chief minister of uttarakhand

अनिल बलूनी, अजय भट्ट समेत ये पांच नाम हैं चर्चा में, जानिए क्यों

957 0
देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दिल्ली दौरे ने उत्तराखंड (chief minister of uttarakhand) की सियासत में हलचल मचा दी है। एक तरफ जहां त्रिवेंद्र सिंह रावत के हाथ से सत्ता जाने के कयास लगाए जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ कुछ राजनीतिक गलियारों में नए चेहरे को लेकर चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अचानक दिल्ली दौरे से एक बार फिर उत्तराखंड में राजनीति सरगर्मियों तेज हो गई हैं। राजनीतिक गलियारों में सत्ता परिवर्तन के कयास फिर से लगाए जाने लगे हैं कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री के पद से हाथ धोना पड़ सकता है। इसके साथ ही कुछ नाम भी चर्चाओं हैं, जिनको प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है।

इस वक्त राजनीतिक गलियारों में जो नाम सबसे आगे चल रहे हैं उनमें- राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, लोकसभा सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और राज्यमंत्री धन सिंह रावत हैं।

राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी

राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के काफी खास माने जाते हैं। इसके अलावा उनकी संगठन में भी काफी अच्छी पकड़ है। बलूनी शांत और विचारों में मग्न रहने वाले नेताओं में शुमार किए जाते हैं। वह हर शब्द को नाप-तौल कर बोलने वाले आदमी हैं, चाहे सार्वजनिक तौर पर बोलना हो या निजी रूप से। इसी का नतीजा है कि कभी पत्रकार रहे अनिल बलूनी अब मोदी-शाह के करीबी लोगों में से हैं ।बलूनी राज्यसभा सांसद और भाजपा के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारी हैं।

बलूनी युवावस्था से राजनीति में सक्रिय रहे हैं। भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री, निशंक सरकार में वन्यजीव बोर्ड में उपाध्यक्ष, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और फिर राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख बने। 26 साल की उम्र में वो सक्रिय राजनीति में उतर आए और राज्य के पहले विधानसभा चुनाव 2002 में उन्होंने कोटद्वार सीट से पर्चा भरा था, लेकिन उनका नामांकन पत्र निरस्त हो गया था। इसके खिलाफ वो कोर्ट गए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2004 में कोटद्वार से उपचुनाव लड़ा, लेकिन हार गए थे. इसके बाद भी सक्रिय रहे।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक

हरिद्वार से लोकसभा सांसद और वर्तमान में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की उत्तराखंड की राजनीति में काफी अच्छी पकड़ मानी जाती है। वो उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। यूपी के जमाने में भी वो मंत्री रहे थे।

उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज

उत्तराखंड सरकार में पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज भी मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हैं। वर्तमान में पौड़ी के चौबट्टाखाल से विधायक सतपाल महाराज 2014 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। 2017 में उनके मुख्यमंत्री बनने के कयास लगाए गए थे लेकिन कमान त्रिवेंद्र सिंह रावत को मिली, जिसके बाद से ही सतपाल महाराज की नाराजगी कायम है।

नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट

नैनीताल लोकसभा सीट से सांसद अजय भट्ट भी मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हैं। इसके पहले वो उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे। अजय भट्ट के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुई 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा गया था। उनके नेतृत्व में ही बीजेपी 70 में से 57 सीटें जीती थी। हालांकि, वो खुद रानीखेत से चुनाव हार गए थे।

फिलहाल भट्ट भी त्रिवेंद्र सिंह रावत के फैसलों से नाराज बताए जा रहे हैं। दरअसल, गैरसैंण सत्र के दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को कमिश्नरी घोषित किया है। इस कमिश्नरी में चार जिलों- चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर को शामिल किया गया है। इस बात से अजय भट्ट नाराज हैं। भट्ट का मानना है कि कमिश्नरी से पहले गैरसैंण को जिला घोषित किया जाना चाहिए था।

राज्यमंत्री धन सिंह रावत

श्रीनगर गढ़वाल विधानसभा सीट से विधायक और उत्तराखंड में राज्य मंत्री धन सिंह रावत भी इस दौड़ में शामिल हैं।

Related Post

रिटायर्ड IPS अफसर का दावा, योगी के खिलाफ मर्डर की जांच शुरु करते ही हो गया ट्रांसफर

Posted by - July 25, 2021 0
सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर पूर्व रिटायर आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने खुलासा करते हुए उनपर गंभीर आरोप लगाए हैं।…