गंगा दशहरा

गंगा दशहरा : जानें गंगा नदी को क्यूं कहा जाता है हिंदुस्तान की जीवन रेखा

723 0

नई दिल्ली। सोमवार को पूरे देश में गंगा दशहरा श्रद्धापूर्वक मनाया गया। गंगा नदी को हिंदुस्तान की जीवन रेखा कहा जाता है। गंगा नदी की धार्मिक मान्यता देश में नहीं विदेशों में भी है। गंगा दशहरा के दिन आपको मां गंगा और कई खासियत से रूबरू करवाते हैं।

गंगा दशहरा पर मां गंगा का संदेश

पौराणिक मान्यता है कि हजारों साल पहले भगवान राम के पूर्वज राजा भागीरथ ने कठोर तपस्या की। इसके बाद राजा भागीरथ ने भगवान विष्णु से मां गंगा को पृथ्वी पर भेजने का वरदान मांगा।

भोलेनाथ ने मां गंगा को जटाओं में दिया स्थान

जिसके बाद भगवान शंकर ने मां गंगा को अपनी जटाओं में स्थान दिया। ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को भगवान शंकर की जटाओं से जो जलधारा उत्तराखंड के गंगोत्री क्षेत्र में निकली, यही गंगा का उद्गम स्थल बन गई और गंगोत्री कहलाने लगी। जिस दिन मां गंगा पृथ्वी पर आईं वह दिन ही गंगा दशहरा कहा जाता है ।

गंगोत्री से निकलने के बाद गंगा उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल होते हुए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं।

कोरोना के चलते इस बार गंगा घाट सूने

हर साल गंगा दशहरा के मौके पर अलग-अलग शहरों में गंगा नदी की पूजा की जाती है, लेकिन इस साल कोरोना संकट के कारण ज्यादातर शहरों में गंगा घाट सूने ही रहे।

हमें जीवन में बहुत कुछ सिखाती मां गंगा

गंगा नदी हमें जीवन में बहुत कुछ सिखाती है। मां गंगा से हमें सहनशीलता सीखने को मिलती है। गंगा से हमें उदारपन और अपनापन सीखने को मिलता है। गंगा हमें बताती है कि गंदगी फैलाने वालों को भी कैसे माफ कर देती हैं? देश-दुनिया के तमाम रिसर्च ये साबित कर चुके है गंगा का पानी शरीर के लिए फायदेमंद है।

काशी की बेटी का वर्ल्ड रिकार्ड, 101 देशों की ‘रंगोली’ बनाकर दिया शांति का संदेश

गंगोत्री से गंगा तो निर्मल होकर निकलती है, लेकिन पहाड़ से मैदान में आते ही गंगा को गंदा करने की शुरुआत हो जाती है। औद्योगिक कचरे के अलावा, इंसान के मल जल को भी गंगा में प्रवाहित किया जाता है। गंगा को निर्मल करने का अभियान दशकों से चल रहा है, लेकिन अभी तक गंगा पूरी तरह स्वच्छ नहीं हो सकी हैं।

हालांकि देश में कोरोना के कारण देशव्यापी लागू लॉकडाउन के कारण जब लोगों ने गंगा नदी में नहाना और कपड़े धोना छोड़ दिया, तो गंगा नदी का ऐसा स्वरूप दिखा जैसे गंगा के पृथ्वी पर उद्गम के वक्त रहा होगा। ऐसे में मां गंगा का आप सभी के लिए यही संदेश है कि अगर पृथ्वी पर पानी का स्रोत बनाए रखना है तो सिर्फ गंगा नदी को नहीं बल्कि देश में बहने वाली हर छोटी-बड़ी नदी को स्वच्छ और निर्मल रखें।

Related Post

SC

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना पर केंद्र से पूछे कई सवाल, कहा- ‘राष्ट्रीय समस्या के दौरान हम चुप नहीं बैठ सकते’

Posted by - April 27, 2021 0
नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते संकट (Corona Virus Cases in India) से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार…
free ration

गुजरात में अंत्योदय, श्रमजीवी और पीएचएच राशन कार्ड धारकों को निःशुल्क खाद्यान्न

Posted by - April 1, 2020 0
गांधीनगर। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के संक्रमण के खिलाफ सतर्कता के रूप में 21 दिनों…