textile park

1 हजार एकड़ में पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के 5 एफ विजन (फार्म-फाइबर-फैक्ट्री-फैशन-फॉरेन) को आत्मसात करते हुए योगी सरकार इसी आधार पर राजधानी लखनऊ में पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल (Textile Park) और अपैरल पार्क का निर्माण करेगी। इसके लिए योगी सरकार ने राजधानी के मलिहाबाद तहसील के माल ब्लाॅक स्थित अटारी गांव में भूमि को भी चिन्हित कर लिया है। मेगा टेक्सटाइल और अपैरल पार्क एक हजार एकड़ में बनाया जाएगा, जिससे 1 लाख युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। योगी सरकार को इस पार्क में दस हजार करोड़ से अधिक इन्वेस्टमेंट की उम्मीद है। इस पार्क को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए आत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।

कनेक्टिविटी को ध्यान में रखकर अटारी में बनाया जा रहा पार्क (Textile Park)

योगी सरकार टेक्सटाइल (Textile Park)  और अपैरल पार्क के जरिये एक ही छत के नीचे व्यापारियों को कपड़ा उद्योग से संबंधित सभी जरूरतों को उपलब्ध कराएगी, जिससे उद्योग की लागत कम हो सके। वहीं निर्माताओं को निर्यात के लिए मानकों के अनुसार बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा। टेक्सटाइल (Textile Park) और अपैरल पार्क की कनेक्टिविटी को ध्यान में रखकर राजधानी के अटारी गांव को चुना गया है। यहां से 20 किमी की दूरी पर एनएच-20 और एसएच-20 है, जो फोर लेन है और क्रमश: लखनऊ को सीतापुर और हरदोई से जोड़ता है। वहीं 20 किमी की दूरी पर 6 लेन ऑउटर रिंग रोड है। इसके साथ ही रेलवे कनेक्टिविटी भी बेहतर है। यहां से मलिहाबाद रेलवे स्टेशन 16 किमी तो लखनऊ रेलवे स्टेशन 40 किमी की दूरी पर है। पार्क (Textile Park)  से 45 किमी की दूरी पर लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट तो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर 95 किमी की दूरी पर कानुपर नोड और 500 किमी पर दादरी टर्मिनल है। इतना ही नहीं इनलैंड कंटेनर डिपो 111 किमी की दूरी पर कानुपर में है।

पीपीपी मोड पर तैयार होगा पार्क (Textile Park)

पार्क को पीपीपी मोड पर अत्याधुनिक सुविधाओं को ध्यान में रखकर तैयार किए जाने का प्रस्ताव है। इसके तहत 500 करोड़ रुपये से कोर इंफ्रास्ट्रक्टचर का निर्माण किया जाएगा, जबकि 300 करोड़ रुपये का प्राविधान मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए किया गया है, जो पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगा। पार्क के निर्माण में अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए इसे तीन भागों में बांटा गया है।

बाढ़ से निपटने को जून में ही ‘सुकून’ देने को तत्पर योगी सरकार

पहला कॉमन इंफ्रास्ट्रक्चर, दूसरा सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर और तीसरा प्रीमियम स्पेस है। इसमें कॉमन इंफ्रास्ट्रक्चर में रोड नेटवर्क, चौबीस घंटे और सातों दिन पॉवर सप्लाई, वॉटर सप्लाई, वेयरहाउस, जीरो लिक्विड डिस्चार्ज इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, ट्रेनिंग एंड स्किल डेवलपमेंट फैसिलिटी, प्रशासनिक बिल्डिंग प्रोडेक्ट डिस्प्ले फैसिलिटी और एग्जीबिशन सेंटर के साथ टेस्टिंग लैबोरेटरी आदि शामिल है। वहीं सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर में वर्कर्स हास्टल, हाउसिंग जोन, मेडिकल फैसिलिटी, कामर्शियल एंड रिक्रिएटिंग फैसिलिटी, ओपन स्पेस और पार्क, सिक्योरिटी आदि शामिल है। इसी तरह प्रीमियम स्पेस में इंडस्ट्रियल प्लॉट और प्लग एंड इंडस्ट्रियल शेड शामिल हैं।

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