देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन (Anand Bardhan) की अध्यक्षता में बुधवार को हाउस ऑफ हिमालयाज की छठी बोर्ड बैठक आयोजित की गई। बैठक में अध्यक्ष एवं निदेशक मंडल द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई।
अपर सचिव एवं प्रबंध निदेशक झरना कमठान ने हाउस ऑफ हिमालयाज की अब तक की प्रगति से बोर्ड को अवगत कराया।
मुख्य सचिव ने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज से अधिक से अधिक क्लस्टर लेवल फेडरेशन्स तथा स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा जाना चाहिए।
उन्होंने क्लस्टर लेवल फेडरेशन्स और स्वयं सहायता समूहों को और अधिक सशक्त किए जाने पर जोर दिया। साथ ही निर्देश दिए कि सीएलएफ एवं स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के भुगतान को प्राथमिकता पर लेते हुए शीघ्र भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए जीआई टैगिंग और जैविक प्रमाणीकरण के महत्व पर बल देते हुए इस दिशा में प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके साथ ही उत्पादों के एमआरपी निर्धारण के लिए एक स्पष्ट और पारदर्शी मैकेनिज्म तैयार किए जाने की बात कही।
मुख्य सचिव (Anand Bardhan) ने हाउस ऑफ हिमालयाज की वेयरहाउस एवं स्टोरेज क्षमता बढ़ाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एवं एनसीआर क्षेत्र में भी एक बड़ा वेयरहाउस हब विकसित किया जाना चाहिए, जिसके लिए आवश्यक कदम शीघ्र उठाए जाएं।
उन्होंने रॉ मैटीरियल और उत्पादों के लिए सुगंध पौधा केंद्र एवं दून सिल्क फेडरेशन के साथ शीघ्र एमओयू किए जाने पर भी जोर दिया। साथ ही एयरपोर्ट्स एवं मेट्रो स्टेशनों पर आउटलेट्स की संख्या बढ़ाने और विभिन्न राज्यों में स्थापित हो रहे यूनिटी मॉल्स में हाउस ऑफ हिमालयाज के उत्पादों के लिए आउटलेट्स खोलने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव (Anand Bardhan) ने कहा कि सभी आउटलेट्स को उत्पाद बिक्री के लक्ष्य निर्धारित किए जाएं तथा अच्छा प्रदर्शन करने वाले आउटलेट्स को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाए, जिससे अन्य आउटलेट कर्मियों को भी बेहतर कार्य के लिए प्रेरणा मिल सके।
बैठक में पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पाण्डेय, पूर्व निदेशक एलबीएसएनएए राजीव चोपड़ा, सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल, अपर सचिव हिमांशु खुराना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

