GST

सात लाख करोड़ के बजट का ईंधन बनेंगे GST, आबकारी, स्टांप और वाहन कर

170 0

लखनऊ। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (UP GIS) के जरिए 33.52 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त करके सबको हैरत में डालने के बाद योगी सरकार का मेगा बजट यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने की दिशा में अग्रसर करेगा। योगी सरकार ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा बजट तकरीबन सात लाख करोड़ रुपए (6,90,242.43 करोड़) का प्रस्तुत किया है। इसके बाद हर किसी के मन में ये सवाल उठ रहे हैं आखिर इतना सारा धन सरकार कहां से लेकर आएगी। बजट में इसे लेकर अलग से प्रावधान किये गये हैं। इसके तहत जीएसटी (GST) , आबकारी, स्टांप और वाहन कर प्रदेश के जनकल्याणकारी बजट के महत्वपूर्ण स्रोत बनेंगे। यही नहीं अबतक का सबसे बड़ा बजट होने के बावजूद प्रदेश के राजकोषीय घाटे को भी बीते वर्षों की तुलना में कम करने का प्रयास है, जो कि उल्लेखनीय है।

GST और आबकारी से दो लाख करोड़ से ज्यादा राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद

योगी सरकार (Yogi Government) ने आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्टेट GST और वैल्यू एडेड टैक्स से 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपए राजस्व के रूप में प्राप्त करने का लक्ष्य बनाया है। इसके बाद आबकारी शुल्क से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 58 हजार करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार स्टाम्प एवं पंजीकरण से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 34 हजार 560 करोड़ रुपये सरकार ने निर्धारित किया है। वहीं वाहन कर से 12 हजार 672 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य है। बता दें कि इस वित्तीय वर्ष के बजट में लगभग 32721.96 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल की गयी हैं। इस वित्तीय वर्ष के बजट के लिए सरकार को 5,70,865.66 करोड़ रुपये की प्राप्ति राजस्व से जबकि 1,12,427.08 करोड़ रुपये की पूँजीगत प्राप्ति होगी।

समेकित निधि के घाटे को काफी हद तक नियंत्रित करेगी सरकार

वहीं टैक्स के जरिए 4,45,871.59 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य है। इसमें प्रदेश का कर राजस्व 2,62,634 करोड़ रुपये, जबकि केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 1,83,237.59 करोड़ रुपये शामिल होगा। सरकार की ओर से इस वित्तीय वर्ष में किये जाने वाले कुल खर्च में से 5,02,354.01 करोड़ रुपये राजस्व लेखे से तथा 1,87,888.42 करोड़ रुपये पूँजी लेखे से किया जाएगा। वहीं उल्लेखनीय ये है कि जहां पिछले वित्तीय वर्ष में कुल खर्च घटाने के बाद समेकित निधि पर 24 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा सरकार को सहना पड़ा था वहीं इस वित्तीय वर्ष में सभी खर्च के बाद ये घाटा लगभग 6 हजार करोड़ रुपये पर सिमटकर रह जाने का अनुमान है।

राजकोषीय घाटे को भी नियंत्रण में रखेगा बजट 2023-24

यूपी की सत्ता संभालने के बाद प्रदेश को विकास की राह पर ले जाने के प्रयास में जी-जान से जुटी योगी सरकार ने 2023-24 के लिए मेगा बजट प्रस्तुत करते हुए प्रत्येक सेक्टर को समृद्ध करने की योजना तैयार की है। प्रदेश के इतिहास में अबतक का सबसे भारी भरकम बजट यूपी के विकास के मार्ग का प्रशस्त तो करेगा ही, साथ ही इस बार राजकोषीय घाटे को भी जीडीपी के 3.48 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि पिछले बजट का राजकोषीय घाटा 3.92 प्रतिशत था। वहीं राजस्व संग्रह पर भी योगी सरकार का विशेष जोर है, जिनके दम पर प्रदेश में विकास और लोक कल्याण के विभिन्न कार्यक्रम संचालित होंगे।

Related Post

kanya sumangal yojana

UP Budget 2021-22 : योगी सरकार के अंतिम बजट में महिला सशक्तिकरण पर विशेष फोकस

Posted by - February 22, 2021 0
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने कार्यकाल का पांचवां और अंतिम बजट पेश किया। वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने…
28 lakh lamps will be lit up to welcome Lord Ram

रामोत्सव 2024: 22 को सरयू घाट पर दीपोत्सव व भव्य आतिशबाजी से आलोकित होगी रामनगरी

Posted by - January 11, 2024 0
अयोध्या। श्रीराम के भव्य प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर 22 जनवरी को सरयू घाट पर दीपोत्सव (Deepotsav) व भव्य आतिशबाजी (Fireworks)…