लखनऊ। कजरी तीज या कजली तीज 18 अगस्त रविवार को मनाई जाएगी। यह हिन्दू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ रही है। आमतौर पर कजरी तीज हरियाली तीज के करीब 15 दिनों के बाद मनाई जाती है। यह रक्षाबंधन यानी की श्रावण पूर्णिमा के तीन दिन बाद आती है।

हिन्दू धर्म में चार प्रकार की होती है तीज
बता दें कि हिन्दू धर्म में चार प्रकार की तीज होती है, जिसमें अखा तीज, हरियाली तीज, कजरी और हरितालिका तीज शामिल है। खास तौर पर तीज उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब में मनाई जाती है।
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जानें कजरी तीज का महत्व
इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं, जिससे उनको अखंड सुहाग का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आमतौर पर विवाहित स्त्रियां ही इस व्रत को करती हैं, लेकिन कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की कामना से इस व्रत को करती हैं। कजरी तीज के दिन महिलाएं श्रृंगार करती हैं, नए कपड़े पहनती हैं और हाथों में मेंहदी रचाती हैं। पूजा के दौरान वे माता पार्वती को सुहाग की समाग्री अर्पित करती हैं।
                        
                
                                
                    
                    
                    
                    
