Amit Shah

अमित शाह ने महाप्रभु वल्लभाचार्य की प्रकट स्थली पहुंच कर किया दर्शन

180 0

रायपुर। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच देश के गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शनिवार की सुबह नवापारा शहर से लगे चम्पारण धाम में पहुंचकर महाप्रभु वल्लभाचार्य की प्रकट स्थली पहुंच कर दर्शन किया। केंद्रीय गृहमंत्री माना एयरपोर्ट से बीएसएफ के हेलीकॉप्टर से नवागांव पहुंचे। नवागांव से सड़क मार्ग से चंपारण प्रभु वल्लभाचार्य के दर्शन और पूजा के लिए वे चंपारण पहुंचे। उन्होंने लगभग 30 मिनट चंपारण में बिताया। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी सोनल शाह साथ रहीं। चम्पारण के मंदिर बृजस्थलों में बने मंदिर की तर्ज पर बनाए गए हैं। गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) का चंपारण से पुराना नाता है। इसके पहले अमित शाह 2001 में अपनी माताजी को लेकर चम्पारण आए थे। जब वे गुजरात की राजनीति में थे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) शनिवार को सबसे पहले महाप्रभु वल्लभाचार्य की जन्मस्थली चंपारण पहुंचे। मंदिर में महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य के मुख्य प्राकट्य बैठक के दर्शन किए और पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। शाह के साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल साथ रहे। इसके बाद केंद्रीय मंत्री चम्पेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे. वहां भोले बाबा पर दूध, जल और बेलपत्र चढ़ाकर आशीर्वाद लिया।

अमित शाह ने महाप्रभु वल्लभाचार्य की प्रकट स्थली पहुंचकर किया दर्शन

उल्लेखनीय है कि जगद्गुरु की उपाधि प्राप्त महाप्रभु वल्लभाचार्य के देशभर में 84 बैठकें हैं, जहां उन्होंने श्रीमद्भागवत गीता का पारायण किया था। इनमें से प्रमुख बैठक मंदिर चंपारण्य को माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि महाप्रभु ने अपने जीवनकाल में तीन बार धरती की परिक्रमा की थी। यहां पूजा-अर्चना के सारे नियम-धरम का पालन उसी तरह किया जाता है, जिस तरह से बृज के मंदिरों में पालन होता है। पंचकोसी का प्रमुख होने के साथ ही चंपारण वल्लभाचार्य की जन्मभूमि भी है जिनका संबंध गुजराती समाज से है। जिसके कारण बारहों महीने समाज की भीड़ यहां देखने को मिलती है।

चंपारण में चंपेश्वर महामंदिर और महाप्रभु वल्लभाचार्य का मंदिर छत्तीसगढ़ में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मंदिर का पौराणिक महत्व है। मंदिर के व्यवस्थापक बताते हैं कि लगभग 550 साल पहले बनारस से महाप्रभु वल्लभाचार्य के पिता लक्ष्मण भट्ट और माता इल्लमा गारू मुगल शासन में किए जा रहे अत्याचारों से त्रस्त होकर दक्षिण दिशा की ओर पैदल यात्रा पर निकल पड़े। वे राजिम के समीप घनघोर जंगल में निर्मित चंपेश्वर धाम से गुजरे, जहां वल्लभाचार्य ने संतान के रूप में जन्म लिया। 1479 चैत मास कृष्ण पक्ष की एकादशी की रात्रि को जन्मे इस बालक का नाम वल्लभाचार्य रखा गया। उन्होंने वैष्णो समुदाय को प्रचारित और प्रसारित किया। चूंकि आठवें माह में ही उनका जन्म हुआ था, इसलिए जन्म के समय उन्होंने कोई हलचल नहीं की। माता-पिता ने उन्हें मृत समझ लिया और जंगल में ही पत्तों से ढंक कर चले गए।

नौजवानों को गुमराह करने वालों के लिए जम्मू-कश्मीर में जगह नहीं: सीएम योगी

रात्रि में श्रीनाथजी ने स्वप्न में दर्शन देकर कहा कि तुम्हारी कोख से मैंने जन्म लिया है. सुबह उठते ही वे वापस चंपेश्वर धाम लौटे तो देखा कि बालक अग्नि कुंड में अंगूठा चूस रहा है। अग्नि कुंड के चारों ओर औघड़ बाबा भी बैठे थे। औघड़ बाबाओं को यकीन नहीं हुआ कि बालक उस दंपति का पुत्र है। इस पर माता ने श्रीनाथजी को याद किया और कहते है कि श्रीनाथजी ने दर्शन देकर औघड़ बाबाओं की शंका दूर की।

जिस स्थान पर वल्लभाचार्य जी का मंदिर स्थित है उस स्थल पर एक और पौराणिक मान्यता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस स्थान पर भगवान शिव की त्रिमूर्ति का अवतरण हुआ है। इस शिवलिंग में तीन रूपों का प्रतिनिधित्व है। ऊपरी हिस्सा गणपति का है, मध्य भाग शिव का और निचला भाग मां पार्वती का है। इसे त्रिमूर्ति शिव के नाम से पुकारा जाता है।

Related Post

CM Dhami

देवभूमि में अपराध और अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं – मुख्यमंत्री

Posted by - June 20, 2024 0
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने कानून व्यवस्था को लेकर सख्त रूख अपनाया है। उन्होंने राज्य में जमीन…
CM Vishnu Dev Sai

छत्तीसगढ़ में 15 प्रतिशत बिजली का उत्पादन रिन्यूएबल एनर्जी के स्त्रोतों से: मुख्यमंत्री साय

Posted by - September 16, 2024 0
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को गुजरात के गांधीनगर में चौथे ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स समिट एंड एक्सपो (री-इंवेस्ट-24)…
जमीनी विवाद में किसान और उसका परिवार हुआ घायल

जमीनी विवाद में किसान और उसका परिवार हुआ घायल

Posted by - March 6, 2021 0
सरोजनीनगर में शुक्रवार को पुस्तैनी जमीन पर कब्जा करने का विरोध करने पर चाकू, फावड़ा, लोहे की रॉड, असलहे और  धारदार हथियारों से लैस दबंगों ने अपने करीब 5 दर्जन साथियों के साथ मिलकर एक किसान व उसके परिवार पर जमकर हमला कर दिया। दबंगों के इस हमले से किसान परिवार के करीब आधा दर्जन लोग बुरी तरह घायल हो गए। इसमें किसी का सिर फटा तो किसी के हाथ व पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। बाद में पुलिस को घटना की सूचना देने के साथ ही लहूलुहान हालत में सभी घायलों को आनन-फानन सरोजनीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा कर उनका इलाज कराया गया। फिलहाल पुलिस ने पीड़ित की ओर से आरोपी दबंगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। सरोजनीनगर के चिल्लावां निवासी वीरेंद्र यादव के मुताबिक शुक्रवार को उसकी दादी की तेरहवीं होने के कारण घर के सभी लोग कार्यक्रम में व्यस्त थे। काकोरी निवासी मिहिर श्रीवास्तव ने यूपी स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल जीता आरोप है कि इसी बीच कार्यक्रम का फायदा उठा कर यहीं के तहस्बुल खान, उसका बेटा तौफीक, तसब्बुल, आमिर और सुहैल अपने करीब 50 – 60 अन्य अज्ञात लोगों के साथ उसकी तपोवन नगर स्थित पुश्तैनी जमीन पर पहुंच गए और कब्जा करने लगे। दबंगों द्वारा किए जा रहे कब्जे की जानकारी पाकर जब पीड़ित और उसके घर के लोग वहां पहुंचकर विरोध करने लगे तो चाकू, फावड़ा, लोहे की रॉड और असलहे से लैस दबंगों ने एकजुट होकर उनके ऊपर हमला कर दिया। इतना ही नहीं आरोप है कि दबंगों ने सभी को दौड़ा दौड़ा कर मारा। इस घटना में पीड़ित वीरेन्द्र के साथ ही उसके पिता राजेश कुमार यादव, अवध लाल, सुरेंद्र, रवीन्द्र और हृदय नारायण बुरी तरह घायल हो गए। इसमें से किसी का सर फट गया तो किसी के हाथ व पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। बाद में घटना की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना के बाद जब तक पुलिस मौके पर पहुंचती, तब तक आरोपी दबंग वहां से फरार हो गए। फिलहाल पुलिस ने वीरेंद्र की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल कर रही है। उधर इस घटना में घायल सभी पीड़ितों का सरोजनीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराया गया है।
CM Dhami

नारी शक्ति को सशक्त बनाने की दिशा में तेजी आयी है: सीएम धामी

Posted by - August 28, 2023 0
देहरादून। मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में सोमवार को आयोजित रक्षाबंधन समारोह में प्रदेश की विभिन्न क्षेत्रों से आई…
अनमोल नारंग

अनमोल नारंग ने 218 साल बाद रचा इतिहास, ऐतिहासिक बैरिकेडिंग तोड़ पहली सिख लेफ्टिनेंट बनेंगी

Posted by - June 13, 2020 0
नई दिल्ली। अमेरिका में एक भारतीय महिला 218 साल बाद इतिहास रचने जा रही है। सेकंड लेफ्टिनेंट अनमोल नारंग वेस्ट…