नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने आगामी यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर शनिवार को बड़ा फैसला लिया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मायावती की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया कि बसपा आगामी चुनाव अकेले लड़ेगी। हालांकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था। इस चुनाव सफलता के बाद बसपा ने गठबंधन तोड़ दिया था।
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बसपा के संगठनात्मक ढांचे में किये जा सकते हैं अहम बदलाव
मायावती ने निर्देश दिया है कि पार्टी को बूथ स्तर पर तैयार किया जाए। बता दें बसपा ने लोकसभा चुनाव में 10 सीटें हासिल की थी। माना जा रहा है कि इस बैठक में बसपा के संगठनात्मक ढांचे में अहम बदलाव किये जा सकते हैं। शनिवार को हुई बैठक में बसपा ने इस साल होने वाले बिहार और पश्चिम बंगाल में भी चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
जानें क्या थी 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा की तस्वीर?
यूपी चुनाव के लिए मायावती के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि वह पार्टी में पड़ रही फूट को रोक सकें। वैसे पिछले कुछ महीनों में बसपा में सबसे ज्यादा नेताओं की टूट देखने को मिली है। कहीं बसपा नेता सपा का दामन थामते नजर आए, तो कहीं बीजेपी का। ऐसे में बैठक में इस पर भी चर्चा हो सकती है।
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने 403 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 19 सीटों पर जीत दर्ज की
बता दें कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने 403 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी। बसपा के वोट प्रतिशत में भी तीन फीसदी की कमी दर्ज की गई थी। वहीं भाजपा ने 312 सीटें जीत कर अपना वनवास खत्म किया था। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर 298 सीटों पर चुनाव लड़ा था। सपा ने 47 सीटों पर इलेक्शन जीता था। वहीं कांग्रेस ने 105 सीटों पर चुनाव लड़े थे लेकिन सिर्फ 7 पर जीत दर्ज की थी।