food processing units run on solar energy

सौर ऊर्जा से चलाइए खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, योगी सरकार देगी 50% तक सब्सिडी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने प्रदेश की कमान संभालते ही कृषि उत्पाद और खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया ताकि यूपी के खाद्य पदार्थों को विश्वस्तर पर नई पहचान मिल सके। इसी के तहत यूपी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-23 (Food Processing Policy) लायी गयी है। इसे बढ़ावा देने के लिये योगी सरकार कई रियायतें और अलग-अलग सेग्मेंट में सब्सिडी दी रही है। इतना ही नहीं खाद्य उद्योग (Food Processing) लगाने पर स्टाम्प शुल्क में छूट सहित मंडी शुल्क, विकास शुल्क, फसल उत्पादन के नुक़सान को कम करने और उत्पादन में स्टार्टअप का इस्तेमाल करने पर छूट दी जा रही है।

सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने पर मिलेगी 50 प्रतिशत सब्सिडी

राज्य सरकार के प्रवक्ता कहते हैं कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (Food Processing) विशेष रूप से सूक्ष्म और लघु होते हैं, जो ज़्यादातर ग्रामीण इलाक़ों में लगते हैं। ऐसे में यह स्वतंत्र विद्युत औद्योगिक फ़िडरों की लागत वहन नहीं कर पाते। इसको ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने उन्हें 75 केवीए तक के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने पर सब्सिडी देने का फ़ैसला लिया है। योगी सरकार सौर ऊर्जा परियोजना की लागत पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देगी। वहीं महिलाओं के स्वामित्व और संचालन वाली खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में संयंत्रों पर 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।

परिवहन पर भी दी जाएगी सब्सिडी

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश लैंड लॉक्ड है। इसलिये प्रदेश में प्रसंस्करण उद्योग को अधिक से अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिये निर्यात पर परिवहन की वास्तविक लागत के 25 प्रतिशत की परिवहन सब्सिडी दी जाएगी। परिवहन की यह लागत प्रदेश में विनिर्माण/उत्पादन के स्थान से आयातक देश के बंदरगाह तक होगी।

वहीं प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों (Food Processing) की स्थापना पर संयंत्र, मशीनरी और तकनीकी सिविल कार्य पर किये गये व्यय पर 35 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी। यह अधिकतम सीमा पांच करोड़ पर होगी। इतना ही नहीं इकाइयों के विस्तार पर भी संयंत्र, मशीनरी और तकनीकी सिविल कार्य पर किए गए व्यय पर 35 प्रतिशत की पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा एक करोड़ होगी।

सर्किल रेट और सीएलयू पर मिलेगी छूट

नई यूपी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-23 के अनुसार खाद्य प्रसंस्करण की यूनिट लगाने वाले स्थान पर अगर चक रोड आती है तो अब सर्किल रेट पर 25 प्रतिशत की धनराशि नहीं देनी होगी। पहले इसके लिये निवेशक को चक रोड की भूमि के बराबर दूसरी जगह भूमि देने के साथ उस भूमि के मूल्य की 25 प्रतिशत धनराशि देनी होती थी। वहीं कन्वर्ज़न ऑफ लैंड यूज़ पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने वाले उद्यमी से कृषि भूमि पर 20 प्रतिशत सर्किल रेट वसूल कर सीएलयू (कन्वर्ज़न ऑफ लैंड यूज) दिया जाता था, लेकिन अब इसपर 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

बाहरी विकास शुल्क और मंडी शुल्क संग सेस में दी गयी छूट

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (Food Processing) लगाने पर प्राधिकरण द्वारा बाहरी विकास शुल्क वसूला जाता था, जो ज़्यादातर मामलों में भूमि के रेट से ज़्यादा हो जाता था। ऐसे में अब प्रदेश में ज़्यादा से ज़्यादा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने पर बाहरी विकास शुल्क में 75 प्रतिशत छूट देने की कार्य योजना तैयार की गयी है।

वहीं उद्योग लगाने के लिये स्टाम्प शुल्क में भी छूट दी जाएगी। इसे प्रतिपूर्ति खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से बजट के माध्यम से दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रसंस्करण के लिये दूसरे राज्य से लाए गए कृषि उत्पादों पर अब मंडी शुल्क और सेस में छूट दी जाएगी क्योंकि दूसरे राज्य से लाए गए कृषि उत्पाद से प्रदेश में प्रसंस्करण के बढ़ने से रोज़गार बढ़ेगा और राजस्व कर भी ज़्यादा आएगा।

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