CM Yogi

खान-पान की सामग्री में मिलावट खोरी स्वीकार नहीं: सीएम योगी

316 0

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने पर्व-त्योहारों के दृष्टिगत खान-पान के वस्तुओं की शुद्धता के लिए प्रदेशव्यापी अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री  (CM Yogi) ने अधोमानक, नकली, मिलावटी अथवा प्रतिबंधित दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रभावी नियंत्रण बनाये रखने के निर्देश भी दिए। बैठक में मुख्यमंत्री  द्वारा निम्न दिशा-निर्देश दिए गए

  • राज्य सरकार सभी 25 करोड़ प्रदेशवासियों के लिए सुरक्षित व स्वास्थ्यप्रद खाद्य एवं औषधि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है। प्रदेश में अधोमानक, नकली, मिलावटी अथवा प्रतिबंधित दवाओं का निर्माण, बिक्री और वितरण किसी भी दशा में नहीं होना चाहिए। ऐसी गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण बनाए रखें।
  • मिलावटखोरी आम जन के वन से खिलवाड़ है। किसी भी सूरत में मिलावटखोरी को सहन नहीं किया जाएगा। पर्व-त्योहारों के दृष्टिगत खाद्य पदार्थों की जांच की कार्रवाई तेज की जाए। मिलावटी खाद्य पदार्थों के बिक्री की हर शिकायत पर तत्काल कार्यवाही हो। मिशन रूप में प्रदेशव्यापी निरीक्षण किया जाना चाहिए। मिलावटखोरों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।
  • यह सुखद है कि विगत दिनों 07 मंडल मुख्यालयों पर सचल खाद्य जांच प्रयोगशालाओं का संचालन प्रारंभ हो गया है। मेरठ, गोरखपुर और आगरा में दवाओं के नमूनों का विश्लेषण करने की सुविधा भी शुरू हो गई है। इसी प्रकार, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, बस्ती, मुरादाबाद, झांसी, सहारनपुर, अलीगढ़, मिर्जापुर, बरेली, आजमगढ़, अयोध्या और देवीपाटन मंडल में मंडलीय प्रयोगशालाओं का निर्माण जल्द से जल्द पूरा कराया जाए। जिला स्तर पर एक नोडल अधिकारी तैनात करते हुए इन कार्यों की दैनिक मॉनीटरिंग की जाए। यह व्यापक जनहित से जुड़ीं महत्वपूर्ण परियोजनाएं हैं, इसमें अनावश्यक देरी होने पर जवाबदेही तय की जाएगी।
  • वर्तमान में प्रदेश में खाद्य प्रयोगशालाओं की विश्लेषण क्षमता 30,000 खाद्य नमूने प्रति वर्ष की है। प्रयोगशालाओं की संख्या और क्षमता बढ़ाते हुए इसे 01 लाख से अधिक नमूने की क्षमता तक बढ़ाया जाए। इसी प्रकार, औषधि प्रयोगशालाओं की विश्लेषण क्षमता जो कि अभी 10,000 औषधि नमूने प्रति वर्ष है, उसे 50 हजार तक बढ़ाने की कार्यवाही करें।
  • ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के प्रयासों के क्रम में ड्रग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को और सरल किया जाना आवश्यक है। आवेदन के बाद लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया एक तय समय-सीमा के भीतर पूरी होनी चाहिए। आवेदक को परेशान न होना पड़े। इस दिशा में आवश्यक कार्यवाही की जाए।
  • औषधि नियंत्रक के पद पर योग्य अधिकारी का चयन करते हुए पूर्णकालिक तैनाती की जाए।
  • राज्य प्रयोगशालाओं की क्षमता वृद्धि के लिए CSIR, IITR, NBRI, CIMAP, DRDO एवं केन्द्रीय प्रयोगशालाओं/संस्थानों का सहयोग लिया जाना उचित होगा। प्रदेश के सभी मंडलों में खाद्य प्रयोगशालाओं का NABL प्रमाणीकरण कराएं।
  • प्रयोगशालाओं में जांच उपकरणों की कमी न रहे। मानकों के अनुरूप इनके रखरखाव, वैधता अवधि, क्रियाशीलता आदि का परीक्षण किया जाए। औषधि एवं प्रयोगशाला संवर्ग की समीक्षा करते हुए आवश्यकतानुसार नए पद भी सृजित किए जाने चाहिए।
  • प्रयोगशालाओं में योग्य और दक्ष कार्मिकों की तैनाती होनी चाहिए। साइंटिफिक अफसर, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, विश्लेषक, सहित सभी महत्वपूर्ण पदों पर योग्य युवाओं के चयन की कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी कर ली जाए।

Related Post

आजमगढ़ को आतंकवाद का पनाहगार नहीं, मां सरस्वती का मंदिर बनाया : शाह

Posted by - November 13, 2021 0
राज्य विश्वविद्यालय का भूमि पूजन और शिलान्यास करने पहुंचे केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को यहां के सांसद और…
Adani Airport

अडानी एयरपोर्ट ग्रुप लखनऊ में भर्ती के नाम पर फर्जीवाड़ा, जालसाजों ने युवाओं को ठगा

Posted by - March 7, 2021 0
लखनऊ। अडानी एयरपोर्ट (adani airport) ग्रुप लखनऊ में फर्जी भर्ती निकालकर जालसाजों ने युवाओं को ठगा है। जालसाजों ने सोशल…
AK Sharma

देश में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा उत्तर प्रदेश: एके शर्मा

Posted by - September 20, 2024 0
लखनऊ। देश में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश अग्रणी भूमिका निभा रहा है। देश एवं प्रदेश…
President

मुझे विश्वास है कि आप सबके अथक प्रयास से उत्तर प्रदेश जल्द उत्तम प्रदेश बनेगा: राष्ट्रपति

Posted by - June 6, 2022 0
लखनऊ: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द (President Ram Nath Kovind) ने सोमवार को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधान मण्डल की संयुक्त…