अम्फान लीची के लिए वरदान

अम्फान चक्रवात लीची के लिए बना वरदान, जानें क्या होगा फायदा

801 0

नई दिल्ली। चक्रवात अम्फान के कारण कुछ राज्यों में भले ही बेहद तबाही मची है, लेकिन यह लीची की फसल के लिए वरदान साबित हुई है।चक्रवात अम्फान के कारण हुई वर्षा से न केवल लीची का आकार बड़ा होगा, बल्कि इसकी मिठास बढ़ेगी , गूदे की मात्रा बढ़ेगी। इसका लाल रंग और निखर कर सामने आयेगा। वर्षा होने से जमीन में आयी नमी और तापमान में आई गिरावट के कारण लीची की फसल को ये फायदे होंगे।

लीची का आकार बड़ा होगा , गूदे की मात्रा बढ़ेगी , मिठास और खटास बेहतरीन होगी

राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र, मुज़फ़्फ़रपुर के निदेशक विशाल नाथ के अनुसार बिहार ,पश्चिम बंगाल तथा कुछ अन्य स्थानों में एक दो दिन के दौरान हुई वर्षा लीची के लिए वरदान बनकर उभरी है। प्राकृतिक रुप से पक कर लीची बाजार में आने वाली है लेकिन उससे पहले हुई वर्षा से शाही किस्म की लीची का आकार बड़ा होगा , गूदे की मात्रा बढ़ेगी , मिठास और खटास बेहतरीन होगी तथा इसका लाल रंग और निखरेगा ।

डॉ विशाल नाथ के अनुसार हाल तक लीची का औसत वजन जो 17.50 ग्राम था वह अब बढ़ कर 20 ग्राम से अधिक हो जाएगा

डॉ विशाल नाथ के अनुसार हाल तक लीची का औसत वजन जो 17.50 ग्राम था वह अब बढ़ कर 20 ग्राम से अधिक हो जाएगा तथा हरा युक्त लाल रंग गहरा लाल हो जाएगा । लीची की मिठास 18 डिग्री ब्रिक्स से बढ़ कर 19 से 22 डिग्री ब्रिक्स तक हो जाएगी तथा गूदा 10.5 ग्राम से बढ़ कर 14 ग्राम तक हो जाएगा । अम्लता अभी 1.28 प्रतिशत है जो घटकर 0.5 प्रतिशत तक रह जाएगी तथा बीज का आकार 3.7 ग्राम से घटकर 2.8 ग्राम तक रह जाएगा ।

जियो प्लेटफॉर्म्स में एक माह में पांचवा निवेशक बना केकेआर, किया भारी निवेश

डॉ विशाल नाथ ने बताया कि लीची का लाल होना इसके परिपक्व होने का एकमात्र सूचकांक नहीं

डॉ विशाल नाथ ने बताया कि लीची का लाल होना इसके परिपक्व होने का एकमात्र सूचकांक नहीं है । पिछले दिनों तेज धूप थी जिसके कारण भी कुछ स्थानों में लीची का रंग लाल हो गया था, इसका यह अर्थ नहीं है कि वह प्राकृतिक रुप से पक गया है । किसानों को लीची तोड़ने से अभी बचना चाहिए और बेहतर कीमत हासिल करनी चाहिए ।

किसानों को लीची पर कीटनाशकों का एक अतिरिक्त छिड़काव करना चाहिए जिसका प्रभाव दस दिन में समाप्त हो जाए । इसके लिए नीम के तेल के छिड़काव की सलाह दी गई है । लीची की चाइना किस्म के आने में करीब 25 दिन का समय बाकी है । इस स्थिति में किसान चाइना लीची के पेड़ में प्रति पेड़ 300 ग्राम यूरिया और 200 ग्राम पोटाश जमीन में मिलाकर उसकी सिंचाई कर दे तो उससे उन्हें काफी फायदा हो सकता है ।

Related Post

एसपीजी संशोधन बिल पेश

लोकसभा में गृह मंत्री ने एसपीजी संशोधन बिल पेश, बोले- यह सुरक्षा सिर्फ पीएम के लिए

Posted by - November 27, 2019 0
नई दिल्ली। लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) संशोधन बिल पेश किया है।…
CM Vishnudev Sai

शबरी के बेर लेकर अयोध्या पहुंचे सीएम विष्णुदेव, करेंगे रामलला के दर्शन

Posted by - July 13, 2024 0
अयोध्या। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnudev Sai) ने शनिवार को अपनी पूरी कैबिनेट के साथ अयोध्या (Ayodhya)…
आशुतोष टंडन

जन विश्वास जीतते हुये सीवर नेटवर्क संबंधी शिकायतों जल्द हो निस्तारण: आशुतोष टंडन

Posted by - January 30, 2020 0
लखनऊ। यूपी के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने गुरुवार को सीवेज ट्रीटमेंट प्रणाली, संबंधित इन्फ्रास्टेक्चर व सीवर नेटवर्क का…