जदयू के बाद भाजपा के एक और सहयोगी ने की जाति जनगणना की मांग, कहा- बने ओबीसी मंत्रालय

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देश में जातीय जनगणना को लेकर हो रही मांग में भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल ने भी हां में हां मिलाया है, पार्टी ने ओबीसी मंत्रालय बनाने की भी बात कही है। इसके पहले बिहार की जनता दल यूनाइटेड ने भी जातीय जनगणऩा की मांग की थी, सीएम नीतीश की मांग थी कि इससे जातियों के लिए नियम बनाने में आसानी होगी। अपना दल के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल ने कहा- जाति आधारित जनगणना ने ओबीसी की सटीक संख्या का पता लगेगा।

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति ने कहा- जैसे अल्पसंख्यक मंत्रालय है ठीक उसी तरह से ओबीसी मंत्रालय होना चाहिए। गौरतलब है कि यूपी की 50 सीटों पर अपना दल का प्रभाव है, अगर पार्टी की मांग की अनदेखी की गई तो वोटरों में गलत संदेश जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, ओबीसी आबादी का कोई उचित अनुमान नहीं है। इसलिए, वह सरकार से अनुरोध करता हैं कि अगली जनगणना जाति-आधारित होनी चाहिए ताकि प्रत्येक वर्ग, विशेष रूप से ओबीसी की सटीक आबादी का पता लगाया जा सके।  केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल ने कहा, ‘‘इससे यह सुनिश्चित होगा कि एक विशेष जाति वर्ग का हिस्सा, उनकी आबादी पर आधारित हो। ’’

आशीष पटेल ने कहा कि केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की तर्ज पर ओबीसी के कल्याण के लिए एक अलग और समर्पित मंत्रालय होना चाहिए. अपना दल (एस) 2014 से राजग का घटक है। पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय सोनेलाल पटेल की बेटी अनुप्रिया पटेल को नरेंद्र मोदी सरकार के हालिया मंत्रिपरिषद विस्तार में केंद्रीय मंत्री बनाया गया था, वह कुर्मी जाति से हैं जो ओबीसी वर्ग में आती है। उत्तर प्रदेश की लगभग 50 विधानसभा सीटों पर उनकी पार्टी का प्रभाव है, जो ज्यादातर पूर्वी उत्तर प्रदेश में हैं।

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विभिन्न राजनीतिक दलों के अलावा, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने इस साल अप्रैल में सरकार से भारत की जनगणना 2021 कवायद के तहत ओबीसी की आबादी पर आंकड़े एकत्र करने का आग्रह किया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2018 में 2021 की जनगणना में पहली बार ओबीसी पर आंकड़े एकत्र करने की परिकल्पना की थी।  हालांकि, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस साल 10 मार्च को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा था कि स्वतंत्रता के बाद, भारत ने नीतिगत रूप में निर्णय लिया था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को छोड़कर आबादी की जाति-वार गणना नहीं की जाएगी।

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