रायपुर। दशहरा के पावन पर्व पर रायपुर के रावण भाठा मैदान में बड़े उत्साह के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Vishnudev Sai) भी मौजूद रहे और उन्होंने बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया। रावण भाठा मैदान रायपुर का प्रमुख स्थल है, जहां इस अवसर पर हजारों लोग जमा हुए। मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि दशहरा केवल बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह समाज में नैतिकता, सत्य और ईमानदारी के मूल्यों को स्थापित करने का भी संदेश देता है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अपने जीवन में सदाचार और अनुशासन का पालन करें और समाज में एकजुटता बनाए रखें।
इस कार्यक्रम में बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों सहित बड़ी संख्या में नागरिक शामिल हुए। आयोजकों ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम और नाट्य प्रस्तुति का आयोजन किया, जिसमें रावण वध की झांकी दिखाई गई। इस झांकी ने दर्शकों का ध्यान खींचा और बच्चों को उत्साहपूर्वक बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश समझाया।
मुख्यमंत्री (CM Vishnudev Sai) ने उपस्थित लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि यह पर्व हमें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को याद दिलाता है। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं से कहा कि वे अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएँ और अपने कर्तव्यों का पालन करें। रावण भाठा मैदान में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।
पुलिस और प्रशासन ने सुनिश्चित किया कि समारोह सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से संपन्न हो। इसके अलावा, COVID-19 और अन्य स्वास्थ्य उपायों का भी ध्यान रखा गया, ताकि जनता सुरक्षित रूप से इस त्योहार का आनंद ले सके। मुख्यमंत्री साय (CM Vishnudev Sai) का एक और बड़ा कार्यक्रम भी रावण भाठा मैदान में आयोजित किया जाएगा, जिसमें वे पुनः उपस्थित होंगे और दशहरा के महत्व पर प्रकाश डालेंगे। आयोजकों ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों में सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक चेतना बढ़ाना है।
स्थानीय नागरिकों ने मुख्यमंत्री (CM Vishnudev Sai) के संदेश की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम समाज में नैतिक मूल्यों और संस्कृति को मजबूत करने का काम करते हैं। बच्चों और युवाओं ने भी उत्साहपूर्वक रावण वध की झांकी का आनंद लिया और अपने परिवार के साथ फोटो खिंचवाए।
दशहरा पर्व के इस अवसर पर रावण भाठा मैदान में आयोजन ने न केवल सांस्कृतिक उत्साह बढ़ाया, बल्कि लोगों में नैतिकता, अनुशासन और सामाजिक समरसता का संदेश भी फैलाया। प्रशासन और आयोजकों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि यह पर्व सफलतापूर्वक और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो।