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ओबीसी वर्ग के उत्थान के लिए योगी सरकार ने तैयार किया मजबूत खाका

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लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश को ‘विकसित यूपी’ के रूप में स्थापित करने का दूरदर्शी लक्ष्य निर्धारित किया है। इस महत्त्वाकांक्षी विजन की आधारशिला ग्रामीण युवाओं, खासकर पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना, साथ ही ग्राम स्वच्छता और अवसंरचना को मजबूत बनाना है। सरकार का मानना है कि अगले 22 वर्षों में इन क्षेत्रों में व्यापक सुधार से यूपी न केवल 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है, बल्कि भारत की विकास यात्रा में भी निर्णायक भूमिका निभा सकता है। इस दिशा में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ओबीसी समुदाय के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए ठोस कदम उठा रहा है, जो प्रदेश के 52% से अधिक आबादी वाले इस वर्ग के लिए नई उम्मीद लेकर आया है।

ओबीसी उत्थान में योगी सरकार ने की अभूतपूर्व प्रगति

प्रदेश में ओबीसी वर्ग की आबादी 52% से अधिक है, और उनके सशक्तिकरण के बिना ‘विकसित यूपी’ का सपना अधूरा रहेगा। पिछले आठ वर्षों में विभाग ने ओबीसी कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। वर्ष 2024-25 में 32,22,499 ओबीसी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान की गई, जबकि पिछले आठ सालों में कुल 2,07,53,457 छात्रों को 13,535.33 करोड़ रुपये का लाभ मिला। यह राशि पूर्ववर्ती सरकार के 4,197 करोड़ रुपये के व्यय से चार गुना अधिक है, जो योगी सरकार (Yogi Government) की ओबीसी समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। विभाग का लक्ष्य 2047 तक 7 करोड़ से अधिक ओबीसी छात्रों को 80,000 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति देकर शिक्षा के माध्यम से सामाजिक बराबरी सुनिश्चित करना है। यह कदम ग्रामीण ओबीसी युवाओं को उच्च शिक्षा तक पहुंचाने में मददगार साबित होगा।

शादी अनुदान योजना बना है गरीब बेटियों का सहारा

ओबीसी समुदाय की गरीब बेटियों के लिए शादी अनुदान योजना एक क्रांतिकारी कदम है। पिछले आठ वर्षों में 1,221 करोड़ रुपये खर्च कर 6,10,483 बेटियों की शादी कराई गई, जबकि पूर्ववर्ती सरकार में यह संख्या महज 2,75,311 और व्यय 344 करोड़ रुपये था। अब अनुदान राशि को 20,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये करने का प्रस्ताव विचाराधीन है, जो ओबीसी परिवारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा।

2047 तक 24 लाख बेटियों को 14,400 करोड़ रुपये का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है, जो न केवल सामाजिक उत्थान को बढ़ावा देगा, बल्कि गरीबी उन्मूलन में भी योगदान देगा। यह योजना ओबीसी बेटियों को आत्मसम्मान और आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में महत्वपूर्ण है।

तकनीकी प्रशिक्षण से युवाओं के लिए खुल रहे रोजगार के द्वार

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना के तहत पिछले आठ वर्षों में 1,39,698 ओबीसी युवाओं को सीसीसी और ओ-लेवल प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिससे हजारों को सरकारी और निजी क्षेत्र में रोजगार मिला। यह कदम ग्रामीण ओबीसी युवाओं को आधुनिक तकनीक से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। विभाग का लक्ष्य 2047 तक 11 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करना और 3,850 करोड़ रुपये व्यय करना है। यह पहल न केवल रोजगार सृजन को बढ़ावा देगी, बल्कि ओबीसी समुदाय को डिजिटल युग में आगे बढ़ाने में मदद करेगी।

ओबीसी छात्रों के लिए छात्रावासों का विस्तार देगी योगी सरकार (Yogi Government) 

ओबीसी छात्रावासों के अनुरक्षण और नए निर्माण को 2047 तक प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि निःशुल्क आवास सुविधा से अधिक से अधिक ओबीसी छात्र लाभान्वित हों। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की कमी को दूर करने के लिए यह कदम अहम है। नई छात्रावास सुविधाएं ओबीसी छात्रों को बेहतर माहौल में पढ़ाई करने का अवसर प्रदान करेंगी, जो ‘विकसित यूपी’ के विजन का अभिन्न हिस्सा है। विभाग का प्रयास है कि हर जिले में ओबीसी छात्रों के लिए आधुनिक छात्रावास बनें, ताकि शिक्षा उनकी पहुंच से बाहर न रहे।

यूपी को राष्ट्रीय विकास में अग्रणी राज्य बनाने में ओबीसी वर्ग का विकास अहम

ग्रामीण शिक्षा, स्वच्छता और अवसंरचना को मजबूत करने से ओबीसी समुदाय का सशक्तीकरण संभव है। पिछले आठ वर्षों में विभाग ने शिक्षा, विवाह और रोजगार में जो प्रगति की, वह ओबीसी कल्याण की दिशा में मील का पत्थर है। छात्रवृत्ति, शादी अनुदान और तकनीकी प्रशिक्षण जैसी योजनाओं ने ओबीसी युवाओं और बेटियों को नई दिशा दी है। 2047 तक यह प्रयास ओबीसी समुदाय को समृद्ध बनाएगा और यूपी को राष्ट्रीय विकास में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करेगा।

पिछड़ा वर्ग कल्याण व दिव्यांग सशक्तीकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ओबीसी समुदाय की भागीदारी के बिना विकास अधूरा है। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की इन पहलों से न केवल ओबीसी युवाओं को अवसर मिल रहे हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य तभी साकार होगा, जब ओबीसी समुदाय को शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा के समान अवसर मिलें। विभाग का यह विजन ओबीसी समुदाय को मुख्यधारा में लाकर यूपी को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में अग्रसर है।

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