natural farming

गंगा ही नहीं स्थानीय नदियों के किनारे भी तय दायरे में होगी प्राकृतिक खेती

50 0

लखनऊ। जन, जमीन और जल के लिए संजीवनी है रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती (Natural Farming) । इन सबका हित, खेतीबाड़ी के स्थाई और टिकाऊ विकास पहले कार्यकाल से ही योगी सरकार की प्राथमिकता रही है। सरकार इसे लगातार विस्तार देने के साथ इसके लिए भरपूर पैसा और किसानों को प्रोत्साहन भी दे रही है। इसके लिए बीज से लेकर बाजार तक सरकार प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के साथ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद हर संभव मंच से किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

इसी क्रम में सरकार ने तय किया है कि अब सिर्फ गंगा ही नहीं स्थानीय नदियों के दोनों किनारे पर 5/5 किलोमीटर के दायरे में सिर्फ प्राकृतिक खेती होगी। इस बाबत 1886 क्लस्टर बनाए जाएंगे। सरकार इस पर 270.62 करोड़ रुपए खर्च करेगी। हाल में हुई राज्य स्तरीय कृषि समिति की बैठक में इस कार्ययोजना को मंजूरी भी मिल चुकी है। इसके पूर्व कैबिनेट में भी प्राकृतिक खेती और खेत तालाब योजना के लिए इसके पूर्व भी 1191.51 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली थी। हाल ही में योगी सरकार की ओर से प्रस्तुत बजट में भी नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग के तहत प्राकृतिक खेती (Natural Farming) को प्रोत्साहन देने के लिए 124 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

प्राकृतिक खेती (Natural Farming) से गंगा सहित स्थानीय नदियों में भी घटेगा प्रदूषण

सरकार की योजना है कि प्रदेश में गंगा सहित सभी स्थानीय नदियों जिन जिलों से गुजरती है उनके दोनों किनारों पर एक दायरे में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिया जाए। ऐसी खेती जिसमें रासायनिक खादों और जहरीले कीटनाशकों की जगह उपज बढ़ाने और फसलों के सामयिक संरक्षण के लिए पूरी तरह जैविक उत्पादों का प्रयोग हो ताकि लीचिंग रिसाव के जरिए रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों का जहर इन नदियों में घुलकर उनको प्रदूषित न कर सकें।

उल्लेखनीय है कि गंगा के तटवर्ती 27 जनपदों में पहले से ही नमामि गंगे योजना चलाई जा रही है जिसके अंतर्गत रसायनमुक्त खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। अद्यतन आंकड़ों के अनुसार गंगा के किनारे के 1000 से अधिक गांवों में प्राकृतिक खेती हो रही है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के 54 जनपदों में परंपरागत कृषि विकास योजना संचालित की जा रही है। सरकार की मंशा निराश्रित गोवंश के नाते सबसे प्रभावित बुंदेलखंड को प्राकृतिक खेती के लिहाज से उत्तर प्रदेश का हब बनाना है।

जैविक कृषि कुंभ में गंगा के किनारे के गांवों प्राकृतिक खेती के लिए आरक्षित करने की उठी थी मांग

योगी सरकार-1 से ही यह सिलसिला शुरू हो चुका है। जिन करीब 5000 क्लस्टर्स में 18000 से अधिक किसान लगभग 10 हजार हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं उनमें नमामि गंगा योजना के तहत करीब 3300 क्लस्टर्स में 6 लगभग 6500 हैक्टेयर में प्राकृतिक खेती हो रही है। इस खेती से जुड़े किसानों की संख्या एक लाख से अधिक है। इस तरह देखा जाय तो जैविक खेती का सर्वाधिक रकबा गंगा के मैदानी इलाके का ही है। इंडो-गंगेटिक मैदान का यह इलाका दुनिया की सबसे उर्वर भूमि में शुमार होता है।

इसी नाते ऑर्गेनिक फार्मिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से नवम्बर 2017 में इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट ग्रेटर नोएडा में आयोजित जैविक कृषि कुंभ में विशेषज्ञों ने यह संस्तुति की थी गंगा के मैदानी इलाकों को जैविक खेती के लिए आरक्षित किया जाय।

चूंकि हर साल आने वाली बाढ़ के कारण इस क्षेत्र की मिट्टी बदलकर उर्वर हो जाती है, इस नाते पूरे क्षेत्र में जैविक खेती की बहुत संभावना है। यही वजह है कि योगी सरकार-2 में गंगा के किनारे के सभी जिलों में जैविक खेती को विस्तार दिया गया। अब सरकार इसे और विस्तार देने जा रही है।

Related Post

cm yogi

सीएम योगी ने किया यूपीजीआईएस के आयोजन स्थल का निरीक्षण

Posted by - February 5, 2023 0
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने रविवार को राजधानी लखनऊ के वृंदावन योजना स्थित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (UP…
CM Yogi

इकोनॉमिक ग्रोथ के साथ नये रोजगार भी उपलब्ध कराएगा नये भारत का नया उत्तर प्रदेश: सीएम

Posted by - December 26, 2024 0
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर रोजगार सृजन काे लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक…