यूपी एसटीएफ ने तस्करी करने वाले गिरोह को झांसी में किया गिरफ्तार

लंदन में करोड़ों की जमीन का वारिस बनाने के नाम पर इंजीनियर से ठगे 60 लाख रुपए

830 0

नोएडा साइबर क्राइम थाना पुलिस ने तीन ऐसे साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है जिन लोगों ने एक इंजीनियर को लंदन में करोड़ों रुपए की जमीन का वारिस बनाने के नाम पर 60 लाख रुपए ठगे थे। गिरफ्तार से आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है कि अब तक उन लोगों ने इस तरह कितने लोगों को ठगा है।

पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम डॉ त्रिवेणी सिंह ने बताया कि तरुण बार्ष्णेय ने नोएडा सेक्टर 36 स्थित साइबर क्राइम थाने में शिकायत की थी कि कुछ लोगों ने उससे संपर्क कर ब्रिटेन के लंदन में उसे जमीन दिलाने के नाम पर बातचीत की थी। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने उन्हें बताया कि उनके नाम का एक व्यक्ति ब्रिटेन में रहता था जिसकी मौत हो गई है। फोन करने वाले ठगों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि मृतक की जितनी भी संपत्ति लंदन में है वह लोग सब उसके नाम करवा देंगे। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि साइबर ठगों ने उससे विभिन्न खातों में करीब 60 लाख रुपए जमीन दिलवाने के नाम पर लिये। बाद में पीड़ित तरुण को पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है। उन्होंने नोएडा के थाना बिसरख में इस मामले का मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में मामले की जांच साइबर क्राइम थाने को मिली गयी। साइबर क्राइम थाने की प्रभारी निरीक्षक रीता यादव की टीम ने जांच के दौरान शुक्रवार को अकीलुद्दीन, अनीस अहमद तथा असलीम खान को गिरफ्तार कर लिया। तीनों जनपद बरेली के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि साइबर ठगों ने रकम इन्हीं के खातों में तरुण से मंगवाई थी।

पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान जानकारी मिली है कि गिरफ्तार आरोपी असलीम खान साइबर ठगों को खाता उपलब्ध करवाने का काम करता है। जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि बरेली के कैथल गांव के काफी लोग साइबर ठगों को रुपये लेकर अपने बैंक का खाता उपलब्ध करा रहे हैं।

पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम डॉ त्रिवेणी सिंह ने बताया कि पूर्व में इस मामले में पुलिस तीन आरोपियों को पहले ही जेल भेज चुकी है, जिसमें गुरुग्राम निवासी पति-पत्नी और एक अन्य आरोपी पंजाब का शामिल है। अब तक इस मामले में कुल 6 आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं। पुलिस को आशंका है कि इस मामले में विदेशी साइबर ठग भी शामिल हैं। फिलहाल पुलिस गिरोह के फरार अन्य आरोपियों के साथ ही गिरोह के सरगना की तलाश कर रही है।

उधर, पीड़ित तुषार वार्ष्णेय ने बताया कि वह ग्रेटर नोएडा वेस्ट की गौर सिटी फर्स्ट स्थित पार्क एवेन्यू सोसायटी में रहते हैं। 8 जनवरी 2019 को उन्हें एक मेल आई जिसमें मेल भेजने वाले ने खुद को ब्रिटेन का एडवोकेट बताया। मेल में लिखा था कि लंदन में रहने वाले स्वर्गीय ब्रज वार्ष्णेय की वर्ष 2005 में हुई एक सड़क दुर्घटना में सपरिवार मौत हो चुकी है। उसका नॉमिनी बनने के लिए चंूकि तुषार अपने नाम के आगे वार्ष्णेय लिखता है कि इस कारण उसे प्रस्ताव दिया गया की मृतक के बैंक खाते में जमा 12.5 मिलियन पाउंड तरुण के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इसके बदले में वकील को 50 प्रतिशत कमीशन देना होगा। इसके बाद ब्रिटेन के एटार्नी जनरल की तरफ से तुषार के पास मेल आया जिसमें कहा गया लंदन की नाटिसिक्स बैंक में जमा उक्त रकम को रिलीज कराने के लिए फंड रिलीज फॉर्म भरने को कहा गया जिसमें स्वर्गीय वार्ष्णेय का लॉकर है।

दिल्ली हाईकोर्ट में ट्विटर: नए नियमों का पालन किया, अधिकारी नियुक्त किए

इसके बाद नाटिसिक्स बैंक की मेल आईडी से मेल आया कि पूरा 12.5 मिलियन पाउंड आरबीआई मुम्बई में जमा करा दिया गया है। इसके बाद आरबीआई के विदेशी मुद्रा विनिमय विभाग देहरादून से मेल आने लगे। इनके निर्देश पर आरोपियों द्वारा रजिस्ट्री कराने के नाम पर, वारिसान परिवर्तन के नाम पर, विदेशी करेंसी को भारतीय करेंसी में बदलने के नाम पर, कस्टम ड्यूटी आदि के नाम पर करीब 25 बैंक खातों में करीब 60 लाख रुपए जमा करवा लिए।

Related Post

UPPCB report, 68.8% improvement in water quality of the rivers of the state

यूपीपीसीबी की रिपोर्ट, प्रदेश की नदी- जलाशयों की जलगुणता में 68 फीसदी से अधिक सुधार

Posted by - May 27, 2025 0
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB ) ने प्रदेश की नदियों और जलाशयों…

इंशाअल्लाह…पूरी कोशिश करेंगे कि योगी फिर सीएम न बनें- बोले AIMIM नेता ओवैसी

Posted by - July 3, 2021 0
साल 2022 में होने वाले उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। असदुद्दीन…