DM Savin Bansal intervenes, ICICI Bank visits home and issues no dues notice

डीएम का हस्तक्षेप; अंजाम सर्वविधित; आईसीआईसीआई बैंक ने घर जाकर दिया नो ड्यूज; घर के कागजात

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देहरादून:  जिला प्रशासन देहरादून अपने त्वरित एक्शन से जहां जनमानस में सरकार, शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास बढा है वहीं असहाय व्यथितों को न्याय मिल रहा है। जिलाधिकारी सविन बंसल ( Savin Bansal) के समक्ष आने वाले फरियादियों को शिक्षा, रोजगार, ऋणमाफी, सम्पति वापसी के साथ ही न्याय मिल रहा है, जिससे जनमानस में सरकार, प्रशासन, शासन की न्यायप्रिय छवि बढी है तथा न्याय पर विश्वास जगा है। इसी का ताजा उदाहरण विधवा शोभा जिसके 02 बच्चें है तथा बालक शत् प्रतिशत् दिव्यांग है का जिला प्रशासन ने आईसीआईसीआई बैंक से ऋण माफ कराकर एनओसी जारी करवा दी है। जिससे विधवा के कर्ज तले दबे अंधेरे जीवन में रोशनी भर दी है। जिसे घर का खर्चा, बेटी की पढाई बच्चों की परवरिश और बैंक ऋण जमा करने का डर सता रहा था, जिसे जिला प्रशासन के प्रयासों से राहत मिल गई है।

17 लाख के लोन का ऋण बीमा होने के बावजूद बैंक द्वारा विधवा माता व दिव्यांग बच्चों को प्रताड़ित किया जा रहा था। विगत सप्ताह देर सायं क्लेक्टेªट में विधवा शोभा ने अपने परिवार संग से जिलाधिकारी सविन बंसल ( Savin Bansal) से मिल अपनी व्यवस्था सुनाई सनाई थी। जिस पर जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी न्याय कुमकुम जोशी को कार्यवाही के निर्देश दिए थे।

डीएम ( Savin Bansal) के निर्देश पर पिछले 10 दिन से एसडीएम न्याय निरंतर प्रकरण को फोलोअप कर रही थी तथा बैंक को सोमवार तक नो ड्यूज देने का समय दिया गया था अन्यथा की दशा में बैंक शाखा की सम्पत्ति कुर्क कर नीलामी करने के निर्देश दिए गए थे।

दिव्यांग बालक की व्यथित विधवा माता शोभा जिनके पति की 2024 में मृत्यु होने के उपरान्त 2 बच्चों की परवरिश के साथ ही 17 लाख के बीमित ऋण वसूली हेतु प्रताड़ना झेल रही थी। डीएम ( Savin Bansal) का हस्तक्षेप सर्वविधित अंजाम से बैंक ने घर जाकर प्रताड़ित परिवार को नो ड्यूज के साथ ही सम्पत्ति के कागज वापस लौटाए। जिला प्रशासन के इस प्रकार के एक्शन से जनमन का विश्वास बढा है जिसमें शिक्षा से लेकर रोजगार, ऋणमाफी; सम्पति वापसी; एक के बाद एक कडे़ निर्णय से असहाय व्यथितों के चेहरे पर मुस्कान लौटाई है।

जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष क्लेक्ट्रेट में विधवा शोभा ने जिलाधिकारी ( Savin Bansal) से मिलकर गुहार लगाई कि उसके पति की मृत्यु वर्ष 2024 में हो गई थी। शोभा रावत पत्नी स्व० मनोज रावत ने जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होकर गुहार लगाई कि उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक शाखा से 10,00,000/- तथा 7,00,000/- कुल 17,00,000/- का लोन लिया था। शोभा केे पति मनोज रावत की मृत्यु 30.10.2024 को हो गयी थी। दो बच्चे जिनमें एक बिटिया पढाई करती है तथा बेटा 100 प्रतिशत् दिव्यांग है। बैंक द्वारा पति की मृत्यु के उपरांत इंश्योरेंस की क्लेम कुल रू० 13,20,662/- की धनराशि को लोन की धनराशि में समायोजित किया गया तथा लगभग रू0 5,00,000/- की धनराशि जमा की जानी अवशेष है।

विधवा गरीब महिला शोभा जो गृहणी है, जिसका आय का कोई साधन नहीं है। तथा उसका एक पुत्र जो 24 साल का है, 100 प्रतिशत विकलांग एवं बोलने चलने में असमर्थ है एवं एक पुत्री जो शिक्षारत् है की समस्त जिम्मेदारी भी उसपर है उसके अवशेष रकम 5 लाख का ऋणमाफी कराकर उसके जीवन में सुधार तथा भविष्य की चिंताओं को दूर कर दिया है।

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