हिंदी से न्याय आंदोलन के पुरोधा चंद्रशेखर उपाध्याय को मातृशोक, जन्मभूमि में ही पंचतत्व में विलीन

653 0

लुधियाना/देहारादून। दलितों के उत्थान एवं उन्हें बराबरी का दर्जा दिलवाने के लिए आजीवन संघर्षरत एवं प्रयासरत रहीं सुप्रसिद्ध समाजसेविका श्रीमती पुष्पलता उपाध्याय (Pushpalata Upadhyay)  ने 11 जून की देर-रात्रि पंजाब के लुधियाना शहर में अन्तिम सांस ली ।

पंजाब के अमृतसर में जन्मी श्रीमती उपाध्याय को नियति अन्तिम समय में उनकी जन्मभूमि में ही ले आयी, जन्म के समय उनके पिता पण्डित ब्रजमोहन तिवारी अमृतसर में रेलवे के बड़े ओहदे पर तैनात थे । वह प्रख्यात न्यायविद् एवम् ‘हिन्दी से न्याय ‘ (Hइस देशव्यापी अभियान के नेतृत्व-पुरुष चन्द्रशेखर पण्डित भुवनेश्वर दयाल उपाध्याय (CS Upadhyay) की मां है।

वह संघ के प्रचारक एवम्  भारतीय-जनसंघ के सबसे कम आयु के राष्ट्रीय-मंत्री रहे पण्डित के.सी. उपाध्याय को ब्याही थीं, विवाह से पूर्व राष्ट्र सेविका समिति की कार्यकर्ती के दायित्व का निर्वहनभी उन्होंने किया, विवाह के पश्चात भारतीय जनसंघ में राजमाता विजया राजे सिंधिया एवम् हींगोरानी के साथ जन-आन्दोलनों  में सक्रिय रहीं, बाद में वह तत्कालीन संघ प्रमुख गुरु गोलवरकर के शुभाशीष से दलितों को उनका हक दिलाने के लिए लड़ती रहीं ।

वह भारतीय-जनसंघ के सबसे बड़े परिवार में ब्याही थीं, परिवार में संघ एवम् भारतीय-जनसंघ के राष्ट्रीय नेताओं के अलावा प्रख्यात सोशलिस्ट डाक्टर राम मनोहर लोहिया, राजनारायण चौधरी चरण सिंह समेत  अनेक बड़ी राजनीति हस्तियों का लगातार आना-जाना रहता था, अपने जीवनकाल में उन्होंने सभी के लिए भोजन पकाया।

रामपुर तिराहे का बलिदानी-स्मारक मेरे लिए एक मंदिर है : चंद्रशेखर उपाध्याय

पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी उनके संघर्ष से बहुत  प्रभावित थीं, उन्होंने 1975 में उन्हें कांग्रेस में आने का निमंत्रण दिया था, उस समय उनके पति मीसा-बन्दी के रूप में जेल में बन्द थे, पूरा घर सील था, उनके निकट  रिश्तेदार आगरा से कांग्रेस के विधायक थे, उन्होंने इन्दिरा जी को कहा था,’ मैं आपकी नेतृत्व-क्षमता से चमत्कृत हूँ, लेकिन मैं आपके आपातकाल लागू करने के फैसले से सहमत नहीं हूँ,’ इन्दिरा जी ने इस पर उनकी प्रशंसा की थी, उन्होंने आपातकाल के कारण अल्पायु में अपने पति को खोया था ।

आज दोपहर तीन बजे लुधियाना के सिविल-लाइन्स स्थित शमशान-घाट  पर उनके पुत्र चन्द्रशेखर ने उन्हें मुखागिन दी बड़ी संख्या में अश्रुपूरित लोगों ने उन्हें अन्तिम विदाई दी, बड़ी संख्या में मौजूद दलितों ने अपनी नेता को अन्तिम प्रणाम किया ।

Related Post

More than 200 Naxalites surrendered

लाल आतंक का अंत! 200 से अधिक नक्सलियों ने CM विष्णु देव साय के समक्ष किया आत्मसमर्पण

Posted by - October 17, 2025 0
रायपुर। नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ चल रहे आत्मसमर्पण अभियान के तहत अब तक कई नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। एक…
मलिहाबाद में समाधान दिवस में आईं 84 शिकायतें

मलिहाबाद में समाधान दिवस में आईं 84 शिकायतें

Posted by - March 16, 2021 0
मंगलवार को मलिहाबाद तहसील के संपूर्ण समाधान दिवस ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रणता ऐश्वर्या की अध्यक्षता में संपन्न किया गया। जिसमें मलिहाबाद…
भारत गौरव अलंकरण

ब्रिटिश पार्लियामेंट में निर्भया की मां आशा देवी को मिलेगा भारत गौरव अलंकरण

Posted by - March 20, 2020 0
नई दिल्ली। निर्भया के गुनहगारों को लंबे संघर्ष के बाद फांसी के तख्ते तक पहुंचाकर न्याय हासिल करने वाली निर्भया…

अनुच्छेद- 370 की दूसरी बरसी पर भाजपा ने मनाया जश्न तो पीडीपी मना रही अपमान की बरसी

Posted by - August 5, 2021 0
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35ए हटने की दूसरी बरसी पर भाजपा पूरे प्रदेश में जश्न मना रही है। जम्मू…