बाबरी विध्वंस केस

बाबरी विध्वंस केस : कल्याण सिंह की सीबीआई कोर्ट में पेशी आज

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लखनऊ। बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में यूपी के पूर्व सीएम व राजस्थान के पूर्व राज्यपाल और हाल ही में बीजेपी ज्वाइन करने वाले दिग्गज नेता कल्याण सिंह की सीबीआई कोर्ट में पेशी है। उन्होंने कहा कि सीबीआई कोर्ट ने मुझे समन किया है और मैं आज कोर्ट में पेश हो रहा हूं। मैं कोर्ट के आदेशानुसार जांच में सहयोग करूंगा।

कल्याण सिंह को इस दौरान  कोर्ट की हिरासत में लिया जाएगा

कल्याण सिंह इस दौरान उन्हें कोर्ट की हिरासत में लिया जाएगा। हालांकि माना जा रहा है कि कल्याण सिंह जमानत अर्जी भी दाखिल करेंगे। दरअसल सामान्य न्यायिक प्रक्रिया के तहत आरोपी जब कोर्ट में आता है तो उसे सरेंडर माना जाता है। इसके बाद वो जमानत मिलने तक कोर्ट की हिरासत में रहता है। बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने कल्याण सिंह को कोर्ट में पेश होने के लिए आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक कल्याण सिंह को 27 सितंबर को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हो रहे हैं।

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कल्याण सिंह  सीबीआई कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए तैयार

बता दें कि राजस्थान के राज्यपाल पद से हटने के बाद सीबीआई से कोर्ट ने दस्तावेजी प्रमाण की मांग की थी। हालांकि अब तक सीबीआई की तरफ से दस्तावेज पेश न करने के बावजूद कोर्ट ने यह आदेश किया है। इससे पहले कल्याण सिंह ने कहा था कि वह सीबीआई कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए तैयार हैं। बता दें कि इस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास जमानत पर हैं।

संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपालों को संवैधानिक छूट मिली हुई है

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल, 2017 को बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र के आरोप फिर से बहाल करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया था कि 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को मुकदमे का सामना करने के लिए आरोपी के तौर पर बुलाया नहीं जा सकता क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपालों को संवैधानिक छूट मिली हुई है।

सुप्रीम कोर्ट ने जिस समय यह टिप्पणी की थी, उस समय कल्याण सिंह राजस्थान के राज्यपाल थे

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस समय यह टिप्पणी की थी, उस समय कल्याण सिंह राजस्थान के राज्यपाल के पद पर थे। संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति और राज्यपालों को कार्यकाल के दौरान आपराधिक और दीवानी मामलों से छूट है। इसके अनुसार, कोई भी अदालत किसी भी मामले में राष्ट्रपति या राज्यपाल को समन जारी नहीं कर सकती है।

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