Dr. Hira Lal IAS Model Gaon

IAS हीरा लाल की मुहिम – Model Gaon बनाएंगे, घर-घर खुशहाली लाएंगे

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लखनऊ। गांव में बदलाव की बयार के साथ ही हर किसी के जीवन में खुशहाली लाने के लिए मॉडल गांव (Model Gaon) बनाने की अनूठी पहल पर गंभीरता से विचार चल रहा है। इसके पीछे सोच यह है कि अगर देश को विकसित और खुशहाल बनाना है तो सबसे पहले अपने गांवों का चतुर्दिक विकास करना होगा क्योंकि सही मायने में भारत गांवों में ही बसता है।

इसी सोच को साकार करने और इसे सही मायने में धरातल पर उतारने में आईसीआईसीआई फाउंडेशन के सहयोग से पूरी एक टीम दिन-रात काम कर रही है। इस नवप्रयोग के प्रेरक (मेंटर) आईएएस अधिकारी हीरा लाल भी एक खाका तैयार करने में जुटे हैं जो कि गांव के लोगों को तरक्की की राह दिखा सके।

श्री हीरा लाल का कहना है कि बांदा के जिलाधिकारी के कार्यकाल के दौरान वह मॉडल गांव (Model Gaon) बनाने की पहल कर चुके हैं, जिसके सकारात्मक परिणामों से उत्साहित होकर उस नवप्रयोग को अब पूरे प्रदेश में लागू करने को कुछ संगठन और अधिकारी आगे आये हैं।

इस पहल के तहत सर्वप्रथम गांव घोषणा पत्र (विलेज मेनिफेस्टो) के माध्यम से लोगों को इस सोच के बारे में अवगत कराना है, जिसके जरिये गांव में विकास का एजेंडा स्थापित कर और चेंज मेकर तैयार कर गांव का सर्वांगीण विकास किया जा सके। इस तरह अभी पूरा जोर हर गांव में विलेज मेनीफेस्टो को हर सदस्य तक पहुंचाने, हर गांव में विलेज चेंज मेकर तैयार करने और हर गांव स्तर पर किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने पर पूरा जोर है ।

क्या है गांव (Model Gaon) घोषणा पत्र

गांव घोषणा पत्र का मुख्य उद्देश्य इसके माध्यम से गांव में विकास का एजेंडा स्थापित कर और चेंजमेकर तैयार कर गांव का सर्वांगीण विकास करना है। इसके अलावा इसमें उन मूलभूत सुविधाओं को शामिल किया गया है, जो उसे मॉडल गांव (Model Gaon) की श्रेणी में शामिल कर सके और गांव खुशहाली ला सके।

इन प्रमुख बिंदुओं में शामिल हैं –

  • गांव की सफाई व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त हो
  • गांव में कोई भी अनपढ़ न हो
  • इलाज- दवा के साथ योगा की भी हो व्यवस्था
  • बिजली भरपूर मात्रा में मिले खासकर सोलर वाला गांव बनाने पर जोर हो
  • पेयजल व सिंचाई के लिए पानी की अच्छी व्यवस्था हो
  • रोजगार यानि सभी हाथ को काम पर जोर दिया जाए
  • गांव (Model Gaon) में संवाद तंत्र यानी आधुनिक इंटरनेट की सुविधा हो
  • उत्पादों को बेचने की भरपूर और अच्छी व्यवस्था हो
  • गांव में जैविक उत्पाद को प्राथमिकता मिले
  • गांव को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर हो
  • विवाद रहित खुशहाली वाले गांव की सोच विकसित की जाए
  • गांव का नियम और लेखा का रखरखाव हो
  • गांव का बायोडाटा-प्रोफाइल तैयार किया जाए
  • किसान उत्पादक संगठन (फपीओ) बनाने पर जोर हो
  • प्रवासी ग्रामवासी संपर्क व सहायता की व्यवस्था हो और कुपोषण को खत्म करने पर जोर हो
  • इसके अलावा वृक्षारोपण (मेड़ पर पेड़) पर जोर हो
  • खेल, कला व संस्कृति के विकास का ध्यान रखा जाए
  • महिला विकास पर जोर हो
  • प्रतिभा चयन व विकास की व्यवस्था हो
  • ग्राम समस्या और समाधान पर मंथन हो
  • देश व प्रदेश सरकार के कार्यक्रमों को गांव में मजबूती के साथ लागू करना और गांव स्थापना दिवस के आयोजन की व्यवस्था हो।
  • इतनी व्यवस्था यदि गांवों में कर दी जाए तो वह समूर्ण मॉडल गांव का दर्जा प्राप्त कर सकता है।
  • बदलाव लाने वालों की कहानी करेगी प्रेरणा का काम

देश के विभिन्न हिस्सों में इस तरह के मॉडल गांव बनाने की दिशा में अग्रसर कुछ युवाओं और किसानों की प्रेरक कहानियों का भी इसके लिए सहारा लिया जा रहा है। इसी तरह की एक प्रेरक लघु फिल्म है। गुजरात के पुनसारी गांव के हिमांशु पटेल ने अपने गांव को मॉडल गांव बनाने के लिए किये। प्रयासों के बारे में, जिसके जरिये भी लोगों को इस पहल से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

इसमें बताया गया है कि हिमांशु पटेल का गांव आज देश का एक ऐसा गांव बन गया है। जिसे देखने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से लोग पहुंच रहे हैं। हिमांशु की कहानी हर किसी को प्रेरित करने वाली है कि अगर हम अपने गांव को मॉडल गांव बनाने की ठान लें तो हमें कोई भी ताकत उससे रोक नहीं सकती। इसी तरह से उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के देवी शरण वर्मा ने केले की खेती से गांव में खुशहाली लाने की कहानी भी लोगों के लिए प्रेरणा का काम कर रही है।

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