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WHO की रिपोर्ट से खुलासा, आखिर क्‍यूं मंडरा रहा है दुनिया में मलेरिया का खतरा?

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नई दिल्ली। लोग मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी को सीरियस नहीं लेते हैं, लेकिन अब भी पूरी दुनिया में एक गंभीर बीमारी बनी हुई है। इस बीमारी अब भी लाखों लोगों की मौत होती है। मलेरिया की सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे होते हैं।

WHO की रिपोर्ट के मुताबिक मलेरिया से दुनिया की करीब आधी आबादी को खतरा बना

मलेरिया को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को एक रिपोर्ट पेश की है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक मलेरिया से दुनिया की करीब आधी आबादी को खतरा बना हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सभी देशों ने मलेरिया से लड़ने की क्षमता को दिखाया है। WHO के मलेरिया के विशेषज्ञ पैडरो एलोनसो ने बताया की मलेरिया से होने वाली मौतों में कई हद तक दुनियाभर में कमी आई है। हालांकि मलेरिया के मामलों में 2010 से अब तक काफी कमी आई है जिनमें मौत भी कम हुई है। जबकि 2015 में मलेरिया के मामलों में 239 मिलियन से 214 मिलियन तक आ गई है। जिसमें की मलेरिया से होने वाली मौतों में 6 लाख 7 हजार से 5 लाख तक की गिरावट आई है।

https://twitter.com/WHOSEARO/status/1202130224994897920

एलोनसो ने बताया कि मलेरिया के मामलों में दुनियाभर में अच्छा प्रदर्शन किया

एलोनसो ने बताया कि मलेरिया के मामलों में दुनियाभर में अच्छा प्रदर्शन किया गया है, लेकिन यह काफी धीरे-धीरे किया गया है। जिसकी वजह से मलेरिया के मामलों में गिरवट काफी धीरे हो रही है। इसके अलावा 2018 में मलेरिया के मामलों में ज्यादा कमी नहीं आई थी। 2018 में मलेरिया के मामलों की संख्या 228 मिलियन तक ही आ पाई, जबकि 2017 में 231 मिलियन संख्या थी। 2017 में मलेरिया से होने वाली मौत की संख्या 4 लाख 16 हजार थी जबकि यह संख्या 2018 में यह सिर्फ 4 लाख 5 हजार तक ही पहुंच पाई।

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WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, अफ्रीका में गर्भवती महिलाएं और बच्चे ज्यादातर मलेरिया का शिकार

WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, अफ्रीका में गर्भवती महिलाएं और बच्चे ज्यादातर मलेरिया का शिकार हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में 11 मिलियन गर्भवती महिलाएं सब-सहारन अफ्रीका में मलेरिया की चपेट में थी। जो कि दुनियाभर की करीब 29 फीसदी गर्भवती महिलाएं हैं। जिसकी वजह से जन्म लेने वाले 9 लाख बच्चों में इसका सीधा असर पड़ता है। जो बच्चे ऐसे में जन्म लेते हैं उन्हें कई तरह का खतरा होता है जैसे उनका जन्म के बाद वजन कम होना।

अगर वह सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें तो उन्हें इस खतरे से बचाया जा सकता है

WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, सब-सहारन अफ्रीका में एक तिहाई से ज्यादा बच्चे खुले में सोते हैं । जिसकी वजह से उन्हें मच्छर से फैलने वाले रोग फैलते हैं। अगर वह सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें तो उन्हें इस खतरे से बचाया जा सकता है। महा टेयसर बराकट ने कहा कि इस समय दुनिया में अगर बच्चों को मलेरिया की शिकायत होती है तो उनके पास उससे लड़ने का अच्छा उपाय है।

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