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श्रीरामलला के विग्रह प्रतिष्ठा को लेकर किन्नर भी उत्साहित

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अयोध्या । श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण को लेकर किन्नरों (Kinnar) में भी उल्लास का माहौल है। अपने राम के इस महोत्सव से वे खुद को अलग नहीं कर पा रहे हैं। यहां तैयार हो रहे नव्य, दिव्य श्रीराम मंदिर में श्रीरामलला (Ramlala Pran Pratishtha)के विग्रह प्रतिष्ठा का शुभ शगुन लेकर किन्नर भी आएंगे। वे घर-घर मंगलगान गाएंगे। फिर राम का न्योता स्वरूप हल्दी और अक्षत बांटेंगे। इस दौरान माताओं, बहनों, बच्चों और पुरुषों से प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में भागीदार बनने का अनुरोध करेंगे।

यूपी के बस्ती जिले में रहने वाले किन्नरों (Kinnar) के समूह ने अपनी भूमिका तय कर ली है। विग्रह प्रतिष्ठा का न्योता किन्नर भी बांटेंगे। इसमें उनकी मददगार बन रही है इंदिरा चैरिटेबल ट्रस्ट। वह श्रीराम जन्म भूमि न्यास समिति से संपर्क कर किन्नरों को अवध का हल्दी और अक्षत उपलब्ध कराएगी।किन्नर कॉजल और किन्नर सुमन इस कार्यक्रम की अगुआई करेंगी। उनके नेतृत्व में सभी किन्नर अपने क्षेत्र के यजमान के घर जाएंगे। द्वार- द्वार मंगल चारण होगा।

किन्नर (Kinnar) खुद शुभ शगुन लेकर नृत्य, कीर्तन कर पहले जन-जन को प्रभु राम से जोड़ेंगे। माहौल राममय बनाने के बाद लोगों से श्रीराम विग्रह प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को भव्य स्वरूप देने के लिए अनुरोध करेंगे। किन्नरों का प्रयास है कि इस महोत्सव में जन-जन की भागीदारी सुनिश्चित हो।

किन्नर काजल (Kinnar Kajal) ने कहा कि प्रभु श्रीराम से किन्नर समाज का त्रेताकाल से अभिन्न नाता है। हमारे पूर्वजों को प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त है। कलयुग में हम जिसे आर्शीवचन देंगे, उसे वह फलीभूत होगा। यह हमारे राम की कृपा से होता है। यही वजह है कि हमें लोग शुभ घड़ी पर बुलाते हैं और उपहार देते हैं। ऐसे में प्रभु श्रीराम के उत्सव में हम पीछे रहने वाले नहीं है। हम मंगल चारण कर जन-जन तक अवध का न्योता पहुंचाकर धन्य होंगे।

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किन्नर सुमन (Kinnar Suman) ने कहा कि कि लंबे संघर्ष के बाद अयोध्या में मेरे प्रभु श्रीराम का नव्य और भव्य मंदिर का स्वरूप देखने को मिल रहा है। यह अद्भुत संयोग हैं। ऐसे में हम अपने राम से अलग कैसे हो सकते हैं। हम लोगों ने योजना बनाई है कि श्री रामलला के विग्रह प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का न्योता खुद घर-घर जाकर पहुंचाएंगे। यदि कोई इस अवसर पर अयोध्या नहीं पहुंच पा रहा है तो अपने घर पर ही दीवाली जैसा उत्सव मनाए। आस्था का दीप जलाने के लिए द्वार-द्वार लोगों को प्रेरित किया जाएगा।

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