लखनऊ हिंसा

लखनऊ हिंसा: पूर्व आईपीएस दारापुरी, सदफ समेत कई को मिली जमानत

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लखनऊ। राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा के आरोप में गिरफ्तार पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी, कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ जफर और पवन राव आंबेडकर सहित कई अन्य को शुक्रवार को जमानत मिल गई है। बता दें कि इन लोगों को बीते 19 दिसम्बर को परिवर्तन चौक पर हुई हिंसा के बाद गिरफ्तार किया गया था। ये सभी 14 दिन से न्यायिक हिरासत में थे।

एडीजे संजय शंकर पांडेय ने इन सबकी जमानत मंजूर की

सेशन कोर्ट के तरफ से जमानत खारिज किए जाने के बाद जिला न्यायालय में इसकी सुनवाई हुई। एडीजे संजय शंकर पांडेय ने इन सबकी जमानत मंजूर की है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इन लोगों की गिरफ्तारियों का विरोध कर सरकार से रिहाई की मांग की थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा एसआर दारापुरी के घर भी बीते दिनों पहुंचकर दारापुरी की बीमार पत्नी से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। उन्होंने कहा था कि 77 साल के रिटायर्ड ऑफिसर दारापुरी को घर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने प्रदर्शन को लेकर एक फेसबुक पोस्ट डाली थी, जिसमें प्रदर्शन कर रहे लोगों से शांति की अपील की थी लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सदफ जफर के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने के आग्रह वाली याचिका पर प्रदेश सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा

प्रियंका ने पार्टी कार्यकर्ता सदफ जफर के परिजनों से भी मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि सदफ जफर साफ-साफ वीडियो में पुलिस से हिंसा फैलाने वाले लोगों को गिरफ्तार करने की बात कह रही हैं। पुलिस ने सदफ पर बेबुनियाद आरोप लगाकर जेल में डाल दिया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सदफ जफर के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने के आग्रह वाली याचिका पर प्रदेश सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका में दर्ज एफआईआर को रद्द करने, जेल में बेहतर चिकित्सा सुविधा देने व जेल मैनुअल के तहत घर का भोजन व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश देने का आग्रह किया है। गिरफ्तारी को अनुचित ठहराने और मामले की जांच अदालत की देखरेख में पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी से कराने का आग्रह किया गया है। सरकारी वकील की ओर से जेल अधिकारियों की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करते हुए कहा गया कि याची को पहले ही जरूरी चिकित्सीय सुविधा दी जा चुकी है। कोर्ट ने सरकार को दो सप्ताह में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

 

इसके साथ ही सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक झड़प व आगजनी के मामले में आरोपितों की सम्पत्ति कुर्क करने का नोटिस जारी किया गया है। इनमें प्रमुख रूप से एसआर दारापुरी, सदफ जफर, रिहाई मंच के मोहम्मद शोएब, दीपक कबीर आदि हैं। जिला प्रशासन ने 100CAA से अधिक लोगों को नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति का नोटिस दिया है। प्रदेश के कई जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान तीन करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के नुकसान होने का अनुमान है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई बलवाइयों से करने के निर्देश दिए थे। लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के मुताबिक कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।

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