आनंदी बेन पटेल ने कहा चुनौतियों से ही जूझकर मिलती है सफलता

आनंदी बेन पटेल ने कहा चुनौतियों से ही जूझकर मिलती है सफलता

911 0

विद्यार्थी सर्वगुण सम्पन्न जनशक्ति बनकर प्रदेश और देश के लिये महत्वपूर्ण योगदान करें। जीवन में विद्यार्थी का लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिये और उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये निरन्तर प्रयास करते रहना चाहिये। क्योंकि कठिन परिश्रम, सहनशीलता, आत्मविश्वास और सकारात्मक मनोवृत्ति से कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है। विद्यार्थियों को चुनौतियों और बाधाओं के सामने बिना झुके आगे बढ़ते रहना चाहिये।

सफलता तभी मिलती है, जब कार्य को दक्षतापूर्वक पूरा करने की क्षमता हो। यह विचार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय प्रयागराज के तीसरे दीक्षांत समारोह में 1,18,064 विद्यार्थियों को उपाधियां तथा 41 छात्रों को स्वर्ण पदक, 2 छात्राओं को कुलाधिपति पदक तथा 2 छात्राओं को गुलाटी स्वर्ण पदक प्रदान करने के बाद अपने उद््बोधन में व्यक्त किये।
राज्यपाल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान की सनातन परम्परा तथा मूल्यपरक शिक्षा को बढ़ाने की बात कही गई है। क्योंकि किसी भी देश के विकास में मानव संसाधन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अगर हमारे विश्वविद्यालयों में चरित्रवान व्यक्ति का निर्माण हो तो निश्चित रूप से सामाजिक जीवन के विविध क्षेत्रों में एक मानक और प्रतिमान स्थापित होगा।

 यूपी एसटीएफ ने तस्करी करने वाले गिरोह को झांसी में किया गिरफ्तार

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के आलोक में विश्वविद्यालयों ऐसे पाठ्यक्रम का निर्माण करें जिससे अध्ययन के लिये विषयो के रचनात्मक संयोजन को सक्षम बनाने में बढ़ावा मिले। राज्यपाल ने कहा कि किसी विश्वविद्यालय की वास्तविक पहचान गुणवत्तापूर्ण पठन-पाठन और उच्च स्तरीय सोच से होती है। उन्होंने कहा भारत सरकार द्वारा शिक्षा को प्राथमिकता के आधार पर 2035 तक सकल नामांकन अनुपात 50 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ताकि अधिक से अधिक लोगों तक उच्च शिक्षा का प्रचार-प्रसार सुलभ हो सकें।
कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में अनिवार्य रूप से सामुदायिक जुड़ाव और सेवा, पर्यावरण शिक्षा और मूल्य आधारित शिक्षा को शमिल किया जाना चाहिए।

साथ ही विश्वविद्यालयों द्वारा कराये जा रहे अनुसांधन में इन्टर्नशिप के अवसर उपलब्ध होने चाहिए। जैसा कि नई शिक्षा नीति में स्थानीय उद्योग, व्यवसाय, कलाकार, शिल्पकार आदि के साथ इन्टर्नशिप और शोधार्थियों के साथ शोध इन्टर्नशिप करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इससे छात्र-छात्राएं सक्रिय रूप से अपने सीखने के व्यवहारिक पक्ष के साथ जुड़ेगे और स्वयं के रोजगार की सम्भावनाओं को भी बढ़ा सकेंगे। राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2021-22 के बजट में सरकार ने न केवल अच्छी शिक्षा पर फोकस किया बल्कि लोगों के कौशल में निरन्तर वृृद्धि होती रहे इसके लिए कई घोषणाएं की है। विश्वविद्यालयों इसका लाभ उठायें और देश को आत्मनिर्भर बनाने योगदान दें


इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के मंत्री श्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय, उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कामेशवर नाथ सिंह, कार्य व विद्या परिषद के सदस्यगण शिक्षकगण, अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

Related Post

ramayan sangrhalay

बाराबंकी के रामसनेही घाट पर होगी रामायण संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना

Posted by - April 5, 2021 0
लखनऊ। रामायण संग्रहालय और सांस्कृतिक (Ramayana Museum And Cultural Center) केंद्र बनाने के लिए संस्कृति विभाग को बाराबंकी जिले के…
CM Vishnudev Sai

मोदी की गारंटी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार वचनबद्ध: सीएम साय

Posted by - April 24, 2024 0
रायपुर/अंबिकापुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासियों की सबसे पिछड़ी जनजाति कोरवा, बिरहोर, बैगा, कमार, अबूझमाड़िया जनजाति के लोगों के लिए…