किम जोंग उन ने कोरिया प्रायद्वीप में तनाव के लिए अमेरिका को ठहराया जिम्मेदार 

489 0

सियोल। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अमेरिका को कोरिया प्रायद्वीप में तनाव के लिए जिम्मेदार ठहराया है। जानकारी के मुताबिक, किम जोंग उन ने कहा कि अस्थिरता की मुख्य वजह अमेरिका है। किम जोंग ने यह बयान डिफेंस की प्रदर्शनी के दौरान भाषण के दौरान दिया है। गौरतलब है कि किम जोंग का यह बयान लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल के परीक्षण के कुछ दिनों के बाद आया है।

किम जोंग उन ने ‘सेल्फ-डिफेंस 2021’ प्रदर्शनी में कहा, मैं ये जानने के लिए बहुत उत्सुक हूं कि क्या ऐसे लोग या देश हैं, जो खुद ये मानते हैं कि उनके किए कार्यों में शत्रुता रखने जैसा कोई इरादा नहीं है। किम जोंग उन ने कहा कि अमेरिका जो करता है और कहता है उसमें बिल्कुल भी समानता नहीं है, यह कतई नहीं लगता है कि अमेरिका की उत्तर कोरिया से शत्रुता नहीं है। दोनों देशों के पीछे तनाव की दूसरी वजह दक्षिण कोरिया भी है, जो अमेरिका का करीबी सहयोगी है लेकिन उत्तर कोरिया का कट्टर दुश्मन है।

गौरतलब है कि अमेरिका ने सियोल (दक्षिण कोरिया की राजधानी) में अपने 28,500 सैनिकों को तैनात किया है, ताकि उत्तर कोरिया से लड़ाई के वक्त दक्षिण कोरिया की रक्षा की जा सके। इस मामले में किम ने कहा, ‘सैन्य शक्ति को मजबूत करने के अप्रतिबंधित और खतरनाक प्रयास कोरियाई प्रायद्वीप पर सैन्य संतुलन को नष्ट कर रहे हैं और सैन्य अस्थिरता और खतरे को बढ़ा रहे हैं।

बता दें कि साल 2017 में उत्तर कोरिया ने ऐसी मिसाइलों का परीक्षण किया था, जो पूरे अमेरिका महाद्वीप तक पहुंच सकती हैं और अब तक के अपने सबसे शक्तिशाली परमाणु विस्फोट को अंजाम दे सकती हैं। इसके साथ ही प्योंगयांग का कहना है कि उसे अमेरिकी आक्रमण से खुद को बचाने के लिए हथियारों की आवश्यकता है। जबकि जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के बाद बार-बार कहा है कि अमेरिका का उत्तर कोरिया से दुश्मनी का कोई इरादा नहीं है।

किम ने ऐसे वक्त पर भाषण दिया है, जब हाल ही में उत्तर कोरिया ने ट्रेन से पहली बार लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया है. इसे एक हाइपरसोनिक वारहेड बताया गया है। साल 2018 में किम ऐसे पहले उत्तर कोरियाई नेता भी बने थे, जो सिंगापुर शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति से मिले थे। इस दौरान ये शर्त रखी गई कि अगर उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम को छोड़ दे, तो अमेरिका उसपर लगे प्रतिबंधों को हटा देगा। लेकिन हनोई में हुई दूसरी वार्ता के बाद से बातचीत अब तक अवरुद्ध है। वहीं बाइडेन प्रशासन का कहना है कि वह कभी भी किसी भी समय बिना पुरानी शर्तों को ध्यान में रखे परमाणु निरस्त्रीकरण की कोशिशों के तहत उत्तर कोरियाई नेताओं के साथ मिलने को तैयार है।

Related Post

AK Sharma

ऊर्जा मंत्री की बड़ी कार्रवाई, 14 निदेशकों की नियुक्ति प्रक्रिया को किया रद्द

Posted by - March 23, 2023 0
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) और उसकी सहयोगी वितरण कंपनियों के 14 निदेशकों की नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द…
CM Yogi

2013 कुम्भ और 2025 के महाकुम्भ की तुलना कर सपा के भ्रष्टाचार को सीएम योगी ने खोला

Posted by - February 19, 2025 0
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान महाकुम्भ 2025 के दिव्य-भव्य…