First meeting of Energy Ministers Group online

ऊर्जा मंत्री समूह ने बिजली कंपनियों को घाटे से बचाने पर किया मंथन

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लखनऊ: देश की विद्युत व्यवस्था को और बेहतर बनाने हेतु राज्य डिस्कॉम की स्थिति को सुधारना अत्यन्त आवश्यक है। डिस्कॉमो की वर्तमान और भविष्य की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने हेतु विस्तृत अध्ययन करने और सुझावों के लिये भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नायक की अध्यक्षता में 07 सदस्यीय मंत्रियों की कमेटी बनायी गयी है। इस कमेटी के सदस्य एवं संयोजक उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा (AK Sharma) है। इस कमेटी कें आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री (Energy Ministers) भी सदस्य बनाये गये है।

स्थिर और टिकाऊ विद्युत क्षेत्र के लिये राज्य डिस्कॉम की वित्तीय व्यवहार्यता, ऋणों और घाटे के सम्बन्ध में वर्तमान परिदृश्य को देखते हुये इनसे सम्बन्धित चिंताओं को दूर करने हेतु इस कमेटी का गठन किया गया है।

समूह की आज पहली बैठक आनलाइन वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से सम्पन्न हुई। जिसकी अध्यक्षता केन्द्रीय ऊर्जा एवं नवीनीकरण ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नायक ने की। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा (AK Sharma) ने प्रयागराज महाकुंभ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक का संयोजन किया।

मीटिंग की शुरुआत में संयोजक के रूप में सबका स्वागत करते हुए ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने महाकुंभ में विद्युत आपूर्ति हेतु हुए प्रशंसनीय कार्यों को समूह के समक्ष रखते हुए इसमें तकनीक के उपयोग को विशेष रूप से साझा किया।

साथ ही विद्युत क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में हो रहे चौतरफ़ा सुधार के बारे में ख़ास कर आरडीएसएस योजना में देश में सर्वोत्कृष्ट कार्य उत्तर प्रदेश में होने के बारे में समूह को बताया।

ऊर्जा मंत्री श्री शर्मा (AK Sharma) ने आगे बताया कि बैठक में डिस्काम की वर्तमान और भविष्य की वित्तीय स्थिरता हेतु प्रयासों पर विचार किया गया। इसके साथ ही बढ़ती बिजली मांग और विद्युत से सम्बन्धित विभिन्न सेवाओं में सुधार हेतु तकनीकी अपग्रदेशन सहित अनेक क्षेत्रों में निवेश की आवश्यकताओं को पूर्ण करने तथा ऐसे निवेशों पर उचित रिटर्न भी प्राप्त हो, इसकी संभावनाओं पर भी विचार किया गया।

बैठक में प्रमुख राज्यों के डिस्कामों के ऋण परिदृश्य पर विचार हुआ और उत्पादकता बनाये रखने के लिये आवश्यक मापदण्डों पर भी विचार किया गया। साथ ही एक वित्तीय कार्यक्रम तैयार करने पर भी विचार किया गया जिससे डिस्कॉम ऋण जाल से बच सकें।
ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए दिशा-निर्देशों की सिफारिश करना समग्र सुधार के लिए लक्षित पूंजीगत व्यय के सम्बन्ध में योजना बनाना, राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त तकनीकी और वित्तीय सावधानी से इक्विटी निवेश सुनिश्चित करना, वित्त पोषण के माध्यम से प्राप्ति के लिए उपयुक्त तंत्र सुनिश्चित करना तथा मूल्य श्रृंखला में निजी प्रतिभागियों से और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए वितरण क्षेत्र के समग्र सुधार के उपाय आदि बिन्दुओं पर भी विचार किया गया। उक्त सभी विषयों को ध्यान में रखते हुये भविष्य में सम्पूर्ण विद्युत क्षेत्र की स्थिति को कैसे बेहतर बनाया जाये इस पर चर्चा हुई।

अंत में ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा (AK Sharma) ने कमजोर वर्ग के लोगों तथा किसानों को पर्याप्त,सस्ती और निर्बाध बिजली देने के उपायों पर समूह को कि सौर ऊर्जा और पम्प स्टोरेज की ब्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

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