CM Yogi

नाम के अनुरूप बहुमुखी था अटल जी का व्यक्तित्व: योगी

183 0

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि नाम के अनुरूप अटल जी (Atal) का व्यक्तित्व भी था। उनका व्यक्तित्व बहुमुखी था। वे पत्रकार, साहित्यकार, राजनेता थे। भारत की आत्मा को झंकृत करने वाले जननेता के रूप में उनका यशस्वी मार्गदर्शन देश को उस कालखंड में प्राप्त होता रहा, जब राजनीति संक्रमण काल से गुजर रही थी। कोई भी नेतृत्व हो, विपरीत परिस्थितियों में देश को एकजुट करके, जब देश की बात आएगी तो हम राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर देश के नेतृत्व के साथ खड़े होंगे। यह प्रेरणा भी हमें अटल जी ने दी थी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने बुधवार को अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर, केजीएमयू में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व। अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर कवि सम्मेलन का भी आयोजन हुआ।

मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi)  ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 1971 में भारत-पाक युद्ध के समय भारत की एकता की बात सामने आई तो सरकार के चीरहरण के लिए नहीं, बल्कि सरकार के साथ स्वर से स्वर मिलाकर अटल जी ने सरकार को समर्थन देकर भारत की एकता का संदेश दुनिया के मंचों पर दिया था। जब कांग्रेस ने लोकतंत्र का गला घोंटने का प्रयास किया तो अटल जी ने भारतीय जनसंघ को विसर्जन करने और लोकतंत्र बचाने की मांग सर्वोपरि रखी।

एक  आम नागरिक की आवाज को लोकतंत्र के माध्यम से ही दुनिया के सबसे बड़े मंच तक पहुंचाया जा सकता है। अटल जी ने इस आवाज को मजबूती प्रदान की। एक राजनेता के रूप में, विदेश मंत्री के रूप में संयुक्त राष्ट्र संघ में राजभाषा को वहां पर प्रमुखता के साथ अपने भाषण का हिस्सा बनाओ, यह भी पहली बार भारत ने देखा। भारत के अनुरूप विकास की कार्ययोजना कैसे बननी चाहिए, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, राष्ट्रीय राजमार्गों के स्वर्णिम चतुर्भुज योजना का कार्य रहा हो।

हर हाथ में मोबाइल पहुंचाने का श्रेय अटल जी को जाता है

योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि भारत के अंदर आज हर हाथ में मोबाइल फोन पहुंचा है तो इसका श्रेय अटल जी को जाता है। मोबाइल क्रांति के जनक भारत में कोई हैं, यह रिफॉर्म अटल जी ने किया। अटल जी के आने के पहले लैंडलाइन फोन भी सिफारिश से मिलता था। लैंडलाइन भी दूर की कौड़ी थी। मोबाइल जब आया था तो एक कॉल की कीमत 16 रुपये थी। आज 16 रुपये हो जाए तो बहुत लोग मोबाइल बंद कर रख देंगे। 1999 में जब मोबाइल आया तो इनकमिंग व आउटकमिंग का 16-16 रुपये देने पड़ते थे पर आज यह जीरो है। भारत दुनिया में सर्वाधिक मोबाइल धारण करने वाला देश है। सर्वाधिक डिजिटल क्रांति का लाभ लेने वाला देश है। उसकी नींव अटल जी ने रखी और उसे घर-घऱ तक पहुंचाकर प्रधानमंत्री मोदी ने लोकोपयोगी बनाकर दिखाया।

अटल जी नीलकंठ बनकर देश के राजनीतिक आकाश में जगमगाते रहे

योगी (CM Yogi) ने कहा कि गरीब भूखों नहीं मरेगा, यह संवेदना किसी सरकार ने दिखाई तो अंत्योदय (बीपीएल) योजना अटल जी ही लेकर आए थे। देश की संवेदना को जानने, उस प्रकार की रचना को समसामायिक मुद्दों के साथ जोड़ने… ‘हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन रग-रग हिंदू मेरा परिचय’ यह पंक्ति लिखने का साहस सिर्फ अटल जी जैसे राजनेता ही कर सकते थे। ‘हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा’…जैसी तमाम पंक्तियों ने देश को रास्ता दिखाया।

एक-दूसरे के पूरक बन गए लखनऊ और अटल जी

मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) ने कहा कि जो सपना व सिद्धांत पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने लिया था। कश्मीर के बारे में जो सपना डॉ। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देखा था। अपने कार्यकाल में जिन कार्यों की नींव अटल जी ने स्थापित की थी, उस पर सुदृढ़ भारत के निर्माण का कार्य आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम देख रहे हैं। नए भारत का दर्शन कर रहे हैं। य़ही पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का सबसे बड़ा माध्यम है। सपनों से नहीं, व्यावहारिक जीवन में भी हम यह करके रहेंगे। भाजपा कार्यकर्ताओं ने यही किया है। श्रद्धेय नेता को भावों से नहीं, बल्कि भंगिमाओं, जनकल्याणकारी योजनाओं, रचनात्मक कार्यक्रमों से कृतज्ञता ज्ञापित कर रहा है। यही दर्शन हमें देश-प्रदेश व लखनऊ के अंदर प्राप्त हो रहा है। अटल जी 1957 में बलरामपुर से पहली बार सांसद बने थे। आज वहां उनके नाम पर केजीएमयू के सैटेलाइट सेंटर को मेडिकल कॉलेज के रूप में स्थापित कर रहे हैं। लखनऊ से पांच बार अटल जी ने देश की संसद का प्रतिनिधित्व किया। अटल व लखनऊ एक-दूसरे के पूरक बन गए और यही अपने नेता के प्रति समर्पण का भाव होता है।

जेएनयू में गूंजा यूपी का योगी मॉडल

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, मंत्री सुरेश खन्ना, सूर्य प्रताप शाही, आशीष पटेल, गिरीश चंद यादव, राज्यसभा सांसद अशोक वाजपेयी, विधायक नीरज बोरा, योगेश शुक्ल, एमएलसी महेंद्र सिंह, मुकेश शर्मा, लालजी निर्मल, अवनीश सिंह, रामचंद्र प्रधान, बुक्कल नवाब आदि मौजूद रहे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मूर्तिकार कैप्टन एसके वाजपेयी, केसी वाजपेयी, रमेश वाजपेयी, अमृत वाजपेयी को अंगवस्त्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।

Related Post

एसपीजी संशोधन बिल पेश

लोकसभा में गृह मंत्री ने एसपीजी संशोधन बिल पेश, बोले- यह सुरक्षा सिर्फ पीएम के लिए

Posted by - November 27, 2019 0
नई दिल्ली। लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) संशोधन बिल पेश किया है।…
Sanskriti Utsav

संस्कृति उत्सव से प्रदेश के उदीयमान प्रतिभाओं को तलाशेगी योगी सरकार

Posted by - December 31, 2024 0
संस्कृति उत्सव से गोरखपुर। कला और संगीत के क्षेत्र में समृद्ध उत्तर प्रदेश में योगी सरकार प्रदेश के स्थापना दिवस…
अजय कुमार लल्लू

CCA के शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर पुलिसिया कार्रवाई की, न्यायिक जांच हो : अजय कुमार लल्लू

Posted by - December 22, 2019 0
लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप (NRC) को लेकर उत्तर प्रदेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन को…