Gajendra Singh Shekhawat

उप्र के मुख्यमंत्री ने कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने में नहीं छोड़ी कोई कसर: गजेंद्र सिंह शेखावत

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महाकुम्भ नगर। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने आज महाकुंभ (Maha Kumbh) मेले के नागवासुकी क्षेत्र में सेक्टर 7 स्थित 10 एकड़ से अधिक क्षेत्र में पर बने भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के केंद्र ‘कलाग्राम’ का लोकार्पण और उद्घाटन किया।

इस अवसर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने कहा कि कुंभ मेला भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विविधताओं का ऐसा उत्सव है, जो पूरे विश्व को भारत की समृद्ध विरासत और एकता का परिचय कराता है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की शक्ति, क्षमता और भव्यता को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करेगा।
शेखावत ने कहा कि कुंभ दुनिया के सबसे बड़े मेलों में से एक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पूर्णिमा के साथ इस दिव्य समागम का शुभारंभ होगा। उन्होंने कहा कि विविधता से भरे भारत के एकता के प्रतीक कुंभ में पूरे भारत का विराट स्वरूप दिखाई देगा।

वैश्विक पहचान के प्रयास

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय ने कुंभ को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। इस बार 15 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक कुंभ देखने आएंगे। इन विदेशी मेहमानों के लिए पर्यटन मंत्रालय ने एक टेंट सिटी तैयार की है, जिसमें आयुर्वेद, योग और पंचकर्म जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि कलाग्राम महाकुंभ 2025 का एक मुख्य आकर्षण होगा, जहां चार धामों
का मंच प्रदर्शन, 12 ज्योतिर्लिंगो का भव्य प्रवेश द्वार, अविरल शाश्वत कुंभ प्रदर्शनी, 7 क्षेत्रीय संस्कृति आंगन में सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन होगा। उन्होंने कहा कि अनुभूति मंडपम का गहन अनुभव, 230 से अधिक मास्टर कारीगरों द्वारा भारत की शिल्प कला को प्रदर्शित करेगा। शेखावत ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों के पारंपरिक भोजन स्टॉल्स के माध्यम से भारतीय व्यंजनों का स्वाद, 14,630 से अधिक सांस्कृतिक कलाकारों की रंगारंग प्रस्तुतियां और विभिन्न गतिविधियों व प्रतियोगिताओं में सहभागिता का अवसर मिलेगा।

मीडिया और मार्गदर्शन

केंद्रीय मंत्री (Gajendra Singh Shekhawat) ने मीडिया से आग्रह किया कि वे कुंभ के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता को विश्व के सामने प्रस्तुत करें। उन्होंने यह भी बताया कि भारत की 10 क्षेत्रीय भाषाओं में मार्गदर्शन के लिए टोल फ्री नंबर 1800111363 शुरू किया गया है।

पर्यटन को प्रोत्साहन

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुंभ में आने वाले श्रद्धालु अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे स्थलों की यात्रा कर सकें, इसके लिए ‘ हवाई यात्राओं की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री का आभार

शेखावत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी धन्यवाद व्यक्त किया और कहा कि उनकी नेतृत्व क्षमता के चलते कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।

कला और संस्कृति की विविधता का परिचायक है कलाग्राम

कलाग्राम में देश भर के कोने-कोने से आए कलाकारों, शिल्पकारों एवं कलाविदों को उनकी असाधारण प्रतिभा एवं चिरकालिक परम्पराओं को प्रदर्शित करने के लिए एक ही छत के नीचे लाने का प्रयास किया गया है, जहां प्रदर्शन, दृश्य एवं साहित्यिक कलाओं के लिए एक ही स्थान पर मंच प्रदान किया गया है। महाकुम्भ के 45 दिनों में, कलाग्राम, गंगावतरण एवं समुद्र मंथन की कथा का वर्णन करने वाले अनुभव क्षेत्रों, महाकुम्भ के विभिन्न पहलुओं को समाहित करने वाले प्रदर्शनी क्षेत्रों, कारीगरों के कौशल, शास्त्रीय एवं लोक कलाकारों के मंत्रमुग्धकारी प्रदर्शन, सात्विक व्यंजनों की सुगन्ध, एवं यहाँ तक कि विशेष खगोल रात्रि के माध्यम से रात्रि के आकाश का अवलोकन करने के अवसर के माध्यम से एक गहन सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करेगा। यहां बच्चों, युवाओं के लिए सेल्फी पांइट भी बनाया गया है। कलाग्राम का उद्देश्य भारतीय लोक कला, संस्कृति और परंपराओं को जीवंत मंच प्रदान करना है। कलाग्राम मंच, चार धाम को अपनी पृष्ठभूमि के रूप में जीवन्त करता है। इसमें राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कलाकारों द्वारा निर्मित दो विशाल पट्टचित्र माँ दुर्गा एवं गणपति की कथा का वर्णन किया गया है।

कलाग्राम में आकर्षण का केंद्र बिंदु हैं आकर्षक थीम पर बने आंगन

वही सात क्षेत्रों में हस्तशिल्प की प्रदर्शनी और ब्रिक्री हेतु आकर्षक थीम पर आंगन बनाया गया है, जिसमें उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NZCC) विषयः दक्षेश्वर महादेव मंदिर, हरिद्वार, कला एवं शिल्पः नक्काशीदार लकड़ी की मूर्तियाँ, पीतल के शिव लिंगम, हाथ से बुने हुए ऊनी शॉल, रुद्राक्ष मालाएँ आदि। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (Wzcc)विषयः ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर कला एवं शिल्पः मिट्टी के बर्तन, पारंपरिक राजस्थानी कठपुतलियाँ, टाई-डाई कपड़े, लघु चित्रकलाएँ आदि।

पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (EZCC) विषयः दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता

* कला एवं शिल्पः टेराकोटा मूर्तियाँ, बंगाल की कांथा- साड़ियाँ, जूट हस्तशिल्प, पट्टचित्र चित्रकला आदि। दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (szcc)विषयः आदि कुंभेश्वर मंदिर, कुंभकोणम• कला एवं शिल्पः पीतल के दीपक, पारंपरिक तंजौर चित्रकलाएँ, रेशम वस्त्र, हस्तनिर्मित मंदिर आभूषण आदि। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NCZCC) विषयः कालभैरव मंदिर, उज्जैन • कला एवं शिल्पः हाथ से चित्रित मध्य प्रदेश की जनजातीय कला, पत्थर की नक्काशी, मनका आभूषण, हस्तनिर्मित चंदेरी साड़ियाँ आदि। उत्तर पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र

(NEZCC) विषयः कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी कला एवं शिल्पः बांस और बेंत के शिल्प, असमिया रेशम साड़ियाँ, हाथ से बने मुखौटे, जनजातीय आभूषण आदि।

दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (sczcc) गंगा गोदावरी मंदिर, नाशिक• कला एवं शिल्पः पैठणी साड़ियाँ, वरली चित्रकला, हाथ से नक्काशीदार लकड़ी की कलाकृतियाँ, मिट्टी के बर्तन आदि । इसके अलावा सभी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के प्रामाणिक व्यंजन व प्रयागराज के स्थानीय व्यंजन आकर्षण का केंद्र होगें।

सांस्कृकित महाकुंभ में दिखेगा विविधता में एकता का रंग-

आस्था की धरती पर सांस्कृतिक महाकुंभ का शुभारंभ 12 जनवरी से होगा। कलाग्राम में समूचे भारत की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी, इसके लिए कलाग्राम, गंगा पण्डाल, झूसी, नागावासुकी एवं अरेल में विभिन्न मंचों पर 45 दिनों के लिए 14,632 कलाकार, संगीत नाटक अकादमी, क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों एवं सीसीआरटी द्वारा आयोजित प्रस्तुतियों में, प्रत्येक दिन पद्म एवं एसएनए पुरस्कार विजेता दिग्गजों से लेकर उदीयमान युवा प्रतिभाओं, लोक नर्तकों की रंगारंग मण्डली, भावपूर्ण शास्त्रीय शैली एवं मनोरंजक सेलिब्रिटी प्रदर्शन, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा मंचित नाट्य प्रदर्शन दर्शकों को मुग्ध करेंगे। कलाग्राम में कार्यक्रम पूर्वाहन 11:00 बजे से सायं 7:30 बजे तक तथा अन्य पण्डालों में सायं 4:00 बजे से टात्रि 8:00 बजे तक होगा।

शिल्पकारों और व्यंजनकारों का होगा संगम-

सांस्कृतिक महाकुंभ के तहत स्थानीय उत्पादों को बढावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों से आए 84 शिल्पकार एवं 14 व्यंजनकार अपने-अपने स्टाल लगाएंगें। वही एनसीजेडसीसी, प्रयागराज से 14 शिल्पकार एवं 7 व्यंजनकार अपने स्टाल लगाएंगे।
गंगा पंडाल में होगें स्टार कलाकार- त्रिवेणी मार्ग पर बने गंगा पंडाल में 31 स्टार कलाकारों का जमावड़ा होगा जो अपने प्रस्तुतियों से दर्शकों को आनंदित करेंगे। मुंबई, मणिपुर, दिल्ली, भुनेश्वर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पं बंगाल, हैदराबाद, कोलाकाता आदि विभिन्न राज्यों से कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देगें।

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