मजदूरों के हिस्से पर भी लूट! पिछले चार सालों मे मनरेगा की योजनाओं में 935 करोड़ की ठगी

569 0

कोरोना संकट के बीच जहां मनरेगा शहरों से लौटे मजदूरों के लिए सहारा बना वहीं अब खुलासा हुआ कि इसमें व्यापक लेवल पर पैसों की हेराफेरी हो रही है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के एक डेटा के अनुसार पिछले चार वर्षों में मनरेगा की विभिन्न योजनाओं में 935 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई है। द इंडियन एक्सप्रेस ने सूचना प्रणाली के तहत मंत्रालय से ये जानकारी जुटाई, मंत्रालय ने बताया कि अब तक महज 12.5 करोड़ रुपए ही वसूले गए हैं।

कुल हेराफरी का महज 1.34 फीसदी ही वसूला गया है, विशेषज्ञों का माने तो इसमें 10 फीसदी पैसा वसूल पाना भी बेहद मुश्किल है। उनके मुताबिक यहां कई चरणों में हेराफेरी है, किसी एक को आरोपी बनाकर पूरी रकम वसूली नहीं जा सकती क्योंकि खाने वालों की संख्या अधिक है। पिछले वर्ष के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में योजना पर काम का दबाव और बढ़ा है।

इसके मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के लिए 11,500 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ कुल 73,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। आने वाले दिनों में मनरेगा के लिए अतिरिक्त धनराशि की जरूरत पड़ सकती है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कुल 11.19 करोड़ लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया था।

हरियाणा में आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ राजद्रोह के दो मामले और 136 अन्य प्राथमिकी दर्ज

यह अनाज राशन प्रणाली के तहत हर महीने प्राप्त होने वाले 35 किलो प्रति परिवार से अलग है। मनरेगा से जहां ग्रामीण बेरोजगारों को काम मिल रहा है, वहीं ग्रामीण बुनियादी ढांचा भी तैयार हो रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज ¨सह का कहना है कि मनरेगा के माध्यम से स्थायी निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। चालू वित्त वर्ष के दौरान मनरेगा के तहत 73 फीसद कार्य कृषि और उससे जुड़े उद्यमों से कराने की योजना है। मनरेगा से कुल 25 लाख स्थायी निर्माण कार्य कराए जा चुके हैं।

Related Post

लखनऊ हिंसा

लखनऊ हिंसा: पूर्व आईपीएस दारापुरी, सदफ समेत कई को मिली जमानत

Posted by - January 3, 2020 0
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा के आरोप में गिरफ्तार पूर्व…