भोपाल। अपने विवादित बयानों के लिए चर्चित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने फिर से विवाद पैदा करने वाली बात कही है। अबकी बार उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से संचालित सरस्वती शिशु मंदिरों के खिलाफ विवादित बयान दिया है।
सांप्रदायिक सदभाव को बिगाड़ते है सरस्वती शिशु मंदिर
दिग्विजय सिंह ने कहा सरस्वती शिशु मंदिर बचपन से लोगों के दिल और दिमाग में दूसरे धर्मों के खिलाफ नफरत का बीज बोतें है। वही नफरत का बीज धीरे-धीरे आगे बढ़कर देश में सांप्रदायिक सदभाव को बिगाड़ता है। सांप्रदायिक कटुता पैदा करता है, धार्मिक उन्माद फैलाता है और फिर देश में दंगे फसाद होते हैं।
बीजेपी नेताओं ने दी तीखी प्रतिक्रिया
वे शनिवार को भोपाल के नीलम पार्क में एक विरोध प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे। इस बयान का वीडियो रविवार को सामने आया, जिसके बाद बीजेपी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह को मदरसों के बारे में बोलना चाहिए। वहां पर आतंकवाद को पैदा किया जाता है और मानवता को कुचला जाता है।
कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर की आलोचना
.@digvijaya_28 जी,
सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चे रोज प्रार्थना करते हैं-
एक प्रार्थना हे जगदीश्वर, नित्य तुम्हारे चरणों में।
लग जाये तन-मन मेरा, मातृभूमि की सेवा में।।सरस्वती शिशु मंदिर देश भक्ति की पाठशाला हैं, इन पर अँगुली केवल मतिभ्रम का शिकार व्यक्ति ही उठा सकता है।
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) September 26, 2021
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा, दिग्विजय जी, सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चे रोज प्रार्थना करते हैं- एक प्रार्थना हे जगदीश्वर, नित्य तुम्हारे चरणों में, लग जाए तन-मन मेरा, मातृभूमि की सेवा में। सरस्वती शिशु मंदिर देश भक्ति की पाठशाला हैं। इन पर उंगली केवल मतिभ्रम का शिकार व्यक्ति ही उठा सकता है।
उन्होंने आगे लिखा, दिग्विजय जी आतंकवादी ओसामा के नाम के साथ ‘जी’ लगाना, आतंकी जाकिर नाइक को ‘शांतिदूत’ बताना, बाटला हाउस एनकाउंटर को झूठा बोलकर इंस्पेक्टर मोहन शर्मा की शहादत को अपमानित करना, सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगना। ये सब कांग्रेस की किस पाठशाला में पढाया जाता है, देश जानना चाहता है।
‘बंद करना है तो मदरसों को बंद करो’
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा दिग्विजय सिंह को मदरसों के बारे में बोलना चाहिए, जहां आतंकवाद को पैदा किया जाता है और मानवता को कुचला जाता है। बंद करना है तो मदरसों को करो, इनकी तालीम को करो, जहां से अलगाववाद फैलता है, जहां से वैमनस्यता फैलती है। उन्होंने कहा कि सरस्वती शिशु मंदिरों में राष्ट्रप्रेम, धर्म प्रेम, स्नेह भाव, बंधुत्व और प्यार है. सबको साथ लेने की क्षमता है।