ayushman card

UP में अब मुफ्त में बनेगा नया ‘आयुष्मान कार्ड’

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लखनऊ। देश के दस राज्यों में मुफ्त स्मार्ट आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) बनाने की योजना है। यूपी में इसके लिए विशेष तैयारी की जा रही है। प्रदेश में स्मार्ट आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) बनाने के लिए 10 से 24 मार्च तक अभियान चलेगा।

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देश में आयुष्मान योजना को रफ्तार देने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए ‘गोल्डन कार्ड’ का नाम बदलकर आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) कर दिया गया है। वहीं लाभार्थी को कम्प्यूटरीकृत पर्ची के बजाय अब प्लास्टिक का स्मार्ट कार्ड मिलेगा।

यूपी की बात करें तो मुफ्त इलाज की सेवा को धार देने का खाका खींच लिया गया है। अगले वर्ष राज्य में चुनाव भी हैं, ऐसे में इस योजना पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यहां 10 मार्च से कार्ड बनाने के लिए ‘आपके द्वार आयुष्मान’ मुहिम छेड़ी जाएगी।

10 से 24 मार्च तक अभियान

स्टेट हेल्थ एजेंसी (साची) की सीईओ संगीता सिंह के मुताबिक 10 से 24 मार्च तक प्रदेश में ‘आपके द्वार आयुष्मान’ अभियान चलेगा। अब इसका नाम आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) होगा। इसके साथ ही गोल्डन कार्ड के रूप में मिलने वाली पर्ची का झंझट भी खत्म होगा। लाभार्थियों का नया कार्ड सुरक्षित और टिकाऊ होगा। इसके लिए पीवीसी (प्लास्टिक) कार्ड बनेंगे।

जनसेवा केंद्र नहीं ले सकेंगे शुल्क

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है। इसमें जनसेवा केंद्रों पर 30 रुपये लेकर बनाए जाने वाले कार्ड को फ्री में बनवाने के निर्देश दिए हैं। वहीं गोल्डन कार्ड की जगह यह आयुष्मान कार्ड होगा। मुफ्त आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए नेशनल हेल्थ अथॉरिटी व कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के बीच करार हुआ है। कॉमन सर्विस सेंटर को प्रति कार्ड सरकार शुल्क अदा करेगी, जबकि लाभार्थी को फ्री में मिलेगा। मुफ्त में कार्ड बनाने का मकसद योजना को रफ्तार देना है।

पहले आईडी नंबर मिलेगा, 60 दिन में आएगा कार्ड

स्टेट नोडल अफसर आयुष्मान योजना डॉ. एके श्रीवास्तव के मुताबिक पहले चरण में देश के 10 राज्यों में आयुष्मान कार्ड मुफ्त बनाने की योजना है। इनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश शामिल किए गए हैं। अभियान के तहत लाभार्थी के जनसेवा केंद्र पर पहुंचने पर पहले राशन कार्ड और आधार कार्ड से वेरिफिकेशन होगा। ऑटो अप्रूवल होकर लाभार्थी का ब्योरा नेशनल हेल्थ एजेंसी के सॉफ्टवेयर पर पहुंच जाएगा। तत्काल लाभार्थी को एक आईडी नंबर मिल जाएगा। इसके जरिए वह अस्पताल में मुफ्त इलाज करा सकेगा। वहीं 60 दिन के भीतर प्लास्टिक का आयुष्मान कार्ड लेकर जनसेवा केंद्र का संचालक घर पहुंचेगा। बायोमैट्रिक वेरीफिकेशन कर लाभार्थी को कार्ड हैंडओवर करेगा।

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