पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी को बूस्ट मिला- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

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नई दिल्ली। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को ‘डेयर टू ड्रीम 2.0’ पुरस्कार विजेताओं और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के युवा वैज्ञानिकों के सम्मान समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में जो कंपोनेंट मुझे सबसे अधिक आकर्षित कर रहा है वह है ‘डेयर टू ड्रीम’ चैलेंज। ये तीन शब्द हमारे विजन और मिशन को बहुत स्पष्टता से दर्शाते हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा, यह ड्रीम ही हैं, जो साकार होकर दुनिया को नई नई दिशाएं देते गए। ये सपने ही हैं जिन्होंने असंभव सी लगने वाली चीजों को अपनी मुट्ठी में कर लिया। दुनिया की जितनी बड़ी से बड़ी खोज और अविष्कार हैं आप देखेंगे तो पाएंगे कि वे सब किसी न किसी सपने का ही परिणाम है। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी ने ऐसे भारत का स्वप्न देखा था, जहां बस सुदूर क्षेत्र ही नहीं, बल्कि लोगों के दिल आपस में मजबूती से जुड़ें।

हमारा देश दुनिया का सबसे युवा देश- राजनाथ सिंह

उन्होंने कहा, हमारे लिए सौभाग्य की बात है, कि आज हमारे प्रधानमंत्री ने हमें एक नया सपना साकार करने के लिए एक बड़ा व महत्त्वपूर्ण लक्ष्य दिया है। यह सपना, 1.3 बिलियन लोगों की बेहतरी का सपना है. पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम जी, जिनका जीवन और उपलब्धियां आज देश के करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। आज लगभग 60 फीसदी युवा आबादी के साथ हमारा देश, दुनिया का सबसे युवा देश है। हमारा युवा न केवल आज की जरूरतों, बल्कि आने वाले कल की उम्मीदों और आकांक्षाओं को भी पूरा करने के लिए बिलकुल तैयार है।

मिलिट्री उपकरण की डिमांड तेजी से बढ़ी 

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘आज व्यापार, अर्थव्यवस्था, संचार, रणनीतिक मामले और सेना की ताकत यानी हर क्षेत्र में बदलाव देखा जा रहा है। इनसे दुनिया का कोई कोना अछूता रह जाए, मैं समझता हूं वह संभव नहीं है। दुनिया भर में हो रहे यह बदलाव राष्ट्रों की सुरक्षा आवश्यकताएं को भी उतनी ही बढ़ा रहे हैं। वैश्विक सुरक्षा चिंताएं, सीमा विवाद और समुद्री मामले के महत्व के चलते दुनियाभर के देश आज अपनी सैन्य आधुनिकीकरण पर फोकस कर रहे हैं और मिलिट्री उपकरण की डिमांड तेजी से बढ़ रही है।

स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी को एक बूस्ट मिला

उन्होंने कहा, आज जब हम रक्षा विकास के लिए प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी की बात कर रहे हैं, तो हमें इसका पूरा ख्याल है कि हम अपने प्राइवेट सेक्टर को मज़बूत करें, लैस करें और और नई भूमिका के लिए पूरी तरह तैयार करें। ऐतिहासिक रूप से हम देखें भारतीय रक्षा उद्योग में प्राइवेट सेक्टर की मौजूदगी बहुत कम रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने ऐसे अनेक कदम उठाए जिसने रक्षा क्षेत्र में प्राइवेट इंडस्ट्री की भागीदारी मज़बूत की और स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी को एक बूस्ट मिला। इन सभी उपायों के परिणामस्वरुप स्वदेशी रक्षा उद्योग को दिए जा रहे कॉन्ट्रेक्ट्स की संख्या में वृद्धि के रूप में हुई है। हम न केवल अपनी घरेलू सुरक्षा की जरूरत पूरी करने, बल्कि प्रौद्योगिकी और उपकरण को बाहर देशों को निर्यात करने की भी दिशा में तेजी से आगे बढ़े हैं।

DRDO हमें लगातार सहयोग कर रहा- राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘शुरू से लेकर अभी हाल के एलसीए मार्क 1-ए, अर्जुन मार्क-1-ए मेन बैटल टैंक और एमआर-एसएएम के कॉन्ट्रेक्ट और आगमन तक, DRDO हमारी सशस्त्र बल की क्षमता और सामर्थ्य के बढ़ाने में लगातार सहयोग कर रहा है। आज हम न्यू इंडिया के नए आयाम, भविष्य की तकनीकों, जैसे- नैनो टेक्नोलॉजी, क्वांटम कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक टेक्नोलॉजी आदि पर काम कर रहे हैं। डीआरडीओ युवा वैज्ञानिक प्रयोगशाला और उन्नत प्रौद्योगिकी केंद्र इन क्षेत्रों में कार्य करना शुरू कर चुके हैं।

 

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