भारत के स्वतंत्रता संग्राम में पुरुषों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, तो ये महिला भी नहीं रही पीछे

1096 0

डेस्क। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जहां पुरुषों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, तो महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं। उन महिलाओं में रानी लक्ष्मी बाई और रानी चेनम्मा जैसी वीरांगनाओं ने अंग्रेजों से लड़ते हुए अपनी जान दे दी। वहीँ झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की शहादत को कौन नहीं जानता।

ये भी पढ़ें :-नेहरू-गांधी परिवार के तीन सदस्यों को मिला भारत रत्न, इंदिरा गांधी सम्माान की गई सम्मानित

आपको बता दें रानी लक्ष्मीबाई, अंग्रेज़ों से भिड़ना नहीं चाहती थीं लेकिन सर ह्यूज रोज़ की अगुवाई में जब अंग्रेज़ सैनिकों ने हमला बोला, तो कोई और विकल्प नहीं बचा. रानी को अपने बेटे के साथ रात के अंधेरे में भागना पड़ा।रानी लक्ष्मी बाई हमारी अनंत पीढ़ियों तक वीरता का प्रतीक रहेंगी। रानी लक्ष्मी बाई ने ने 1857 के पहले स्वाधीनता संग्राम में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए।

ये भी पढ़ें :-“सच्ची लगन और मेहनत से किया गया काम कभी असफल नहीं होता”, सच साबित हुई टेरेसा पर ये कहावत 

जानकारी के मुताबिक महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म काशी में 19 नवंबर 1835 को हुआ। इनके पिता मोरोपंत ताम्बे चिकनाजी अप्पा के आश्रित थे। इनकी माता का नाम भागीरथी बाई था। महारानी के पितामह बलवंत राव के बाजीराव पेशवा की सेना में सेनानायक होने के कारण मोरोपंत पर भी पेशवा की कृपा रहने लगी। लक्ष्मीबाई अपने बाल्यकाल में मनुबाई के नाम से जानी जाती थीं।सन्‌ 1838 में गंगाधर राव को झांसी का राजा घोषित किया गया। वे विधुर थे। सन्‌ 1850 में मनुबाई से उनका विवाह हुआ। सन्‌ 1851 में उनको पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।

Related Post

उत्तर प्रदेश में गैर जमानतीय वारण्टों का तामीला-निस्तारित किया गया

उत्तर प्रदेश में गैर जमानतीय वारण्टों का तामीला-निस्तारित किया गया

Posted by - April 4, 2021 0
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव निर्वाचन-2021 के तहत सूबे के डीजीपी एचसी अवस्थी ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को मुख्यालय…
Yogi

योगी के अर्थमंत्र का कायल हुआ सोशल मीडिया, 36 करोड़ यूजर्स तक पहुंचा हैशटैग ‘योगीनॉमिक्स’

Posted by - January 5, 2023 0
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने गुरुवार को मुम्बई से डोमेस्टिक रोड शो का शुभारंभ कर दिया है। अगले…