एंटीलिया केस में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के असिस्टेंट पुलिस् ाइंस्पेक्टर सचिन वझे को लेकर गुरुवार को एनआईए कोर्ट में सुनवाई हुई। जांच एजेंसी की दलीलों के बाद कोर्ट ने वझे को 3 अप्रैल तक के लिए कस्टडी में भेज दिया। इस दौरान एनआईए ने अदालत में कई दावे किए। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि वझे के घर से 62 कारतूस मिले हैं जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं है। यह साफ नहीं है कि वह कारतूस का क्या करने वाला था। वझे को सर्विस रिवाल्वर के लिए दी गई 30 गोलियों में से सिर्फ पांच बरामद हुई हैं। आरोपी ने यह नहीं बताया कि बाकी की गोलियां कहां गईं।
फरवरी में ही कोविड-19 की दूसरी लहर आ गई थी
एनआईए ने कोर्ट को यह भी बताया कि वझे के एक सहयोगी के सरकारी गवाह बनने की बात सही नहीं है। किसी भी शख्स को सरकारी गवाह तब बनाया जाता है, जब उस केस में चार्जशीट हो जाती है। अदालत में सुनवाई के दौरान सचिन वझे ने कहा कि वह राजनीति का शिकार है और उसे इस केस में बलि का बकरा बनाया जा रहा है। वझे ने कहा कि मैंने इस मामले में अपराध स्वीकार नहीं किया है। मैंने 12 दिन तक इस केस की छानबीन की और फिर कुछ बदलाव हुआ और मुझे एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के मुताबिक, कोर्ट में उसने माना कि एंटीलिया केस को सॉल्व कर वह खुद को सुपरकॉप की तरह दिखाना चाहता था। एनआईए ने शनिवार शाम मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वझे से 12 घंटे तक पूछताछ करने के बाद उसे गिरफ्तार किया था। वझे के खिलाफ आईपीसी की धारा 285, 465, 473, 506(2), 120 इ के तहत केस दर्ज किया गया है। सुनवाई के दौरान एनआईए ने 15 और दिनों के लिए सचिन वझे की कस्टडी मांगी थी। अदालत में सुनवाई के दौरान एनआईए ने कहा कि वझे पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है।