Milk

गाय के दूध के उत्पादन में भी नंबर वन बनेगा यूपी

88 0

लखनऊ। गोवंश का गोरक्षपीठ की परंपरा रही है। गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर की गोशाला इसका प्रमाण है। गोवंश की देशी प्रजातियों के लिहाज से ये गोशाला बेहद समृद्ध है। पीठ की परंपरा के अनुसार गोवंश का संरक्षण मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर के रूप में योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमिकता है। निराश्रित गो वंश का संरक्षण, गो पालकों कई तरह की रियायत और देना इसी की कड़ी है। इसी तरह गोवंश निरोग रहें इसलिए उनका नियमित टीकाकरण, नस्ल सुधार, इसके जरिए उनकी उत्पादकता बढ़ाने काम भी योगी सरकार लगातार कर रही है।

गोवंश के संरक्षण और संवर्धन का ये सिलसिला जारी रहा तो आने वाले समय में उत्तर प्रदेश गाय के दूध (Cow Milk) के मामले में भी देश नंबर वन होगा। अभी यह उपलब्धि राजस्थान के नाम पर दर्ज है। उत्तर प्रदेश का स्थान दूसरा है। अद्यतन आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में दुधारू गायों की संख्या करीब 0.66 करोड़ है। इनसे कुल 5.29 मिलियन टन दूध प्राप्त होता है। प्राप्त दूध में ।विदेशी नस्ल की गायों का दूध 1.7 मिलियन टन और मिश्रित एवं देशी नस्ल के दूध की मात्रा 4.2 मिलियन टन है।

चूंकि देशी नस्ल की गाय का दूध (Cow Milk) विदेशी नस्ल की गायों से गुणवत्ता में बेहतर होता है। इनका विकास भारतीय जलवायु में हजारों वर्ष के अनुकूलन (कंडीशनिंग) के बाद हुआ है। लिहाजा भारतीय परिस्थितियों में इनको पालना आसान है। यही वजह है कि योगी सरकार का फोकस देशी गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन पर ही है।

आने वाले समय में गोरखपुर और भदोही के पशु चिकित्सक महाविद्यालय के बन जाने पर देशी गोवंश के संरक्षण और संवर्द्धन को और बढ़ावा मिलेगा। यहां होने वाले शोध का लाभ उत्तर प्रदेश खासकर पूर्वांचल के दो दर्जन जिलों के पशुपालकों को मिलेगा। इसका लाभ देशी गोवंश की बढ़ी उत्पादकता के रूप में मिलेगा। ऐसे में 16% हिस्सेदारी के साथ दूध के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान रखने वाला उत्तर प्रदेश गायों के दूध (Cow Milk) के उत्पादन के मामले में भी देश में पहले स्थान पर पहुंच जाएगा।

इसी मंशा से मुख्यमंत्री योगी ने पिछले दिनों गोरखपुर में बनने वाले पशु चिकित्सा महाविद्यालय का स्थलीय निरीक्षण कर जरूरी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि गोरखपुर पशु चिकित्सा महाविद्यालय को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जाय। महाविद्यालय में पशुओं के रखने, चारागाह के लिए हो पर्याप्त रिजर्व लैंड हो। और गौ सरोवर भी बनाएं।

गोरखपुर के ताल नदोर में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसी वर्ष 3 मार्च को किया था। 80 एकड़ में क्रमवार तीन चरणों मे बन रहे इस महाविद्यालय के निर्माण पर 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। पहले चरण के निर्माण पर 277 करोड़ 31 लाख रुपये खर्च होंगे। 2026 तक पहले चरण का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।

Related Post

दाखिल पर्चा

राहुल 10 को तो जानें स्मृति ईरानी कब करेंगी अमेठी में पर्चा दाखिल

Posted by - April 9, 2019 0
लखनऊ। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार यानी कल सुबह अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुंचकर नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।…
AK Sharma

ऊर्जा मंत्री की पहल से ग्रामवासियों को मिली ट्रांसफार्मर के बार-बार जलने की समस्या से मुक्ति

Posted by - August 25, 2022 0
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में प्रदेश सरकार नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए…
Farmer movement

किसान आंदोलन कितना उचित

Posted by - November 27, 2020 0
हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान आंदोलित हैं। वे दिल्ली के लिए कूच कर चुके हैं। बैरिकेडिंग तोड़…
cm yogi

सीएम योगी ने कहा- ‘सेक्युलरिज्म’ शब्द भारत की परंपराओं को आगे बढ़ाने में सबसे बड़ा खतरा

Posted by - March 7, 2021 0
लखनऊ । रामायण विश्वमहाकोश के विमोचन अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ (cm yogi adityanath) ने भारत और भारतीय संस्कृति पर…