्योग को निराश किया है। उन्होंने वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद की भारत से सूती धागे के आयात की सिफारिश को सही ठहराया और समय की जरूरत बताया। पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जावेद बिलवानी ने कहा कि इमरान खान की कैबिनेट को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

असल में, पाकिस्तान में कपड़ा निर्यात सेक्टर की लगातार यह मांग रही है कि भारत सहित पूरी दुनिया से कपास और सूती धागा को  ड्यूटी फ्री इम्पोर्ट किया जाए ताकि उनके मुल्क को कपड़ा निर्यात को लेकर कोई बड़ा नुकसान न हो। जावेद बिलवानी कहते हैं कि इकोनॉमिक कॉर्डिनेशन कमेटी के प्रस्ताव को खारिज किए जाने से विदेशी खरीदारों को निगेटिव मैसेज जाएगा क्योंकि पाकिस्तान में सूती धागे की पर्याप्त उपलब्धता नहीं है।

पाकिस्तान के कपड़ा कारोबारियों की असल चिंता यह भी है कि देश में सूती धागे की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में उनकी मांग है कि अगर इकोनॉमिक कॉर्डिनेशन कमेटी के प्रस्ताव को हरी झंडी नहीं दी जा रही है तो देश में पर्याप्त मात्रा में कपास या सूती धागा मुहैया कराया जाए।

फिलहाल, भारत के साथ फिर से ट्रेड शुरू करने का प्रस्ताव खारिज हो चुका है, लिहाजा पाकिस्तान के कपड़ा कारोबारियों को एक्सपोर्ट में गिरावट का डर सता रहा है। चालू वर्ष में पाकिस्तान को कपास उत्पादन में 40 फीसदी की कमी का सामना करना पड़ा है…और अगर 2014-2015 से इसकी तुलना 1.5 करोड़ कपास की गांठों के साथ की गई, तो इस वर्ष यह गिरावट 50 टन थी।

कोरोना वायरस संकट के चलते जो माल 25 दिन में पाकिस्तान पहुंच जाता था, अब उसे समुद्र के रास्ते पहुंचने में 105 दिन लगते हैं। ऐसे में परिवहन का खर्च भी बढ़ गया है। यही वजह है कि पाकिस्तान के कारोबारी चिंतित हैं और इमरान खान सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।

कारोबारी इस हद तक नाराज हो रहे हैं कि उन्हें कहना पड़ रहा है कि यदि इमरान खान की सरकार भारत से सूती धागे के इम्पोर्ट की इजाजत नहीं देना चाहती है तो उसे कम से कम अगले छह महीने के लिए कपास और सूती धागे के निर्यात पर पाबंदी लगा देनी चाहिए। बता दें कि पाकिस्तान 2019 तक भारतीय कपास के प्रमुख खरीदारों में से एक रहा है। भारत कपास का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री हम्माद अजहर ने बुधवार को निजी क्षेत्र को 5 लाख टन चीनी आयात करने की अनुमति देने के प्रस्ताव की बात कही थी। उनका कहना था कि दोनों देशों के बीच फिर ट्रेड शुरू होने से पाकिस्तान में आम आदमी की जेब पर बोझ कम पड़ेगा। पाकिस्तान के मुकाबले भारत में चीनी 15-20 फीसदी सस्ती है। अगर  पाकिस्तान की सरकार अपने कदम से पीछे ना हटती तो वहां की आम जनता को महंगाई से थोड़ी राहत मिल जाती। भारत से आयात करने से पाकिस्तान को जहां रमजान से पहले चीनी की बढ़ती कीमतों को कम करने में मदद मिलती, वहीं पड़ोसी देश को निर्यात करने से भारत के स्थानीय बाजारों में चीनी का सरप्लस कम हो जाता।

Related Post

Panchayat Chunav Counting

थर्मल स्कैनिंग व ऑक्सीमीटर से जांच के बाद ही मिलेगा मतगणना केंद्रों में प्रवेश

Posted by - May 1, 2021 0
लखनऊ। राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि मतगणना केंद्रों पर लोग थर्मल स्कैनिंग और आॅक्सीमीटर से जांच के बाद ही…

उत्तराखंड: रोडवेज बस और बाइक की जबरदस्त टक्कर, मौके पर युवक की मौत

Posted by - November 6, 2019 0
उत्तराखंड।  कालाढूंगी-रामनगर हाईवे पर आज यानी बुधवार एक दर्दनाक हादसा हो गया है जिसमे रोडवेज बस और बाइक की टक्कर…