सीमा विवाद के बाद पहली बार PM मोदी-जिनपिंग थे आमने-सामने, पूरी तरह से किया ‘इग्‍नोर’!

987 0

अंतर्राष्ट्रीय डेस्क.    आज मंगलवार रूस में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन की ऑनलाइन वर्चुअल बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आमने सामने थे. भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कई महीनों से चल रहे विवाद के बीच पहली बार मोदी-जिनपिंग आमने-सामने आए. खबर है कि पूरी मीटिंग में मोदी ने जिनपिंग को ‘इग्‍नोर’ किया.इस मीटिंग में पाकिस्तानी पीएम इमरान खान भी मौजूद थे. पीएम मोदी ने न तो अपने संबोधन की शुरुआत में जिनपिंग या इमरान का नाम लिया, न ही भाषण खत्‍म करते वक्‍त सबका शुक्रिया अदा करते हुए चीन, पाकिस्‍तान का जिक्र किया.

बता दे कि शंघाई सहयोग संगठन का चीन और भारत भी सक्रिय सदस्य है. संगठन की यह तीसरी बैठक है जिसमें भारत की तरफ से इस बार प्रधानमंत्री मोदी शामिल हुए. इस बैठक की शुरुआत दोपहर 2 बजे की गयी, जिसकी मेजबानी रूस ने की और साथ ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसकी अध्यक्षता की.

  भारतीय मूल के विवेक मूर्ति बने बाइडन की कोविड-19 टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष

प्रधानमन्त्री मोदी ने इस ऑनलाइन बैठक में कहा, “हमने हमेशा आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग के विरोध में आवाज उठाई है। भारत एससीओ चार्टर में निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार SCO के तहत काम करने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहा है। परन्तु, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एससीओ एजेंडा में बार-बार अनावश्यक रूप से द्विपक्षीय मुद्दों को लाने के प्रयास हो रहे हैं, जो एससीओ चार्टर और शंघाई स्पिरिट का उल्लंघन करते हैं। इस तरह के प्रयास SCO को परिभाषित करने वाली सर्वसम्मति और सहयोग की भावना के विपरीत हैं।”

संबोधन की शुरुआत में मोदी ने संयुक्‍त राष्‍ट्र के लक्ष्‍यों पर बात की। मोदी ने कहा, “संयुक्‍त राष्‍ट्र ने अपने 75 साल पूरे किए हैं। लेकिन अनेक सफलताओं के बाद भी संयुक्त राष्ट्र का मूल लक्ष्य अभी अधूरा है। महामारी की आर्थिक और सामाजिक पीड़ा से जूझ रहे विश्व की अपेक्षा है कि यूएन की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आए। एक ‘सुधरा बहुलतावाद’ जो आज की वैश्विक वास्तविकताओं को दर्शाए, जो सभी स्‍टेकहोल्‍डर्स की अपेक्षाओं, समकालीन चुनौतियों, और मानव कल्याण जैसे विषयों पर चर्चा करे।”

आगे प्रधानमंत्री ने कहा कि अभूतपूर्व महामारी के इस अत्यंत कठिन समय में भारत के फार्मा उद्योग ने 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाएं भेजी हैं. दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के रूप में भारत अपनी वैक्सीन उत्पादन और वितरण क्षमता का उपयोग इस संकट से लड़ने में पूरी मानवता की मदद करने के लिए करेगा.

 

Related Post

अखिलेश बोले- 400 सीट जीतेंगे, भाजपा नेता ने पूछा 3 क्यों छोड़ दिए

Posted by - August 6, 2021 0
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं, राजनीतिक पार्टियों ने यूपी की सियासी सरगर्मी…
CM Dhami

मुख्यमंत्री धामी का दावा कि अपने ऐतिहासिक कार्यों के चलते जीतेगी भाजपा

Posted by - March 22, 2024 0
अल्मोड़ा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने अल्मोड़ा में लोकसभा प्रत्याशी अजय टम्टा के समर्थन में एक जनसभा को…

चौंकाने वाले खतरों से जूझता जांबाज स्पाइडर-मैन

Posted by - January 16, 2019 0
 एंटरटेनमेंट डेस्क। सोनी पिक्चर्स और मार्वल स्टूडियोज ने जुलाई 2019 के सुपरहीरो आई फिल्म स्पाइडर-मैन: हॉमकमिंग  का पहला ट्रेलर मंगलवार…